लखनऊ (ब्यूरो)। नाला सफाई को लेकर डीजे आईनेक्स्ट की ओर से एक्स पर चलाए गए पोल से जुड़े 36 प्रतिशत लोगों ने माना है कि नाला सफाई के लिए जारी होने वाले बजट में करप्शन की वजह से राजधानी के कई इलाके तालाब बन जाते हैैं और जनता परेशान होती है। वहीं 34 प्रतिशत लोगों का कहना है कि नाला सफाई को लेकर सिस्टम सीरियस नहीं है। वहीं 18 प्रतिशत लोगों ने नाला चोक होने और 13 प्रतिशत लोगों ने अनियोजित विकास को प्रमुख कारण बताया है।

यह पूछा गया था सवाल

डीजे आईनेक्स्ट की ओर से एक्स पर पोल किया गया था। जिसका सवाल यह था कि नाला सफाई के नाम पर करोड़ों खर्च होते हैैं पर बारिश में लखनऊ के कई इलाके तालाब बन जाते हैैं, क्या वजह है?

ये विकल्प दिए गए थे

आप्शन पार्टिसिपेशन (प्रतिशत में)

1-नाले हैैं चोक 18

2-बजट में करप्शन 36

3-सीरियस नहीं सिस्टम 34

4-अनियोजित विकास 13

बजट में करप्शन

पोल से जुड़े 36 प्रतिशत लोगों का मानना है कि नाला सफाई के लिए जो हर साल करोड़ों रुपये का बजट जारी किया जाता है, उसमें खेल किया जाता है। बजट में गड़बड़ी किए जाने की संभावना की वजह से ही प्रॉपर नाला सफाई नहीं हो पाती है। इसकी वजह से जब बारिश होती है तो नाले ओवरफ्लो होते हैैं और उस इलाके की जनता को जलभराव की समस्या से रूबरू होना पड़ता है।

सीरियस नहीं सिस्टम

पोल से जुड़े 34 प्रतिशत लोगों का मानना है कि नाला सफाई को लेकर सिस्टम सीरियस नहीं है। इसकी वजह से नाला सफाई प्रॉपर तरीके से नहीं हो पाती है। जहां भी नाला सफाई होती है, वहां पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है। जिसकी वजह से लोगों को जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ता है। लोगों का यह भी कहना है कि सिस्टम को नाला सफाई को लेकर सीरियस होना पड़ेगा। जब तक नाला सफाई को लेकर मॉनीटरिंग सिस्टम नहीं होगा, तब तक नाला सफाई को लेकर कंपलेन सामने आती रहेंगी।

नाले हैैं चोक

पोल से जुड़े 18 प्रतिशत लोगों का मानना है कि शायद ही कोई ऐसा नाला हो, जो चोक न हो। ज्यादातर नाले गंदगी से पटे हुए हैैं। जिससे जब बारिश होती है तो बारिश का पानी नालों से फ्लो नहीं हो पाता है। नालों से पानी बैक होने की वजह से रोड्स पर पानी भर जाता है। लोगों का मानना है कि सबसे पहले तो हर एक नाले की स्टेटस रिपोर्ट तैयार कराई जानी चाहिए, फिर उसके आधार पर नाला सफाई शुरू कराई जानी चाहिए,

अनियोजित विकास

पोल में शामिल 13 प्रतिशत लोगों का यह भी माना है कि राजधानी में हो रहा अनियोजित विकास जलभराव का प्रमुख कारण है। बिना किसी प्लान के जो डेवलपमेंट वर्क हो रहे हैैं, उनकी वजह से जलनिकासी पर असर देखने को मिल रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि जलनिकासी व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैैं। जो नए एरियाज हैैं, वहां भी जलनिकासी की कोई व्यवस्था नहीं है।

ये कमेंट्स भी आए

1-नाला सफाई के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार किया जाता है। नाला सफाई को लेकर कोई भी सटीक कदम नहीं उठाया जाता है। सिस्टम की लापरवाही का खामियाजा जनता भुगतती है।

सूरज कश्यप

2-इलाके के तालाब बनने की मुख्य वजह बजट में भ्रष्टाचार किया जाना है। बिना नाला साफ हुए रिपोर्ट लगा दी जाती है। कागजों में ही नाला साफ होता है, जिसकी वजह से जलभराव की समस्या सामने आती है।

ममता त्रिपाठी

3-सिस्टम को नाला सफाई को लेकर सीरियस होने की जरूरत है। अगर सिस्टम ही गंभीर नहीं होगा तो स्पष्ट है कि नाला पूरी तरह से साफ नहीं होगा। सिस्टम को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।

आकाश, आलमबाग

4-पब्लिक को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। हर किसी का प्रयास होना चाहिए कि नाले-नालियों में किसी भी प्रकार का वेस्ट न डालें।

उत्कर्ष सिंह, गोमतीनगर

5-यह बात सही है कि नाला सफाई में जमकर खेल किया जाता है। करोड़ों खर्च हो जाते हैैं लेकिन नाले पूरी तरह से साफ नहीं हो पाते हैैं। इस तरफ ध्यान दिए जाने की जरूरत है। नाला सफाई को लेकर मॉनीटरिंग बहुत जरूरी है।

सीमा, अलीगंज