लखनऊ (ब्यूरो)। ओटीटी प्लेटफार्म पर आई मूवी बेगम की कहानी भले ही काल्पनिक रही हो, लेकिन राजधानी में हुए एक हत्याकांड की कहानी इस मूवी से काफी मिलती जुलती है। यहां 25 जून 2022 की दोपहर बिहार पुलिस की वर्दी में चार शूटर्स कैंट के नीलमथा में एक मकान पहुंचे और दिव्यांग ठेकेदार को गोलियों से भून दिया।

फिल्म की तरह पूरी कहानी

इस घटना की पूरी कहानी फिल्म की तरह थी। हमलावरों के आते ही सिक्योरिटी गार्ड भाग जाते हैं। मृतक की दूसरी पत्नी पहली पत्नी संग कुछ लोगों पर एफआईआर दर्ज कराती है। राजधानी पुलिस इस घटना को चैलेंज के रूप में लेती है और छह माह में ही हत्या करने वाले शूटर्स, सुपारी देने वाले को एनकाउंटर कर पकड़ लेती है, लेकिन इस पूरे खेल की मास्टरमाइंड 'हसीना' प्रियंका की तलाश नहीं कर पाती है।

कौन है यह हसीना

इस हत्या की पूरी स्क्रिप्ट हत्या के कई वर्ष पूर्व बिहार के नरकटियागंज में लिखी गई। गोरख उर्फ वीरेंद्र ठाकुर की पहली पत्नी प्रियंका का प्रेम संबंध बिट्टू से था। बिट्टू की नरकटियागंज में ननिहाल है। वहीं पर उसने पान की दुकान खोल रखी थी, जहां वीरेंद्र जाता था। इसी बीच बिट्टू और प्रियंका ने बिहार से भागकर शादी करने का इरादा किया तो दोनों को वीरेंद्र ठाकुर याद आया। 2008 में बिट्टू, प्रियंका को लेकर लखनऊ आया और यहां कुछ दिन रुकने के बाद वह प्रियंका को छोड़कर बिहार चला गया।

दुश्मन का दुश्मन बना दोस्त

बिट्टू वापस आया तो प्रियंका और वीरेंद्र शादी कर चुके थे। वीरेंद्र ने दबाव बनाकर प्रियंका से शादी कर ली। वीरेंद्र ने बिट्टू को धमकाकर भगा दिया। इससे खफा बिट्टू मौके की तलाश में था। इसी बीच बिहार में हत्या कर फरारी काट रहा फिरदौस भी लखनऊ पहुंचा। वह रिश्तेदारी की बहन खुशबुन तारा के घर में रहने लगा। वह वीरेंद्र के साथ पहले से जुड़ा था। फिरदौस और वीरेंद्र एक-दूसरे से मिलने के लिए खुशबुन तारा के घर आने-जाने लगे। इसी बीच फिरदौस ने रेलवे के ठेकेदारी पर कब्जा करने का प्रयास किया। वहीं उसे पता चला कि वीरेंद्र ने उसके रिश्ते की बहन को अपने जाल में फंसा लिया है तो उसने उसकी हत्या की साजिश रच डाली।

डबल क्रास करने पर रची साजिश

जुलाई 2019 में वीरेंद्र पर चारबाग रेलवे स्टेशन पर हमला हुआ। उसे तीन गोलियां लगीं जिससे वह दिव्यांग हो गया। वह इलाज के लिए दिल्ली जाता था। वह दो बार दिल्ली प्रियंका को ले गया। वहीं तीसरी बार जब काफी लंबे समय तक इलाज कराना था तो वीरेंद्र, खुशबुन तारा को अपने साथ दिल्ली ले गया। वीरेंद्र व खुशबुन के बीच की प्रेम कहानी प्रियंका को पता चली तो वह भागकर अपने पुराने प्रेमी बिट्टू के पास बिहार चली गई। वहीं उन्हें फिरदौस मिला और वहीं वीरेंद्र की हत्या की साजिश रची गई। इसके बाद 25 जून को वीरेंद्र की हत्या कर दी गई।

लखनऊ पुलिस ने पूरा किया चैलेंज

इस हत्याकांड को लखनऊ पुलिस ने चैलेंज के रूप में लिया और बिट्टू, कासिफ, मुन्ना और मोहम्मद फैजल को पकड़ लिया। इनमें से कुछ पुलिस की गोली से घायल भी हुए। अभी कुछ दिन पहले ही 25 हजार के इनामी बिट्टू को एनकाउंटर में पकड़ा गया है। इस घटना में आरोपी राजू उर्फ तौहीद को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। चंद दिनों पहले लखनऊ की सीजीएम कोर्ट में नाटकीय ढंग से ठेकेदार की हत्या में वांछित बदमाश फिरदौस ने भी सरेंडर कर दिया है।

हसीना की आज भी तलाश

वहीं इस पूरे खेल की मास्टरमाइंड प्रियंका का पुलिस सुराग तक नहीं लगा सकी है। सूत्रों के अनुसार, उसके नेपाल भागने की आशंका जताई जा रही है। इस पूरी मिस्ट्री में पुलिस पर भी कई दाग लगे हैं। फिरदौस की मैनेज गिरफ्तारी के मामले में क्राइम ब्रांच का एक पुलिसकर्मी सस्पेंड किया जा चुका है और इस मामले में एसटीएफ के अफसर पर भी अंगुली उठ रही है।