लखनऊ (ब्यूरो)। अलाया अपार्टमेंट हादसे के जिम्मेदारों को सामने लाने के लिए कई बिंदुओं पर जांच शुरू कर दी गई है। इसी क्रम में फ्लैट्स की रजिस्ट्री के साथ ही नक्शे इत्यादि से जुड़े अभिलेख खंगाले जा रहे हैैं। यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि नक्शा कैंसिल किए जाने के बाद भी पांच मंजिला बिल्डिंग कैसे और किसके इशारे पर बनकर तैयार हुई।

आवंटियों का डेटा जुटाया जा रहा

फ्लैट्स में रहने वाले आवंटियों का डेटा जुटाया जा रहा है। इसके माध्यम से यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि किस फ्लैट की रजिस्ट्री कब हुई और कितने फ्लैट्स की रजिस्ट्री होनी बाकी थी। यह भी जानने का प्रयास किया जा रहा है कि फ्लैट्स बिकवाने में किन-किन लोगों की भूमिका रही है। इन सारे जांच बिंदुओं के सामने आने के बाद निश्चित रूप से दोषियों के चेहरे काफी हद तक सामने आ जाएंगे।

बयान से भी खुलेगा राज

तीन सदस्यीय जांच समिति की ओर से मंगलवार को सभी पीडि़तों को मंडलायुक्त कार्यालय भी बुलाया गया है। जब पीडि़तों के बयान दर्ज किए जाएंगे, तो साफ है कि कई बिंदुओं से जुड़े तथ्य अपने आप साफ हो जाएंगे। इतना ही नहीं, पीडि़तों की ओर से साक्ष्य भी उपलब्ध कराए जाते हैैं, तो उनके आधार पर जांच समिति की ओर से जांच की जाएगी।

अभिलेखों में हस्ताक्षर किसके

दूसरी ओर, एलडीए प्रशासन की ओर से अलाया अपार्टमेंट से जुड़े अभिलेखों को सामने लाने के लिए कवायद शुरू कर दी गई है। पहले तो यह देखा जा रहा है कि वर्ष 2009 में जो नक्शा बिल्डर की ओर से दिया गया था और उसे रिजेक्ट किया गया, उसमें किसके-किसके हस्ताक्षर हैं। इसके साथ ही यह भी देखा जाएगा कि जब दोबारा कंपाउंडिंग के लिए आवेदन आया, तो उस दौरान प्राधिकरण के किन अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए। हालांकि, प्राधिकरण की ओर से कंपाउंडिंग आवेदन को भी निरस्त कर दिया गया था। जब सभी अभिलेख सामने आ जाएंगे, तो साफ हो जाएगा कि प्राधिकरण के अधिकारियों की क्या भूमिका रही है।

क्या कभी जांच हुई

जब अभिलेख सामने आ जाएंगे, तो यह भी देखा जाएगा कि वर्ष 2010 में अवैध बिल्डिंग का निर्माण हो गया और वर्ष 2023 तक किसी की भी उस पर नजर नहीं पड़ी। हैरानी की बात तो यह रही कि फ्लैट्स बुकिंग हो गई और लोग अपनी जिंदगी खतरे में डालकर उसमें रहने भी लगे। परिणामस्वरूप, 24 जनवरी शाम को हादसा हुआ और तीन जिंदगियां समाप्त हो गईं, एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए।

तीन सदस्यीय जांच समिति गठित

हादसे के बाद तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की गई है। इस समिति में मंडलायुक्त, जेसीपी लॉ एंड ऑर्डर और मुख्य अभियंता, पीडब्ल्यूडी शामिल हैैं, जिन्होंने अपने स्तर से कई बिंदुओं पर जांच शुरू कर दी है। जांच समिति का मुख्य फोकस अभिलेखों पर तो है ही, साथ में पीडि़तों के बयान दर्ज कराने पर भी है। इसके साथ ही प्राधिकरण से भी सभी अभिलेख मांगे गए हैैं और यह भी कहा गया है कि एक भी अभिलेख छूटे नहीं।

अन्य बिल्डर्स की भी जांच

अलाया अपार्टमेंट हादसे के बाद एलडीए प्रशासन की ओर से यजदान के साथ-साथ कई अन्य बिल्डर्स द्वारा कराए गए निर्माणों पर भी फोकस किया जा रहा है। एलडीए प्रशासन की ओर से मुख्य फोकस उन निर्माणों पर है, जो वर्तमान समय में निर्माणाधीन हैैं। यहां पर टीमें जाकर उनके नक्शे इत्यादि की जांच कर रही हैैं साथ ही यह भी देख रही हैं कि मानकों के अनुसार निर्माण हो रहा है कि नहीं। अभी तक एक दर्जन से अधिक निर्माणों की जांच की जा चुकी है। सभी की जांच रिपोर्ट कंपाइल करके विहित प्राधिकारी के माध्यम से एलडीए वीसी को दी जाएगी। इसके बाद यह पूरी रिपोर्ट शासन को भी भेजी जाएगी।

सील बिल्डिंग्स पर भी नजर

एलडीए ने पूर्व में सील की गईं बिल्डिंग्स पर भी कार्रवाई तेज कर दी है। सभी इंजीनियरों को निर्देश दिए गए हैैं कि जो बिल्डिंग्स पूर्व में सील की गई हैैं, उनका वर्तमान में स्टेटस क्या है। क्या उनमें दोबारा काम तो शुरू नहीं हो गया और अगर ऐसा हो रहा है तो तत्काल निर्माणकर्ता के खिलाफ एक्शन लिया जाए साथ ही बिल्डिंग को दोबारा सील किया जाए। एलडीए वीसी डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी ने यह भी निर्देश दिए हैैं कि अगर किसी अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया रुकी हुई है, तो उसे तत्काल आगे बढ़ाया जाए। किसी भी कंडीशन में अवैध निर्माण नहीं होने दिया जाएगा।

खंगाली जा रही हैैं फाइलें

एलडीए के लालबाग स्थित ऑफिस में भी फाइलें खंगाली जा रही हैैं। देखा जा रहा है कि कितनी ऐसी अवैध निर्माण से जुड़ी फाइलें हैैं, जिन पर एक्शन नहीं लिया जा सका है। इन फाइलों के सामने लाने के बाद नए सिरे से इनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा और संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।