लखनऊ (ब्यूरो)। अनफिट लोगों को फिट होने का मेडिकल सर्टिफिकेट देकर सऊदी, ओमान, बहरीन, कतर, यूएई समेत कई देशों में फर्जी तरीके से भेजने का मामला सामने आया है। मामले का खुलासा तब हुआ, जब इन देशों से एक-एक कर लोगों को वापस इंडिया भेजा जाने लगा। जांच में पाया गया कि हेफको मेडिकेयर एवं रिसर्च सेंटर के इंप्लाई की तरफ से फर्जीवाड़ा किया गया है। विभूतिखंड थाना पुलिस ने उक्त रिसर्च सेंटर के चार कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्जकर छानबीन शुरू कर दी है।

यहां से बनता था मेडिकल सर्टिफिकेट

गोमतीनगर में हेफको मेडिकेयर एवं रिसर्च सेंटर गल्फ हेल्थ काउंसिल (जीएचसी) स्थित है। सेंटर के डायरेक्टर मो। आरिफ हबीब ने बताया कि यहां पर पर्क इम्प्लायमेंट वीजा पर गल्फ कंट्रीज साउदी अरब, कुवैत, ओमान, बहरीन, कतर और यूएई जाने वाले व्यक्तियों का मेडिकल चेकअप किया जाता है। इस मेडिकल सेंटर को गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (जीसीसी) के द्वारा सख्ती से पालन किया जाता है और इसी के तहत मेडिकल चेकअप में व्यक्ति को फिट या फिर अनफिट करता है। यह मेडिकल सेंटर पिछले 10 सालों से चल रहा है।

35 लोगों को भेजा इंडिया वापस

पुलिस को दी शिकायत में बताया गया कि करीब 8 से 10 महीने पहले इस मेडिकल सेंटर से प्री मेडिकल चेकअप कराने के लिए आने वाले लोगों में बहुत से केस जो अनफिट थे, उन्हें फर्जी तरीके से मेडिकल सर्टिफिकेट पर फिट दिखा गया है। ऐसे में कई लोगों ने विदेशों में अपना मेडिकल किसी तरह से ठीक करा लिया। शिकायतकर्ता ने बताया कि अबतक करीब 35 लोगों को वापस इंडिया भेज दिया गया है। जिसकी वजह से उक्त मेडिकल सेंटर और देश का काफी नाम खराब हुआ है।

ऐसे चल रहा था खेल

हेफको मेडिकेयर एवं रिसर्च सेंटर में कई सारे इंप्लाई काम करते हैं। इनमें इंप्लाई पुनीत कुमार वर्मा, शालिनी चौधरी, शोएब और अक्षय मौर्या की मिली भगत से अनफिट लोगों से सांठगांठ कर फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने का आरोप लगा है। ये लोग एजेंट के साथ मिलकर अनफिट लोगों का फिट सर्टिफिकेट बनाने के नाम पर मोटी रकम ऐंंठते थे। ब्लड रिपोर्ट, एक्सरे रिपोर्ट को भी फिट होने की रिपोर्ट बना देते थे। मामले का खुलासा होने के बाद इन सभी को नौकरी से निकाल दिया गया है। साथ ही इनके खिलाफ एफआईआर करा दी गई है। पुलिस अब इन आरोपियों की तलाश में जुट गई है।

9 महीने के लिए सस्पेंड हुआ सेंटर

पिछले कई महीने से यहां पर इस तरह का फर्जीवाड़ा चल रहा था। मामले का खुलासा होने पर हेफको मेडिकेयर एवं रिसर्च सेंटर को गल्फ हेल्थ काउंसिल (जीएचसी) ने 9 महीने के लिए सस्पेंड कर दिया है।

2 हजार डॉलर की पेनाल्टी

मेडिकल सर्टिफिकेट मिलने के बाद व्यक्ति उसे अपने साथ ले जाता था। जैसे ही दूसरी कंट्री में पहुंचता था तो उसकी जांच होती थी। शक होने पर लोकल सेंटर से दोबारा जांच करवाई जाती थी। ऐसे में अगर सर्टिफिकेट फर्जी है तो 2 हजार डॉलर की पेनाल्टी लगाई जाती थी।

इन इंप्लाई के खिलाफ दर्ज हुआ केस

-पवन कुमार वर्मा (एक्सरे टेक्निशियन)

-शालिनी चौधरी (एक्सरे टेक्निशियन)

-शोएब अफ्तर अंसारी (एक्सरे टेक्निशियन)

-अक्षय मौर्या (लैब टेक्निशियन)

यह भी जानिए

- 08 महीने से चल रहा खेल

- 250 से अधिक लोगों के बने फर्जी सर्टिफिकेट

- 04 इंप्लाइज का नाम आया सामने

- 35 लोगों को दूसरी कंट्री से लौटाया गया वापस

क्या बोले जिम्मेदार

पिछले कई महीनों से चार इम्प्लाई यहां फर्जी सर्टिफिकेट बनाने का खेल कर रहे थे। मामले का खुलासा होने पर इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है। उनकी इस हरकत से मेडिकल सेंटर और देश का नाम खराब हुआ है।

-मो। आरिफ हबीब, डायरेेक्टर, हेफको मेडिकेयर एवं रिसर्च सेंटर

मामला संज्ञान में आया है। सभी आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।

-हृदेश कुमार, डीसीपी पूर्वी