लखनऊ (ब्यूरो)। चैत्र नवरात्र के सातवें दिन मंगलवार को मंदिरों और घरों में मां भगवती के सातवें स्वरूप कालरात्रि की विधिवत आराधना हुई। देवी मंदिरों के कपाट भक्तों के लिए तड़के खोले गये, जहां बड़ी संख्या में पहुंचकर भक्तों ने मां के दर्शन करते हुए सुख-शांति की मनोकामना मांगी। व्रती महिलाओं ने मां कालरात्रि का भजन और कीर्तन भी गाया।

मंदिरों में हुआ भव्य श्रृंगार

नवरात्र के सातवें दिन देवी मंदिरों में मां का भव्य श्रृंगार किया गया। ठाकुरगंज स्थित पूर्वी देवी मंदिर में मां का कालरात्रि स्वरूप में श्रृंगार हुआ। वहीं, चौक स्थित बड़ी कालीजी मंदिर में भी मां का भव्य श्रृंगार कर उन्हें गुलाब और गेंदा के फूलों से सजाया गया। साथ ही मां को आभूषण भी पहनाये गये। दूसरी ओर चौपटिया स्थित संदोहन देवी मंदिर में मां ने महिषासुर पर सवार होकर भक्तों को दर्शन दिये। भक्त भी गर्मी और प्यास बर्दाश्त करते हुए मां के दर्शनों को आतुर दिखे।

ऐसे करें मां महागौरी की आराधना

मां भगवती का आंठवा स्वरूप महागौरी के रूप में पूजा जाता है। महागौरी की आराधना करने से मन वांछित फल मिलता है। मां की पूजा करने के लिए सबसे पहले स्नानादि से निवृत होने के बाद चौकी पर महागौरी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें और गंगा जल या गोमूत्र से शुद्धिकरण करें। चौकी पर सामर्थय अनुसार घड़े में जल भरकर उस पर नारियल रखकर कलश स्थापना करें। चौकी पर श्रीगणेश, वरुण, नवग्रह, 16 देवियां और सात सिंदूर की बिंदी लगाकर स्थापना करें। इसके बाद मां के मंत्रों का उच्चारण करते हुये आराधना करें। पंचामृत का भोग लगाकर सभी को दें और स्वयं भी ग्रहण करें।