- सावन के चौथे सोमवार पर मंदिरों में रखा गया सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान

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LUCKNOW:

सावन के चौथे सोमवार को राजधानी के शिवालयों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ जुटी रही। कोरोना संक्रमण के चलते अधिकतर मंदिरों के गर्भगृह में भक्तों को नहीं जाने दिया गया और भक्तों ने दूर से ही भोले के दर्शन किए। सभी शिवालय देर शाम तक हर हर महादेव के जयकारों से गूंजते रहे।

गर्भगृह में जाने की नहीं इजाजत

मनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्यागिरि ने श्रंगार व आरती के बाद मंदिर के कपाट खोले गए। यहां महिलाओं व पुरुषों की अलग-अलग लाइन बनाई गई थी। भक्तों ने यहां मंदिर के द्वार के पास लगे अर्घा से ही शिव पर जलाभिषेक किया। यहां आने वाले भक्त सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह पालन कर रहे थे।

कोरोना दूर करने की कामना

कोतवालेश्वर, कोनेश्वर मंदिर, कल्याण गिरि मंदिर, बड़ा व छोटा शिवाला, महाकालेश्वर मंदिर में भी पुजारियों द्वारा श्रंगार और आरती की गई। सभी मंदिरों में शिव भक्तों ने भोले से कोरोना संकट जल्द दूर करने की कामना की।

भोले की भस्म आरती

राजेंद्र नगर स्थित महाकाल मंदिर में तड़के भस्म आरती का आयोजन किया गया। जिसे भक्तों ने मंदिर के बाहर लगी एलईडी और ऑनलाइन माध्यम से देखा। संयोजक अतुल मिश्रा ने बताया कि महाकाल बाबा से कोरोना संकट से मुक्ति के लिए पूजन और रुद्राभिषेक का आयोजन किया गया। भक्तों को बाबा के दर्शन बाहर से ही कराए गए। वहीं सदर स्थित द्वादश ज्योतिर्लिग मंदिर में भी बाहर से ही भक्त भोले के दर्शन कर सके।