लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी के हजरतगंज स्थित झलकारीबाई महिला चिकित्सालय में निर्माणाधीन लैब की फाल्स सीलिंग शुक्रवार सुबह अचानक गिर गई, जिससे अस्पताल में हड़कंप मच गया। राहत की बात यह रही कि इस हादसे के दौरान वहां कोई मौजूद नहीं था। केवल लैब में तैनात एक लैब टेक्निशियन को मामूली खरोंच आई है। ऐसे में, निर्माण सामग्री की क्वालिटी को लेकर भी सवाल उठ रहे है, क्योंकि लैब अभी तैयार ही हो रही है। अस्पताल की एमएस डॉ। दीपा शर्मा का कहना है कि अस्पताल के भूतल में लैब का निर्माण कार्य चल रहा है। शुक्रवार सुबह करीब 5 बजे लैब की फाल्स सीलिंग अचानक गिर गई। हालांकि, लैब खाली होने से कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएमएस द्वारा जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच में जो भी दोषी पाया जायेगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

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बीच में न छोड़ें टीबी की दवा

टीबी से बचाव के लिए समय रहते इलाज कराना बेहद जरूरी है। अगर एक बार टीबी की दवा शुरू हो गई है, तो इसे बीच में नहीं छोडऩा चाहिए और जब चाहे दोबारा खाना नहीं शुरू करना चाहिए, क्योंकि दवा को नियमित न खाने से उसका असर कम हो जाता है। मरीज को चाहिए कि वह डॉक्टर की सलाह से ही अपना पूरा इलाज करें। यह जानकारी राजकीय आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्रधानाचार्य डॉ। प्रकाश चंद्र सक्सेना ने टूडिय़ागंज स्थित राजकीय आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में 'टीबी हारेगा देश जीतेगाÓ कार्यक्रम के दौरान दी। वहीं, अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर डॉ। धर्मेंद्र ने बताया कि कॉलेज के 20 डॉक्टरों ने टीबी मरीजों को गोद लिया है। साथ ही, उनको पोषण किट, फल, सत्तू, चना आदि बांटा गया है। टीबी मरीजों के लिए पौष्टिक आहार का सेवन करना बेहद लाभकारी होता है।