नंबर गेम
2 हजार मकान इलाके में
7 हजार की जनसंख्या
19 साल पहले बनी कॉलोनी
- जलनिकासी और सड़कें न होने से कॉलोनी की गलियां बनीं तालाब
LUCKNOW : वीआईपी एरिया के बीच बसे अहिमामऊ कुल्ली खेड़ा के चारों ओर हाईराइज बिल्डिंग, शहीद पथ और पुलिस मुख्यालय है। इसके बाद भी यहां के पांच कॉलोनी में 19 साल से विकास के कार्य नहीं हुए हैं। यहां न रोड है और ना ही नाली। कुछ कॉलोनी के लोगों ने चंदा कर खुद खड़ंजा और नालियों का निर्माण कराया है। बारिश के मौसम में इन कॉलोनी में लोगों को भीषण जलभराव का सामना करना पड़ता है। यहां आज तक लोग वॉटर और सीवर लाइन का इंतजार कर रहे हैं। जबकि करीब डेढ़ साल पहले ही ये एरिया नगर निगम में शामिल हो चुके हैं।
शानदार मकान, रोड गायब
एरिया की पांचो कॉलोनी में कई आलीशान मकान हैं लेकिन रोड नहीं है। आलम यह है कि नालियां न होने से जरा सी बरसात होने पर लोगों के घरों के सामने पानी भर जाता है। कॉलोनी से एक रास्ता पुलिस मुख्यालय जाता है, यह भी पूरी तरह एक पगडंडी की तरह है।
सोसाइटी ने भी अनदेखी
ओमेक्स टाउनशिप भी इस एरिया में है। अपार्टमेंट के आगे के हिस्से में तो रोड, नाली आदि की अच्छी सुविधा है लेकिन पीछे के हिस्से में मेन रोड ही कई साल से खस्ताहाल पड़ी हुई है। इस एरिया में बच्चों के खेलने के लिए एक पार्क तक नहीं है।
जल आपूर्ति गायब
इलाके में पेयजल आपूर्ति वर्षो से गायब है। जनप्रतिनिधि व नेताओं की मेहरबानी के चलते कभी सरकारी हैंडपंप की सुविधा दी गई लेकिन अब वह भी सूख गए हैं। बारिश होने पर यहां के खाली प्लाटों में पानी भर जाता है और मवेशी इस का स्वीमिंग पूल की तरह यूज करते हैं।
बातचीत
यहां कोई रोड नहीं है। गलियां बारिश के दिनों में तालाब में तब्दील हो जाती हैं। लाखों रुपए खर्च कर लोगों ने यहां मकान बनवाए हैं लेकिन यहां एक भी सुविधा नहीं मिल सकी है।
आलोक मौर्या
आगे के हिस्से में अपार्टमेंट हैं, वहीं कॉलोनी में रोड इतनी खराब हैं कि उस पर पैदल चलना भी मुश्किल है। हम लोगों की न नगर निगम सुनता है और ना ही एलडीए।
अमन पांडेय
यहां न रोड है और ना ही वाटर लाइन। जलनिकासी की सुविधा न होने से जरा सा पानी बरसते ही एरिया में भीषण जल भराव हो जाता है। यहां की मेन सड़कें भी आज तक नहीं बनी हैं।
अनुपम शुक्ला
हमने लाखों खर्च कर यहां मकान बनवाया और टैक्स देने को भी तैयार हैं। कॉलोनी नगर निगम में शामिल हो गई है। इसके बाद भी यहां कोई विकास का कार्य नहीं हुआ है।
जयंत सिंह
बारिश के दिनों में जल भराव के कारण बच्चे और बुजुर्ग घरों में कैद हो जाते हैं। जल निकासी की सुविधा न होने से कई घरों का पानी भी रोड पर आ जाता है।
मनीष यादव
रोड न होने से बारिश का पानी घरों तक में भर जाता है और रोड एक तालाब में तब्दील हो जाती है। हम लोगों को आज तक मूलभूत सुविधाएं तक इस कॉलोनी में नहीं मिली हैं।
मनोज
जब तेज बारिश होती है तो हालात ऐसे हो जाते हैं कि लोगों के घरों में किचन और बेडरूम तक पानी भर जाता है। मजबूरी में लोगों ने टूटी-फूटी नालियों के ऊपर रैंप बनवा लिए हैं।
शालू गुप्ता
कहने को तो यह शहर का हिस्सा है लेकिन हालात यहां गांव से भी ज्यादा खराब हैं। नगर निगम में शामिल होने के बाद भी विकास यहां से कोसों दूर है।
उदय प्रताप यादव