लखनऊ (ब्यूरो)। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि में समुंद्र मंथन के समय आयुर्वेद के देवता भगवान धंवंतरि अमृत का कलश लेकर निकले थे। इसलिए इस तिथि को धंवंतरि जयंती भी कहते हैं। आज के दिन भगवान धंवंतरि की पूजा करने से पूरे वर्ष आरोग्यता बनी रहती है। धनत्रयोदशी अर्थात धनतेरस शुक्रवार को है, हस्त नक्षत्र रात्रि 12:21 तक है व पूरे दिन अमृत योग रहेगा। जो अत्यंत ही शुभ माना जाता है। गोधूली वेला में त्रयोदशी तिथि मिल रही है, इसलिए इस वार की धनत्रयोदशी अत्यंत शुभ मानी जा रही है।

व्यापारी वर्ग कार्य स्थल पर करें पूजा

ज्योतिषाचार्य पं। राकेश पांडेय बताते हैं कि धन त्रयोदशी के दिन कुबेर, गणेश व लक्ष्मी जी के पूजन का विधान हमारे शास्त्रों में बताया गया है। व्यापारी वर्ग को चाहिए की धन त्रयोदशी के दिन ही अपने व्यापारिक स्थल पर स्थिर लग्न व गोधूलि बेला वृष लग्न में पूजन करें। जो सांय 5:31 से 7:28 तक व रात्रि काल सिंह लग्न रात्रि 11:58 से 2:12 बजे तक है। इस लग्न में गणेश, लक्ष्मी व कुबेर का पूजन करें। जिससे पूरे वर्ष भर व्यापार में बढ़ोत्तरी होती रहती है व लक्ष्मी-गणेश व कुबेर की कृपा सदैव बनी रहती है।

शुभ मुहूर्त में करें खरीदारी

धर्मशास्त्रों के अनुसार, धन त्रयोदशी तिथि में नवीन बर्तन, चांदी व सोना आदि खरीदना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दिन धातु के बर्तन या अन्य वस्तुएं खरीदना शुभप्रद होता है। खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त 12:53 से 2:24 व सायं 5:30 से 7:27 तक है।

राशि पर यह पढ़ेगा असर

मेष: व्यापार में वृद्धि व धन लाभ

वृष: रोग से भय, भगवान शिव की उपासना से लाभ

मिथुन: धनप्राप्ति, व्यापार में वृद्धि परंतु स्वास्थ के प्रति सावधान रहें

कर्क: शत्रु से भय, भगवती की उपासना करें और सफेद वस्तुएं दान करने से लाभ

सिंह: आकस्मिक धन लाभ रुके हुए कार्य संपन्न होंगे, परंतु किसी को धन सोच समझकर दें

कन्या: व्यापार में वृद्धि परंतु मानसिक कष्ट हो सकते है। गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें

तुला: अपव्य परंतु भगवान शिव के आराधना से कार्यों में सफलता प्राप्ति

वृश्चिक: निरर्थक भागदौड़ परंतु हनुमान जी की आराधना करें, लाल वस्तुएं दान करें समस्याएं दूर होंगी

धनु: अचानक धन लाभ, व्यापार में वृद्धि

मकर: रोग की बाहुल्यता परंतु हनुमान जी की आराधना करने से लाभ

कुंभ: कार्यों में वृद्धि व धन लाभ

मीन: मानसिक कष्ट परंतु पीले वस्तुओं के दान के पश्चात लाभ संभव