पटना ब्‍यूरो। पटना प्रचलित महावीर मंदिर में रामनवमी पूजा की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। नवरात्रि के पहले दिन यानि मंगलवार को 12.23 लाख की शुद्ध सोने की 160 ग्राम वजन वाले स्वर्ण जडि़त मुकुट और हार हनुमानजी धारण करेंगे। साथ ही रामनवमी के दिन महावीर मंदिर में इस बार हेलीकॉप्टर से फूलों की बारिश होगी। हेलीकॉप्टर से 11 बजे से दोपहर के एक बजे तक मंदिर के शिखरों, ध्वजों और पूजा के लिए स्थापित बाल रूप राम पर पुष्प वर्षा करायी जाएगी। ये जानकारी महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने दी। चैती नवरात्रि के पहले दिन सुबह तीन बजे से ही महावीर मंदिर में हनुमानजी की पूजा अर्चना की जाएगी।

हनुमानजी आज पहनेंगे 12.23 लाख का स्वर्ण मुकुट
महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि सनातन नववर्ष विक्रम संवत 2081 के शुभारंभ यानी चैती नवरात्रि के पहले दिन मंगलवार को महावीर मन्दिर में हनुमानजी के दोनों विग्रह स्वर्ण जडि़त मुकुट और हार से सुशोभित होंगे। उन्होंने बताया कि भारत सरकार की संस्था मेटल्स एंड मिनरल्स ट्रेडिंग कारपोरेशन ऑफ इंडिया से एकदम शुद्ध सोना खरीदकर चेन्नई की एजेंसी से स्वर्ण जडि़त मुकुट और हार बनवाए गए हैं। इसमें 24 कैरेट के 999.9 की शुद्धता का 160 ग्राम सोना लगा है। सोने की कीमत 10.99 लाख रुपये है। मुकुट और हार बनवाने पर 1.24 लाख रुपये खर्च हुए हैं। शुद्ध सोने से बने स्वर्ण जडि़त मुकुट और हार के इस जोड़े की कुल कीमत 12.23 लाख रुपये है। आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि 9 अप्रैल को नव संवत्सर वर्ष प्रतिपदा और मंगलवार के अति शुभ संयोग पर हनुमानजी इसे धारण करेंगे। मंगलवार को स्वर्ण जडि़त मुकुट और हार धारण किए हुए हनुमानजी की तस्वीर जारी की जाएगी।

हेलीकॉप्टर से होगी पुष्प वर्षा
महावीर मन्दिर में रामनवमी की तैयारियां भी शुरू हो गयी है। महावीर मन्दिर का रंगो-रोगन कराया जा रहा है। भक्तों के लिए रास्ते में पंडाल आदि का निर्माण भी जारी है। रामनवमी के दिन भक्तों के लिए महावीर मन्दिर का पट तड़के 2 बजे ही खुल जाएगा। भक्तों की संभावित भीड़ के प्रबन्धन के लिए भी आवश्यक इंतजाम किए जा रहे हैं। 9 अप्रैल को मंगलवार यानि वर्ष प्रतिपदा के अवसर पर 10 हजार किलो नैवेद्यम बनाया जा रहा है। रामनवमी के दिन बीस हजार किलो नैवेद्यम तैयार करने की योजना है। इसके लिए तिरुपति से और कारीगर आएंगे। रामनवमी को रामलला के प्राकट्य अवसर पर महावीर मन्दिर के ऊपर दो हेलीकॉप्टर से फूलों की बारिश करायी जाएगी। इस दौरान मंदिर में पूजन-अर्चना, ध्वज परिवर्तन, जन्मोत्सव, आरती और प्रसाद वितरण तक श्रीराम जन्मोत्सव की रिकॉर्डिंग होगी। जन्मोत्सव और पुष्पवर्षा का लाइव प्रसारण मंदिर के फेसबुक पेज पर होगा।

आज से चलेगा दोनों शाम भंडारा
वर्ष प्रतिपदा के दिन मंगलवार से महावीर मन्दिर में दोनों पहर दरिद्रनारायण भोज कराया जाएगा। महावीर मन्दिर में वर्षों से दोपहर को नि:शुल्क दरिद्र नारायण भोज कराया जाता रहा है। आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि राम रसोई और सीता रसोई की तर्ज पर जरूरतमंदों के लिए दरिद्र नारायण भोज भी अब दोनों पहर चलेगा। 9 अप्रैल मंगलवार से दोपहर 12 बजे और शाम 7 बजे नि:शुल्क दरिद्र नारायण भोज कराया जाएगा। दोनों पहर नि:शुल्क साधु सेवा भी पूर्ववत चलेगा। आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि पूर्वी चंपारण के कैथवलिया में निर्माणाधीन विराट रामायण मन्दिर के भूगर्भ निर्माण यानी पाइलिंग का कार्य संपन्न हो गया है। अब ऊपर का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ है।

शेखपुरा में बनेगा अस्पताल
आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि महावीर न्यास समिति की ओर से बुजुर्गों के लिए महावीर जरा रोग अस्पताल राजीव नगर स्थित रोड नंबर 24 में संचालित है। शेखपुरा में इसे बनाने का विचार चल रहा है। उन्होंने बताया कि इसके लिए इसके महावीर मंदिर न्यास की ओर से 2024-25 की बजट में एक करोड़ रुपए खर्च करने की व्यवस्था की गई है।

पांच से छह लाख से अधिक भक्तों के मंदिर आने की संभावना
अयोध्या के बाद भक्तों की सबसे अधिक भीड़ पटना के राममंदिर में रामनवमी के दिन होती है। इस बार पांच से छह लाख से अधिक भक्तों के महावीर मंदिर में आने की संभावना है। मंदिर प्रशासन की ओर से तिरुपति के कारीगरों द्वारा 20 हजार किलो नैवेद्यम तैयार करने की योजना है। भक्तों को नैवेद्यम सुलभ से उपलब्ध कराने के लिए अतिरिक्त काउंटर भी खोले जाएंगे।

विदेशों से भी दर्शन के लिए आते हैं श्रद्धालु
पटना जंक्शन के पास स्थित महावीर मंदिर देश के प्राचीन मंदिरों में से एक है। भक्तों का मानना है कि यहां के प्रसाद खाने से हर तरह की बीमारी ठीक हो जाती है। यहां दर्शन के लिए भारत के सभी राज्यों के अलावा नेपाल व आसपास के देशों रहने वाले श्रद्धालु भी आते हैं। बता दें कि साल 1730 में स्वामी बालानंद ने पटना जंक्शन के पास महावीर मंदिर की स्थापना की थी। वर्तमान में जो मंदिर है उसका स्वरूप 1983-85 के बीच आया।