लखनऊ (ब्यूरो)। एलडीए की ओर से ऐसे निर्माणों को नोटिस जारी की जाती है, जिनका निर्माण नक्शे के विपरीत कराया जा रहा होता है। इसके बाद मामला विहित प्राधिकारी कोर्ट में जाता है। अगर निर्माणकर्ता की ओर से कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो संबंधित निर्माण के खिलाफ ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाती है। पहले निर्माणकर्ता को स्वत: मौका दिया जाता है कि वह अवैध निर्माण के हिस्से को खुद तोड़ दें।

सर्वे में सच्चाई आई सामने
एलडीए ने हाल में ही सभी एरिया में सर्वे कराकर देखा गया था कि कितनी ऐसी बिल्डिंग्स हैैं, जिन्हें स्वत: ध्वस्तीकरण के लिए नोटिस दिया गया था। सर्वे के दौरान यह जानकारी सामने आई है कि करीब एक दर्जन से अधिक निर्माणाधीन प्रोजेक्ट्स ऐसे सामने आए हैैं, जिनकी ओर से अवैध निर्माण को स्वत: तोडऩे में लापरवाही बरती जा रही है। अब एलडीए की ओर से इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने संबंधी तैयारी की जा रही है।

15 प्रतिशत तक अधिक निर्माण
सेटबैक के अंतर्गत 10 प्रतिशत अतिरिक्त निर्माण का प्राविधान है। इसके लिए निर्माणकर्ता को कंपाउंडिंग शुल्क जमा करना होता है। अभी जो मामले सामने आए हैैं, उसमें साफ है कि निर्माणकर्ताओं की ओर से 10 के स्थान पर 15 से 20 प्रतिशत तक अधिक निर्माण करा लिया गया है और उनकी ओर से कंपाउंडिंग शुल्क भी नहीं दिया गया है। एलडीए वीसी के निर्देश के बाद सभी व्यावसायिक निर्माणों की नए सिरे से लिस्ट बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। इस लिस्ट में ऐसे निर्माणों को शामिल किया जाएगा, जो नियम विरुद्ध या नक्शे को नजरअंदाज करके बनाए जा रहे हैं।

इन इलाकों में गड़बड़ी
वीसी को दी गई रिपोर्ट में साफ है कि गोमतीनगर, अलीगंज, जानकीपुरम और जानकीपुरम विस्तार, सुल्तानपुर रोड, रायबरेली रोड पर अवैध निर्माणों को स्वत: नहीं तोड़ा गया है। वहीं अन्य एरियाज में भी एलडीए की ओर से सर्वे कराया जा रहा है। आवासीय प्रोजेक्ट्स की भी डिटेल रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है।

नक्शों की भी जांच
वीसी के निर्देश पर ऐसी निर्माणाधीन बिल्डिंग्स का भी सर्वे कराया जा रहा है, जहां नक्शे के विपरीत निर्माण कराया जा रहा है। अभी तक की जांच रिपोर्ट में कई बिल्डिंग्स सामने आ चुकी है। इसमें ज्यादातर बिल्डिंग्स कॉमर्शियल हैं। इन सभी को नोटिस जारी करके निर्देश दिए गए हैैं कि नक्शे के अनुरूप निर्माण कराएं, अन्यथा प्राधिकरण की ओर से नियम अनुरूप कार्रवाई की जाएगी। सभी जोनल अधिकारियों को ऐसी बिल्डिंग्स की मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी दी गई है, जिससे किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो सके। वहीं बीते एक महीने में 100 से अधिक रो हाउसेस के खिलाफ ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई है।

ऐसे अवैध निर्माणों को चिन्हित किया जा रहा है, जिन्हें डेवलपर्स की ओर से स्वत: तोड़ा जाना था लेकिन उनकी ओर से इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है। जिसके बाद अब ऐसे निर्माणों के खिलाफ प्राधिकरण की ओर से कार्रवाई की जाएगी।
डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, वीसी, एलडीए