लखनऊ (ब्यूरो)। प्रदेश के तीन करोड़ बिजली उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का करंट लग सकता है। वजह यह है कि पॉवर कॉरपोरेशन व बिजली कंपनियों के दबाव में विद्युत नियामक आयोग ने ईंधन अधिभार शुल्क में प्रस्तावित बढ़ोत्तरी पर कार्यवाही शुरू कर दी है। अगर कारपोरेशन के प्रस्ताव को इंप्लीमेंट कर दिया गया तो अलग-अलग श्रेणी वार 28 पैसे प्रति यूनिट से लेकर 1.09 प्रति यूनिट तक बिजली दरों में इजाफा हो जाएगा। इसका उपभोक्ता परिषद की ओर से विरोध शुरू कर दिया गया है।

अपनी आपत्ति दाखिल कर सकता है

ऊर्जा मंत्री ने कहा था कि ईंधन अधिभार के नाम पर बिजली दरों में बढ़ोत्तरी नहीं होगी लेकिन दूसरी ओर पॉवर कारपोरेशन के दबाव में विद्युत नियामक आयोग ने 26 जुलाई को पॉवर कॉरपोरेशन की ओर से सभी बिजली कंपनियों के लिए दाखिल ईंधन अधिभार शुल्क में प्रस्तावित बढ़ोत्तरी पर कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए बिजली कंपनियों को प्रस्ताव को सार्वजनिक करने का निर्देश जारी किया गया है। यह भी कहा गया है कि तीन हफ्ते तक कोई भी बिजली उपभोक्ता आपत्ति दाखिल कर सकता है।

5 साल में एक बार भी कदम नहीं उठाया

ऊर्जा क्षेत्र के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर सरप्लस निकल रहा है, इसके बाद भी ईंधन अधिभार शुल्क में बढ़ोत्तरी की तैयारी है। चौंकाने वाला मामला यह है कि इसके पहले विद्युत नियामक आयोग ने पांच वर्षों में एक बार भी ईंधन अधिभार में पावर कारपोरेशन के प्रस्ताव पर कार्रवाई इसीलिए नहीं की क्योंकि बिजली उपभोक्ताओं का कंपनियों पर 33122 करोड़ सरप्लस निकल रहा था।

61 पैसा प्रति यूनिट के हिसाब से दाखिल

बिजली कंपनियों की ओर से कारपोरेशन ने यूपी विद्युत नियामक आयोग में ईंधन अधिभार यानी कि फ्यूल सरचार्ज जनवरी, फरवरी और मार्च 2023 क्वार्टर चार के लिए जो प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग में 61 पैसा प्रति यूनिट के आधार पर श्रेणी वार दाखिल किया है। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहाकि ईंधन अधिभार लगाने के लिए विद्युत नियामक आयोग ने जून 2020 में एक कानून बनाया है। पावर कारपोरेशन ने उस कानून के विपरीत जाकर मनमाने तरीके से प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं की बिजली दरों में बढ़ोत्तरी के लिए जो साजिश की है, वह पूरी तरीके से आयोग की अवमानना है। उसे आयोग अविलंब खारिज करे।

प्रस्ताव खारिज किया जाए

अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि जिस राज्य के बिजली उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर लगभग 33122 करोड़ सरप्लस निकल रहा है, उस राज्य में किस आधार पर ईंधन अधिभार लगाने के लिए आयोग में प्रस्ताव दाखिल कर दिया गया। इसे खारिज करना चाहिए। प्रदेश की बिजली कंपनियां प्रदेश के उपभोक्ताओं की बिजली दरें बढ़ाने के लिए कई तरह के प्रयास कर रही हैं। परिषद अध्यक्ष का कहना है कि जून, फरवरी और मार्च 2023 के लिए जो आंकलन पावर कारपोरेशन ने प्रदेश के उपभोक्ताओं से कुल 1437 करोड़ की वसूली करने के लिए 61 पैसा प्रति यूनिट के आधार पर श्रेणी वार औसत बिलिंग दर के आधार पर उपभोक्ताओं पर बढ़ोतरी मांगी है, वह 28 पैसे प्रति यूनिट से लेकर रूपया 1.09 प्रति यूनिट तक है।

इस तरह से पड़ सकता है भार

श्रेणी वार उपभोक्ता प्रस्तावित ईंधन अधिभार बढ़ोत्तरी

घरेलू बीपीएल 28 पैसे प्रति यूनिट

घरेलू सामान्य 44 से 56 पैसे प्रति यूनिट

कामर्शियल 49 से 87 पैसे प्रति यूनिट

किसान 19 से 52 पैसे प्रति यूनिट

नान इंडस्ट्रील बल्कलोड 76 से रुपया 1.09 प्रति यूनिट

भारी उद्योग 54 से 64 पैसे प्रति यूनिट