लखनऊ (ब्यूरो)। बिजली कंपनियों का नया खेल सामने आया है। बिजली कंपनियां चोर दरवाजे के माध्यम से स्लैब परिवर्तन के सहारे बिजली दर बढ़ाने की तैयारी कर रही हैैं। अगर ऐसा हुआ तो करीब 90 लाख उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का करंट लगेगा। मामले की गंभीरता को देखते हुए उपभोक्ता परिषद एक्शन मोड में आ गया है और बिजली कंपनियों के स्लैब को लेकर आवाज उठाई है।

चौंकाने वाला मामला आया सामने

उपभोक्ता परिषद ने बिजली कंपनियों के स्लैब परिवर्तन का विश्लेषण किया तो बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। वर्तमान में यदि बिजली कंपनियों के स्लैब परिवर्तन को वर्तमान दर में ही परिवर्तित कर दिया जाए तब भी चोर दरवाजे से प्रदेश के घरेलू शहरी व शहरी दुकानदारों सहित अन्य उपभोक्ताओं की बिजली दरों में व्यापक बढ़ोत्तरी होगी। जहां घरेलू ग्रामीण बिजली उपभोक्ताओं की दरों में स्लैब परिवर्तन से 300 यूनिट के ऊपर प्रभाव पड़ेगा, वही शहरी घरेलू बिजली उपभोक्ताओं की बिजली दरों में पहले स्लैब से ही अंतर आना शुरू हो जाएगा।

चालाकी से दिया प्रस्ताव

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि बिजली कंपनियों ने बहुत चालाकी से बिजली दर का प्रस्ताव नहीं दिया लेकिन बिना दरों को भरे स्लैब परिवर्तन का प्रस्ताव दाखिल किया है। यदि विद्युत नियामक आयोग वर्तमान लागू दर को ही स्लैब परिवर्तन में डालेगा तो प्रदेश के घरेलू शहरी लगभग 90 लाख उपभोक्ताओं सहित अन्य उपभोक्ताओं की बिजली दरों में खुद ही दरें बढ़ जाएंगी। अभी घरेलू बिजली उपभोक्ताओं की शहरी क्षेत्र में चार स्लैब लागू हैैं लेकिन वर्तमान व्यवस्था में स्लैब परिवर्तन में यूनिट को कम करके स्लैब बनाया गया है जिससे उपभोक्ताओं का नुकसान होगा।

इस तरह पड़ेगा असर

घरेलू शहरी किलोवाट यूनिट बिलिंग प्रति माह वर्तमान टैरिफ (रु.) बिलिंग प्रति माह प्रस्तावित स्लैब परिवर्तन (रु.) नुकसान प्रति माह (रु.)

1 किलोवाट 150 यूनिट 935 960 25

2 किलोवाट 200 यूनिट 1345 1395 50

2 किलोवाट 250 यूनिट 1645 1720 75

3 किलोवाट 300 यूनिट 2055 2155 100

4 किलोवाट 400 यूनिट 2815 2965 150

5 किलोवाट 500 यूनिट 3575 3775 200

शहरी दुकानदार किलोवाट यूनिट बिलिंग प्रतिमाह वर्तमान टैरिफ (रु.) बिलिंग प्रतिमाह प्रस्तावित स्लैब परिवर्तन (रु.) नुकसान प्रति माह (रु.)

2 किलोवाट 300 यूनिट 2910 3090 180

4 किलोवाट 400 यूनिट 4530 5620 1090

हर महीने उपभोक्ताओं को नुकसान

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष का कहना है कि जब बिजली कंपनियों की ओर से दिए गए टैरिफ को लेकर अलग-अलग स्लैब में फिक्स्ड चार्ज व यूनिट चार्ज को जोड़कर जब उसका आंकलन किया गया तो उससे यह मामला सामने आया की घरेलू शहरी उपभोक्ताओं का हर महीने 25 रुपये से लेकर 200 रुपये तक नुकसान हो सकता है। उपभोक्ता परिषद ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश सरकार से मांग उठाई है कि जब बिजली कंपनियों पर प्रदेश के उपभोक्ताओं का लगभग 22045 करोड़ सरप्लस निकल रहा है तो ऐसे में बिजली दरों में कमी की जाए।