लखनऊ (ब्यूरो)। किसी अपार्टमेंट में फ्लैट लेकर रहने वाले लोगों के मन में हाउस आईडी, म्युटेशन और टैक्स असेसमेंट को लेकर कंफ्यूजन रहता है। उनकी ओर से निगम के जोन कार्यालयों के चक्कर भी काटे जाते हैैं, लेकिन कंफ्यूजन की स्थिति बरकरार रहती है। फ्लैट्स में रहने वाले किन लोगों के लिए म्युटेशन जरूरी है और किनके लिए नहीं, साथ ही टैक्स असेसमेंट कराना चाहिए या नहीं, इस संबंध में पूरी जानकारी पढ़ें इस स्पेशल रिपोर्ट में

आगे चलकर होती है समस्या

अगर कोई मकान तोड़कर अपार्टमेंट बनाया गया है, तो उस कंडीशन में म्युटेशन कराना बेहद जरूरी है। वहीं, अगर किसी बिल्डर की ओर से फ्रेश जमीन पर अपार्टमेंट बनाया गया है, तो म्युटेशन कराना जरूरी नहीं है। इसी जानकारी के लिए ज्यादातर फ्लैट्स मालिक परेशान रहते हैैं और उनके मन में कंफ्यूजन की स्थिति बरकरार रहती है। इस कंफ्यूजन की स्थिति के चलते फ्लैट मालिकों की ओर से अपने फ्लैट का असेसमेंट तक नहीं कराया जाता, जिसके कारण भविष्य में उन्हें फ्लैट बिक्री के समय समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

हाउस आईडी जरूर जेनरेट कराएं

अगर आप किसी अपार्टमेंट के फ्लैट में रहते हैैं, तो अपने फ्लैट की हाउस आईडी जरूर जेनरेट कराएं, ताकि आपका फ्लैट निगम के रिकॉर्ड में शामिल हो जाए और आप हर साल हाउस टैक्स जमा कर सकें। अभी ज्यादातर फ्लैट मालिक टैक्स से बचने के लिए हाउस आईडी जेनरेट नहीं कराते हैैं, जिसकी वजह से उनका फ्लैट निगम के अभिलेखों में लापता रहता है।

टैक्स असेसमेंट से जेनरेट होगी हाउस आईडी

अगर आप अपने फ्लैट का टैक्स असेसमेंट कराना चाहते हैैं, तो सबसे पहले नगर निगम के जोन कार्यालय में जाएं। निगम के कुल आठ जोन कार्यालय हैैं, जो एरिया वाइज बने हुए हैैं। पहले आप यह पता कर लें कि आपका एरिया निगम के किस जोनल कार्यालय में आता है। जानकारी मिलने के बाद आप जोन कार्यालय जाएं और जोनल अधिकारी के नाम टैक्स असेसमेंट संबंधी प्रार्थना पत्र दें। जिसके बाद जोनल अधिकारी ओर से संबंधित अधिकारी को टैक्स असेसमेंट की जिम्मेदारी दी जाएगी। आपके घर के साइज के हिसाब से टैक्स असेसमेंट किया जाए। इस दौरान यह भी देखा जाएगा कि संपत्ति कब बनी थी। निर्माण ईयर के आधार पर संपत्ति का टैक्स असेसमेंट किया जाएगा और आपको टैक्स का बिल दिया जाएगा। जैसे ही आप बिल जमा करेंगे, आपकी हाउस आईडी जेनरेट हो जाएगी, जिसमें आपका नाम और फ्लैट संख्या पड़ी होगी।

हर साल के लिए फुर्सत

जब आप एक बार टैक्स असेसमेंट करा लेंगे, तो आपके लिए सबसे बड़ी राहत की बात यह होगी कि आपको हर साल अपना टैक्स पता करने के लिए नगर निगम के जोन कार्यालय नहीं जाना पड़ेगा। आपके द्वारा टैक्स असेसमेंट के समय जो मोबाइल नंबर दिया जाएगा, उस पर निगम की ओर से टैक्स संबंधी जानकारी भेज दी जाएगी। जिसके आधार पर आप अपने फ्लैट का टैक्स जमा करा सकेंगे। इतना ही नहीं, जब आप संपत्ति बेचेंगे, तो उस दौरान जब म्युटेशन होगा तब आपको वर्तमान वित्तीय वर्ष में जमा टैक्स की रसीद भी लगानी होगी। अगर आपने रसीद नहीं लगाई, तो म्युटेशन की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाएगी। जिसके बाद आपको नए सिरे से टैक्स असेसमेंट कराकर टैक्स जमा कराना होगा और रसीद जेनरेट करानी होगी।

ऑनलाइन सुविधा भी है उपलब्ध

नगर निगम की ओर से भवन स्वामियों को राहत देने के लिए टैक्स जमा करने के लिए ऑनलाइन सुविधा भी दी गई है। आप घर बैठे ही ऑनलाइन माध्यम से अपने फ्लैट या मकान का टैक्स जमा कर सकते हैैं। ऑनलाइन टैक्स जमा करने के बाद आपको मोबाइल नंबर पर ही रिसिप्ट भी मिल जाएगी।

फ्लैट्स में रहने वालों को भी अपना टैक्स असेसमेंट जरूर कराना चाहिए। टैक्स असेसमेंट के बाद हाउस टैक्स संबंधी तस्वीर बिल्कुल स्पष्ट हो जाती है। घर बैठे ही ऑनलाइन म्युटेशन और असेसमेंट की सुविधा उपलब्ध है।

-अशोक सिंह, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी, नगर निगम