लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू में सीनियर रेजिडेंट द्वारा जूनियर रेजिडेंट को प्रताड़ित किए जाने की जो शिकायत की गई थी, वो संस्थान द्वारा गठित टीम की जांच में सही मिली है। जिसके बाद चार रेजिडेंट डॉक्टरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। वहीं, संस्थान प्रशासन का कहना है कि संस्थान में रैगिंग किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

यह था पूरा मामला

दरअसल, केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के जूनियर रेजिडेंट की तरफ से बीते दिनों अपने सीनियर रेजीडेंट यानी जेआर टू पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया गया था। जूनियर रेजिडेंट की तरफ से यह शिकायत केजीएमयू स्थित एंटी रैगिंग सेल में की गई थी। जहां 2021-22 बैच के रेजिडेंट डॉक्टरों द्वारा 2022-23 के जूनियर रेजिडेंट को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था। सबसे पहले एक महिला रेजिडेंट ने उत्पीड़न का आरोप लगाया था। उसके बाद कई अन्य जूनियर रेजिडेंट ने भी शिकायत दर्ज कराई थी।

जांच कमेटी बनाई गई

मामले की शिकायत मिलने के बात एंटी रैगिंग सेल ने जांच शुरू कर दी थी साथ ही केजीएमयू की कुलपति प्रो। सोनिया नित्यानंद ने पूरे मामले की जांच के लिए कमेटी बना दी, जिसमें प्रॉक्टर डॉ। क्षितिज श्रीवास्तव के साथ अन्य सदस्यों की जांच टीम बनाई गई। फैक्ट फाइंडिंग टीम द्वारा जांच के बाद मामला सही पाये जाने के बाद आरोपित चारों डॉक्टरों को निलंबित कर दिया गया है।

यह हुई कार्रवाई

जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट वीसी को सौंप दी थी। जिसके बाद कड़ी कार्रवाई करते हुए चार सीनियर रेजिडेंट को निलंबित करने का आदेश कर दिया गया। निलंबन की यह कार्रवाई में एक रेजीडेंट डॉक्टर को तीन महीने और बाकी तीन रेजीडेंट डॉक्टरों को एक-एक महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है।

जगह जगह लगे हैं बोर्ड

रैगिंग को लेकर संस्थान में हर जगह बोर्ड के साथ नंबर लिखे गए हैं। एंटी रैगिंग सेल, स्टूडेंट सेल समेत कई सीएल बने हुए है साथ ही फैकल्टी टीम भी बनी है जिनसे इनकी शिकायत की जा सकती है। वहीं, प्रॉक्टर को भी शिकायत की जा सकती है। इसके बावजूद संस्थान में रैगिंग रुकने का नाम नहीं ले रही है, जबकि अधिकारी पूरा परिसर रैगिंग फ्री होने का दावा करते हैं, लेकिन सीनियर द्वारा जूनियर का उत्पीड़न रुकने का नाम नहीं ले रहा है।

स्टूल पर बैठा देते थे

सूत्रों के अनुसार, जूनियर रेसिडेंट ने सीनियर रेजिडेंट द्वारा रात भर बैठाना, स्टूल पर बैठाए रखना, बात न सुनना और चिल्लाने समेत कई अन्य आरोप लगाए गए थे। यह उत्पीड़न काफी समय से चल रहा था।

पहले भी सामने आए मामले

-19 व 20 अगस्त 2017 को रैगिंग करने पर वर्ष 2016 के दो छात्र का हॉस्टल आवंटन निरस्त किया गया था।

-24 अगस्त 2017 को सीवी हॉस्टल के छात्र कैंपस में रैगिंग के लिए जुटे करीब 20 सीनियर्स पर एक-एक हजार का फाइन भी किया गया था।

इसमें जूनियर रेजीडेंट की तरफ से मेंटल हर्सेमेंट का आरोप लगाया गया था, जिसके बाद केजीएमयू प्रशासन ने चार रेजीडेंट पर कार्यवाही की है।

-डॉ। सुधीर सिंह, प्रवक्ता, केजीएमयू