लखनऊ (ब्यूरो)। लोगों को शुद्ध पेयजल मिले, इसके लिए अमृत योजना के अंतर्गत कई वार्डों को शामिल तो किया गया है लेकिन अभी तक नई वाटर लाइन बिछाने का काम शुरू नहीं हो सका है। जिससे लोगों को आए दिन पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। वहीं कई ऐसे वार्ड हैैं, जहां नई वाटर लाइन तो बिछ गई है लेकिन सभी घरों में शत प्रतिशत पेयजल कनेक्शन नहीं दिए जा सके हैैं।

अमृत में बिछनी है वाटर लाइन

अमृत योजना के अंतर्गत वार्डों में नई वाटर लाइन बिछाने का काम होना है। कार्ययोजना भी तैयार की जा चुकी है लेकिन इस दिशा में कदम आगे नहीं बढ़ाए जा सके हैैं। कई वार्डों में तीस साल पुरानी वाटर लाइन पड़ी है, तो कहीं चालीस साल पहले की। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन वाटर लाइन की समयावधि समाप्त हो चुकी है, जिससे आए दिन लीकेज की समस्या भी सामने आती है।

सदन में भी उठा मुद्दा

राजधानी के जितने भी पुराने वार्ड हैैं, जैसे लालकुआं, चौक इत्यादि, यहां पर सालों पहले वाटर लाइन बिछाई गई थी। यहां पर नई वाटर लाइन बिछाने के लिए शहर सरकार के सदन में कई बार मुद्दा उठा लेकिन अभी तक योजना पाइपलाइन में ही है। हालांकि ट्रांसगोमती एरिया में नई वाटर लाइन बिछाने का काम हुआ है, जिससे घरों को कनेक्ट भी कर दिया गया है। इस्माइलगंज वार्ड में कुछ एरिया में शत प्रतिशत कनेक्शन किए जाने हैैं।

यहां तो वाटर लाइन ही नहीं

आलमबाग वार्ड में आज तक वाटर लाइन या सीवरेज लाइन बिछी ही नहीं है। यहां आए दिन लोगों को जल संकट का सामना करना पड़ता है। गर्मी के दिनों में तो स्थिति और खराब हो जाती है। वार्ड पार्षद की ओर से कई बार वाटर लाइन बिछाए जाने की मांग की गई लेकिन कुछ हुआ नहीं।

लगातार गिर रहा है जलस्तर

राजधानी में 110 वार्ड हैैं और सभी में वाटर लेवल डाउन होता जा रहा है। पिछले दो साल में आए वाटर लेवल गैप की बात करें तो किसी वार्ड में 12 से 13 फीट पानी लेवल डाउन हुआ है तो कहीं 6 से 7 फीट। गर्मी में पुराने लखनऊ के वार्डों और आउटर एरिया में पानी संकट सामने आता है, इन इलाकों में टैैंकर्स से जलापूर्ति की जाती है। वार्डों में अब हैैंडपंप का कांसेप्ट लगभग समाप्त हो चुका है और उनके स्थान पर सबमर्सिबल लगाए जा रहे हैैं। ऐसे में, सबमर्सिबल के लिए 250 से 300 फीट पर पानी मिल रहा है।

नई शहर सरकार से उम्मीद

अब मेयर और सभी पार्षदों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। अब वार्डों में नई वाटर लाइन या कनेक्शन देने का काम नई शहर सरकार के गठन के बाद ही शुरू होगा। निकाय चुनाव होने के बाद ही नई शहर सरकार का गठन होगा फिर कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा। इसके बाद सामान्य सदन में वाटर लाइन को लेकर निर्णय लिया जाएगा।