लखनऊ (ब्यूरो)। शहर में फूलों का कारोबार इन दिनों फल-फूल रहा है। मार्केट में गुलाब के साथ-साथ इंग्लिश फूलों की डिमांड बढऩे लगी है। अचानक आए इस उछाल को शहर के फूल कारोबारी जी-20 और इंवेस्टर्स समिट से भी जोड़ कर देख रहे हैं। उनका कहना है कि शहर में हो रही फूलों की सजावट के कारण मार्केट में फूलों की डिमांड लगातार बढ़ रही है। इसके अलावा, सहालग का मौसम और फरवरी में वैलेंटाइन डे होने को भी लोग अहम वजह मान रहे हैं।

25 से 30 फीसदी का हो रहा इजाफा

फूल मंडी के कारोबारी बिजेंद्र कुमार गौड़ का कहना है कि काफी महीनों से ठंडा पड़ा बाजार अब बढ़ रहा है। बीते साल की तुलना में इस साल का कारोबार 25 से 30 फीसदी बढ़ा है। अमूमन सहालग के चलते तो फूलों की डिमांड काफी बढऩे लगती है। कारोबार 10 से 15 फीसदी बढ़ता ही है, लेकिन इंवेस्टर्स समिट के कारण इंग्लिश फूलों की काफी डिमांड देखने को मिल रही है। बढ़ी हुई डिमांड में समिट का भी 10 फीसदी हिस्सा हम लोग मान रहे हैं।

जरबेरा, कार्नेशन, ऑर्किड और लिली की डिमांड

फूल कारोबारियों का कहना है कि इस समय इंग्लिश फ्लावर की विशेष मांग है। इनमें जरबेरा, कार्नेशन, ऑर्किड, लिली और ग्लेडियोलस भी खूब मांगा जा रहा है। इसके अलावा गेंदे की डिमांड में अचानक बढ़ गई है।

वैलेंटाइन डे पर गुलाबों की कीमत पर असर

फूल कारोबारियों का कहना है कि फरवरी की शुरुआत होते ही गुलाब की डिमांड के साथ-साथ उनकी कीमत भी बढ़ जाती है। इन दिनों इंग्लिश गुलाब के साथ-साथ लोकल सुपर की डिमांड भी बढ़ी है और इनके दामों में भी उछाल आया है। जहां इंग्लिश रोज 400 रुपये बंडल (20 पीस) मिल रहा है, वहीं लोकल सुपर का भी एक बंडल (50 पीस) लगभग इसी रेट में बाजार में मिल रहा है।

हर फूल में 50 से 100 रुपये का अंतर

शहर में इन दिनों डिमांड में आए फूलों के रेट में भी पहले की तुुलना में फर्क देखने को मिल रहा है। जहां जरबेरा, ऑर्किड , कार्नेशन और ग्लेडियोलस के रेट में 50 रुपये का अंतर देखने को मिल रहा है। वहीं, लिली और ग्लेडियोलस में भी 100 रुपये का फर्क दिख रहा है।

50 क्विंटल गेंदे की आ रही डिमांड

इंदिरानगर निवासी मोइनुद्दीन कहते हैं कि हमारे फार्म में इन दिनों जरबेरा और ग्लेडियोलस की काफी डिमांड है। जहां पहले हमें जरबेरा की प्रति पीस 4 से 5 रुपये कीमत मिलती थी, वहीं मौजूदा वक्त में यह बढ़कर 40 से 50 रुपये हो गई है। रोजाना ढाई हजार पीस हम मंडी पहुंचा रहे हैं। इसके अलावा, गेंदा भी काफी डिमांड में है। हम मंडी में रोजाना 50 क्विंटल गेंदा पहुंचा रहे हैं।