लखनऊ (ब्यूरो)। एलडीए की ट्रांसपोर्ट नगर योजना में कॉमर्शियल प्लॉट्स की फर्जी रजिस्ट्री का खेल सामने आया है। जिसके बाद एलडीए प्रशासन की ओर से नए सिरे से कई बिंदुओं पर जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है। अभी तक की जांच में यह साफ हुआ है कि फर्जी अभिलेखों के माध्यम से खेल किया गया है और अब यह पता लगाया जा रहा है कि इस खेल में कौन-कौन शामिल हैैं।

पहले भी फर्जीवाड़ा आया सामने

एलडीए की टीपी नगर योजना, गोमतीनगर योजना और जानकीपुरम योजना में फर्जी रजिस्ट्री का खेल सामने आ चुका है। सबसे ज्यादा खेल टीपी नगर योजना में किया गया है। जिसके बाद एलडीए प्रशासन का पूरा फोकस फर्जीवाड़े को सामने लाने पर हो गया है। इसके लिए प्लॉट्स से रिलेटेड अभिलेख खंगाले जा रहे हैैं साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि रजिस्ट्री के दौरान किन-किन लोगों ने हस्ताक्षर दिए हैैं। इस रिपोर्ट के तैयार होने के बाद यह आसानी से पता लगाया जा सकेगा कि किस तरह से फर्जी रजिस्ट्री की गई है। वहीं दूसरी तरफ प्लॉट्स का सत्यापन कराने के लिए एलडीए की ओर से उक्त योजना में ड्रोन सर्वे भी कराने की तैयारी की जा रही है। जिससे यह आसानी से पता चल सकेगा कि कितने प्लॉट्स खाली हैैं और कितनों पर कब्जा हो गया है।

एक-एक प्लॉट की कोडिंग

जो भी खाली प्लॉट सामने आएंगे, उनकी कोडिंग की जाएगी। जिससे भविष्य में प्राधिकरण के अलावा कोई भी अन्य व्यक्ति प्लॉट्स को फर्जी तरीके से न बेच सके। इसके साथ ही यह भी इंश्योर किया जाएगा कि अगर किसी प्लॉट की फर्जी रजिस्ट्री कराने का प्रयास किया जाता है तो इसकी जानकारी तत्काल एलडीए प्रशासन को मिल जाए।

लिखा गया है पत्र

एलडीए की ओर से सभी बैैंकों को एक लेटर भी लिखने की तैयारी की जा रही है। जिसके माध्यम से बैैंकों से कहा जाएगा कि अगर प्राधिकरण की किसी संपत्ति के आधार पर लोन जारी किया जाता है तो सबसे पहले प्राधिकरण से सत्यापन करा लें। जिससे अगर कोई फर्जी तरीके से प्राधिकरण की संपत्ति बेचने का प्रयास कर रहा होगा तो उसे आसानी से पकड़ा जा सकेगा। यही कदम रजिस्ट्री ऑफिस को लेकर भी उठाया जा रहा है। अगर प्राधिकरण की संपत्ति की रजिस्ट्री होती है तो उसका प्राधिकरण से सत्यापन जरूर कराया जाए।