लखनऊ (ब्यूरो)। अब आए दिन ठगी के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं। इसकी जो नई ट्रिक आई है उसमें अधिक पढ़े लिखे लोगों को शिकार बनाया जा रहा है। ठगी की इस नई ट्रिक को डिजिटल अरेस्ट कहते हैं। इसे रोकने के लिए साइबर सेल पुलिस अलर्ट हो गई है और लोगों को सतर्क करने का काम शुरू कर दिया है। आइए जानते हैं डिजिटल अरेस्ट क्या है और इससे किस तरह बचा जा सकता है

साइबर पुलिस हुई अलर्ट

यूपी पुलिस के साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्रा बताते हैं कि डिजिटली अरेस्ट ब्लैकमेल करने का नया तरीका है। इसका शिकार अधिकतर वही लोग होते हैं जो पढ़े लिखे होते हैं। इस इस उदाहरण से समझें कि डिजिटल अरेस्ट का सीधा मतलब है कि कोई आपको ऑनलाइन धमकी देकर वीडियो काल के जरिए आप पर नजर रखे है। डिजिटल अरेस्ट के दौरान साइबर ठग नकली पुलिस ऑफिसर बनकर लोगों को धमकाते हैं और फिर अपना शिकार बनाकर मोटी रकम ऐंठते हैं। हालांकि इससे लोगों को बचाने के लिए साइबर पुलिस की टीम ने ब्लूप्रिंट तैयार किया है।

जमानत के नाम पर ठगते हैं

एक्सपर्ट के मुताबिक, अक्सर ठग लोगों को फोन कर कहते हैं कि वे पुलिस डिपार्टमेंट या इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से बात कर रहे हैं। आपके पैन और आधार का यूज कर कई चीजें खरीदी गई हैं या फिर मनी लॉन्ड्रिंग हुई है। इसके बाद वीडियो कॉल कर सामने बैठे रहने के लिए कहते हैं। इस दौरान किसी से बात करने, मैसेज करने और मिलने की इजाजत नहीं होती है। इस दौरान जमानत के नाम पर लोगों से पैसे भी मांगे जाते हैं।

कॉल से डरें नहीं, लड़ें

एक्सपर्ट ने बताया कि आपके पास ऐसे धमकी वाले कॉल आते हैं तो डरें नहीं, तुरंत पुलिस में शिकायत करें। कोई मैसेज या ई-मेल आता है तो उसे सबूत के तौर पर पुलिस को दें। कोई वीडियो कॉल पर धमकी दे तो स्क्रीन रिकॉर्डिंग के जरिए वीडियो कॉल को रिकॉर्ड करें और शिकायत करें।

एक नजर में समझें

-नकली पुलिस ऑफिसर बनकर करते हैं कॉल

-खुद को इनकम टैक्स, सीबीआई समेत अन्य का अधिकारी बताते हैं

-जालसाज कहते हैं कि दस्तावेज पर खरीदे गए हैं अवैध सामान

-वीडियो कॉलिंग पर डाल दी जाती है डिजीटल अरेस्ट

-जमानत के नाम पर लोगों से मांगे जाते हैं पैसा

-डराकर लोगो को बनाते है ठगी का शिकार