लखनऊ (ब्यूरो)। बटलर कॉलोनी के पास अवैध रूप से संचालित एग्जीक्यूटिव गेस्ट हाउस में शनिवार सुबह अचानक आग लग गई। यह गेस्ट हाउस भी लेवाना होटल की तरह आवासीय नक्शे पर अवैध रूप से बना है। आग लगने के बाद गेस्ट हाउस में ठहरे 30 लोग फंस गए, जिन्हें फायर कर्मियों ने सुरक्षित बाहर निकाला। इनमें सात लोगों को सीढ़ी की मदद से पीछे के रास्ते उतारकर जान बचाई गई। फायर ब्रिगेड ने डेढ़ घंटे की मेहनत के बाद आग पर काबू पाया।

एमसीबी पैनल में लगी थी आग

गोखले मार्ग स्थित एग्जीक्यूटिव गेस्ट हाउस में 21 कमरे हैं। इसके भूतल और पहली मंजिल पर 10 कमरे बुक थे। शनिवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे एमसीबी पैनल में आग लग गई। इससे पहले कर्मचारी कुछ समझते कि आग ने विकराल रूप ले लिया। हर तरफ धुआं फैल गया और लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। कमरे में ठहरे लोग बाहर की तरफ भागे, लेकिन धुआं होने के कारण उन्हें कुछ नजर नहीं आ रहा था। कमरों में ठहरे लोगों को बाहर निकाला गया। हालांकि, जौनपुर और दिल्ली के सात लोग आग में फंस गए।

चीख-पुकार सुनकर कमरे से भागे

एफएसओ हजरतगंज राम कुमार रावत और उनकी टीम ने दमकल की पांच गाडिय़ों की मदद से आग पर काबू पाया। लोग जग गए थे वरना बड़ा हादसा हो सकता था। दिल्ली के अहमद खां, इशरत तथा भाई रिजवान संग लखनऊ आए थे और गेस्ट हाउस में ठहरे थे। इशरत व उनके परिवार को सीढ़ी से नीचे उतारा गया। इशरत ने बताया कि चीख-पुकार सुनकर वह कमरे से बाहर निकलीं तो हर तरफ धुआं भरा था। एक बारगी ऐसा लगा कि वह और उनका परिवार बच नहीं पाएगा।

फायर एनओसी के बिना संचालन

गेस्ट हाउस में आग से बचाव के यंत्र नहीं मिले। कुछ उपकरण रखे थे, जिन्हें चलाने की जानकारी कर्मचारियों को नहीं थी। कार्यवाहक सीएफओ आरपी राव के मुताबिक, गेस्ट हाउस संचालक से कोई कागजात नहीं दे पाए। फायर विभाग की ओर से एनओसी भी नहीं ली गई थी। कोई आवेदन भी नहीं किया गया है।

विभागों की अनदेखी से चल रहा था गेस्ट हाउस

बिना फायर एनओसी के यह गेस्ट हाउस किसकी शह पर संचालित हो रहा था। इसके पहले फायर विभाग, एलडीए, पुलिस, प्रशासन और विद्युत विभाग के अधिकारियों की नजर इस ओर क्यों नहीं गई? एफएसओ का कहना है कि गेस्ट हाउस संचालक को नोटिस देकर जवाब-तलब किया जाएगा। इसके बाद कार्रवाई होगी।

ये हैं मानक

- बहुमंजिला बिल्डिंग में हर तल पर अग्निशमन यंत्र और फायर पाइप होना चाहिए।

- बिल्डिंग में आने-जाने के लिए दो रास्ते होने चाहिए।

- खिड़की के बाहर कोई लोहे या किसी धातु की चादर या शीट न लगी हो।

- फायर फाइटिंग उपकरणों का समय समय पर निरीक्षण हो।

- पानी भरने के लिए टैंक की व्यवस्था हो।

- इमारत के चारों तरफ खाली जगह छूटी हो।

- संकरी गलियों में व्यावसायिक बिल्डिंग का निर्माण न हो।

एनओसी के मानक

- 3 साल के लिए दी जाती है कामर्शियल बिल्डिंग को एनओसी

- 5 साल के लिए दी जाती है रेजीडेंशियल बिल्डिंग को एनओसी

9 पार्ट में होता है मानक

किसी भी बिल्डिंग की एनओसी का मानक 9 पार्ट में होता है। कामर्शियल बिल्डिंग का क्राइटेरिया अलग-अलग है। ज्यादातर कोचिंग सेंटर, होटल, गेस्ट, कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स और बिल्डिंग में चल रहे हैं। इसमें असेंबली बिल्डिंग, ग्लास बिल्डिंग, ओपन बिल्डिंग समेत अन्य मानक हैं। 500 वर्ग मीटर क्षेत्र वाली बिल्डिंग में 2 से 3 सीढिय़ां होनी जरूरी हैं।

300 बिल्डिंग को नोटिस

शहर में कई बिल्डिंग बिना फायर एनओसी के खड़ी हैं। बिल्डिंग ओनर दूसरे डिपार्टमेंट से एनओसी लेकर बिल्डिंग बना लेते हैं, लेकिन फायर एनओसी नहीं लेते हैं। फायर व जिला प्रशासन की तरफ से संबंधित डिपार्टमेंट को लेटर लिखा गया है कि वह पहले फायर एनओसी देखें, इसके बाद ही अन्य एनओसी जारी करें।

ये विभाग हैं जिम्मेदार

बिजली विभाग

कोचिंग काम्प्लेक्स में बिजली के तारों का जाल फैला है। बिजली विभाग की जिम्मेदारी इन्हें ठीक करने की है, लेकिन विभाग कभी निरीक्षण करने नहीं पहुंचता।

नगर निगम व एलडीए

किसी भी बिल्डिंग में निर्माण कार्य व लाइसेंस चेक करना नगर निगम व एलडीए की जिम्मेदारी होती है। समय-समय पर वह चेकिंग करें तो बिल्डिंग के हालत का खुलासा हो सकता है।

जिला प्रशासन

जिला प्रशासन की ओवरऑल जिम्मेदारी है। कोई भी बिल्डिंग रहने लायक है या कामर्शियल बिल्डिंग में मानकों को पूरा गया है या नहीं।

फायर डिपार्टमेंट

कामर्शियल-रेजीडेंशियल बिल्डिंग के सुरक्षा मानकों व फायर की जिम्मेदारी फायर डिपार्टमेंट की है। हालांकि, फायर डिपार्टमेंट ने करीब 300 ऐसी बिल्डिंग संचालकों को नोटिस भेजा है।

हादसों पर एक नजर

- हजरतगंज में पंजाब नेशनल बैंक में आग लगने से पीछे रहने वाले कई परिवार फंस गए।

- कपूरथला में एक कोचिंग सेंटर में आग लगने से 70 स्टूडेंट फंस गए। बगल की छत से इन्हें किसी तरह निकाला गया।

- नवल किशोर रोड में एक कोचिंग सेंटर में आग लगने से कई स्टूडेंट्स फंस गए, जिन्हें काफी मशक्कत के बाद निकाला जा सका।

- ट्रांसपोर्ट नगर में एक गोदाम में आग लगने से दो बच्चों की मौत हो गई। छत काटकर आग पर काबू पाया गया।

- ऐशबाग में प्लाई फैक्ट्री में आग लगने से तीन कर्मचारी झुलस गए।

काम्प्लेक्स के लिए मानक

- सैट बैक (मोटरेबल)

- सैट बैक (भवन की ऊंचाई के हिसाब से वर्किंग स्पेस)

- फायर एग्जिट

- पलायन मार्ग की स्पष्टता

- पलायन मार्ग की डिस्टेंस

- वैकल्पिक रास्ता और जीने की व्यवस्था

- आकस्मिक स्थिति में लाइट की व्यवस्था

- बेसमेंट में रैंप की व्यवस्था

बिल्डिंगों में सुरक्षा के लिए

- फायर एक्सटिंग्यूशर

- डाउन कमर सिस्टम

- यार्ड हाईडेंट सिस्टम

- आटोमेटिक स्प्रिंकलर्स सिस्टम

- आटोमैटिक डिटेक्शन एवं अलार्म सिस्टम

- मैनुअली ऑपरेटेड इलेक्ट फायर अलार्म सिस्टम

- अंडरग्राउंड वाटर टैंक

- ओवरहेड वाटर टैंक