लखनऊ (ब्यूरो)। जिन वाहनों का अंतिम नंबर 0, 1, 2 और 3 है, उनके मालिक तुरंत हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) लगवा लें, वरना पकड़े जाने पर पांच हजार रुपये जुर्माना देना होगा। 15 मई के बाद ऐसे वाहनों का चालान और जुर्माना किया जा सकता है। सभी वाहनों के अंतिम नंबर के हिसाब से एचएसआरपी लगवाना अनिवार्य है। इसके लिए नंबरवार तिथियां तय की गई थीं। यह प्लेट लगवाने के लिए www.siam.in पर आवेदन कर सकते हैं। फर्जी वेबसाइटों से बचें। एचएसआरपी के तहत नई नंबर प्लेट लगवाने के लिए पहले ही विभाग की ओर से लंबा समय दिया जा चुका है। विभाग अब वाहन मालिकों को और मौका देने के मूड में नहीं है।

किसको कब तक मौका

- 15 अगस्त 2022 तक - जिन वाहनों के नंबर के अंत में 4 और 5 है।

- 15 नवंबर 2022 तक - जिन वाहन के नंबर के अंत में अंत में 6 और 7 है।

- 15 फरवरी 2023 तक - जिन वाहन के नंबर के अंत में अंत में 8 और 9 है।

-0, 1, 2, 3 अंतिम नंबर वाले वाहन स्वामियों में एचएसआरपी लगवाए जाने की तारीख बीत गई है। पूरे प्रदेश में कार्रवाई के लिए गाइडलाइन जारी की जा चुकी है।

-देवेंद्र कुमार त्रिपाठी, अपर परिवहन आयुक्त

वाहनों के ट्रेड सर्टिफिकेट की वैधता अब पांच साल तक

वाहन शोरूम मालिकों का ट्रेड सर्टिफिकेट अब पांच साल के लिए मान्य होगा। इसका नवीनीकरण भी हर पांच साल पर किया जाएगा। इसके लिए वाहन शोरूम मालिकों को बार-बार आरटीओ कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने होंगे। साथ ही, ऑनलाइन व्यवस्था किए जाने से अब अधिकारियों की मिन्नतें भी नहीं करनी होंगी। ऐसे में, उनके व्यापार की राह अब आसान हो गई है। परिवहन अधिकारियों के अनुसार, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने संबंधित केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के कुछ प्रावधानों में संशोधन कर दिया है। वाहन शोरूम संचालकों का ट्रेड सर्टिफिकेट अब तक मात्र एक साल के लिए मान्य होता था। इसके बाद हर साल इसका नवीनीकरण कराना पड़ता था। वाहन शोरूम संचालकों को अब ट्रेड सर्टिफिकेट के लिए वाहन पोर्टल पर ही ऑनलाइन आवेदन करना होगा। ऑनलाइन ही उसे आरटीओ कार्यालय से अप्रूवल दिया जाएगा। ट्रेड सर्टिफिकेट पांच साल के लिए मान्य होगा। राजधानी में छोटे-बड़े वाहनों के तकरीबन 512 शोरूम मौजूद हैं।

नियमों में बदलाव कर दिया गया है। आदेश आते ही व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। अब वाहन शोरूम मालिकों को पांच साल के लिए ट्रेड सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा।

-एके द्विवेदी, एआरटीओ प्रशासन, लखनऊ