लखनऊ (ब्यूरो)। यूपी में ओडिशा का गैंग च्वैलर्स को निशाना बना रहा था। इस गैैंग के सदस्य अपनी बाइक खुद लेकर आते हैं और उसकी नंबर प्लेट शहर के अनुसार बदलकर रेकी करने के बाद वारदात को अंजाम देते हैं। गैैंग के कुछ सदस्यों को पुलिस ने पकड़ा जिसके बाद यह खुलासा हुआ। इस गैंग ने यूपी के कई शहरों में आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया है।

विरोध करने पर करते थे फायरिंग
यह गैंग लूटपाट के दौरान विरोध करने पर फायरिंग करने से भी नहीं चूकता था। गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ इनके अपराधिक इतिहास का भी पता किया जा रहा है। शहर में 13 दिसंबर को सर्राफ से लूट को इसी गैंग ने अंजाम दिया था। इस गैंग के दीपक प्रधान, आर्यन प्रधान, भोला प्रधान और अर्जुन प्रधान को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

ओएलएक्स की मदद से लिया कमरा
पुलिस पूछताछ में लुटेरों ने बताया कि शहर आने के बाद वे ओएलएक्स के माध्यम से रूम लेकर रहते है। लखनऊ के विभिन्न क्षेत्रों में सर्राफा दुकानों पर घूम-घूमकर लूट के लिए रेकी करते है फिर वारदात को अंजाम देते हैं।

मध्य प्रदेश का टप्पेबाज गैैंग
शहर में टप्पेबाजी की वारदातों को अंजाम मध्य प्रदेश का गैैंग देता है। टप्पेबाजों में मध्य प्रदेश बुरहानपुर के साहेल जाफरी उर्फ बाबडू उर्फ बादशाह व मोहसिन खान उर्फ बाकड़, शहडोल निवासी सलमान अली, महाराष्ट्र ठाणे का अमजद अली उर्फ लंगड़ा और माल लोधौरा के अजय राज शामिल हैं। गैंग कार में मोबिल आयल डालकर, विंडो का शीशा तोड़ लैपटाप उड़ाने के साथ कई तरह से वारदातों को अंजाम देते हैं।

बांग्लादेश का फेक करेंसी गैैंग
फेक करेंसी के धंधे का मास्टरमाइंड बांग्लादेश का रहने वाला है और वही नकली नोट बनाने की ट्रेनिंग भी देता है। यह शख्स है जमील। जमील ने बांग्लादेश की जहां करेंसी छपती है, उस निगम से नोट छापने का तरीका सिखा था। इसके बाद अपनी इस कला के जरिए वह भारत में नकली नोट बनाने का तरीका सिखाने के साथ धंधा भी चला रहा है। अब पुलिस जमील की तलाश कर रही है।

बांग्लादेश का नागरिक है जमील
पुलिस के मुताबिक सलमान उर्फ आफताब ने अपने कबूलनामे में दावा किया कि उसने जमील से नकली नोट बनाने की कला सीखी थी। जमील बांग्लादेश के गाजीपुर जिले में स्थित सुरक्षा मुद्रण निगम के पास एक दुकान पर काम करता था। जहां बांग्लादेश की करेंसी छपती थी।

चेन स्नेचिंग का बावरिया कनेक्शन
बावरिया गिरोह ने राजधानी समेत आस-पास के इलाकों में 200 से अधिक लूट की वारदातें को अंजाम दिया है। पीजीआई पुलिस ने गैैंग से जुड़े दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है। तीन महीने में इन बदमाशों ने लखनऊ में 14 लूट की हैं। पीजीआई के पास रहने वाली बिन्दु की चेन बदमाशों ने छीन ली थी। यह घटना सीसी कैमरे में कैद हो गई थी। सीसीटीवी की मदद से दो बदमाशों संजय और कपिल को पकड़ा गया। ये दोनों शामली से आकर यहां लूट करते थे।

शामली से आकर करते है लूट
शामली निवासी संजय के मुताबिक वर्ष 2012 में उसने लूट की पहली वारदात की थी। जेल में बंद रहने के दौरान ही उसकी मुलाकात बावरिया गिरोह के सदस्यों से हुई। जमानत पर बाहर आने के बाद संजय ने कपिल के साथ बावरिया गिरोह से संपर्क बढ़ा लिया। जिसके बाद आरोपियों ने राजस्थान, दिल्ली, लखनऊ में लूट की कई घटनाएं की थीं।

दिल्ली के ईरानी गैंग ने पुलिस किया परेशान
दिल्ली का ईरानी गैंग लोगों को गाड़ी से तेल गिरने का झांसा देकर भटकाता है और गाड़ी में रखा बैग या कीमती सामान पार कर देता है। ये लोग कुछ नोट रोड पर गिराकर लोगों को पैसा गिरने की बात बताते हैं और फिर उन्हें बातों में फंसाकर उनका सामान गायब कर देते हैं। ईरानी गैंग ने राजधानी में एक साल में सौ से अधिक वारदातों को अंजाम दिया है।

एमपी के गैंग में हैं नाबालिग
मध्य प्रदेश का गैैंग नाबालिगों को अच्छे कपड़े पहनाकर शादियों में भेजता है और वे गिफ्ट या ज्वैलरी के बैग पार कर देते हैं। राजधानी में ऐसी एक-दो नहीं दर्जनों वारदातें हो चुकी हैं। इनमें से कई सीसीटीवी में कैद भी हुई हैं।

नजर फिरते ही बैग गायब
इन गैंग में शामिल नाबालिग वारदात के बाद ज्वैलरी और कैश से भरा बैग सुरक्षित स्थान पर पहुंचा देते हैं। इन लोगों के लिए ट्रेन का जनरल टिकट खरीदा जाता है, ताकि वे चेकिंग से बच जाएं। वारदात में शामिल लोग बैग को दूसरे स्थान पर ले जाने का काम नहीं करते हैं। गैंग के सभी सदस्य ट्रेन में अलग-अलग डिब्बों में सफर करते हैं।

राजधानी में ठगी व अन्य क्राइम की वारदात करने वाले दूसरे प्रदेश के बदमाशों के खिलाफ लगातार एक्शन लिया जा रहा है। यहां एमपी, दिल्ली और राजस्थान से आकर लोग वारदात कर रहे हैं।
-अपर्णा रजत कौशिक, डीसीपी सेंट्रल