लखनऊ (ब्यूरो)। एक ओर दवाओं के दाम 10 फीसद से अधिक बढ़ गए हैं, वहीं ऑपरेशन का खर्च भी पहले से कहीं अधिक हो गया है। उसमें भी करीब 20 फीसद तक का इजाफा हो गया है। जिसके चलते मरीजों की जेब पर 25 से 30 फीसद तक का लोड अधिक हो गया है।
कोरोना के बाद दाम बढ़ गए
कोरोना के चलते मानसिक बीमारियों समेत दिल, फेफड़े, हड्डी, मसल्स, किडनी व लीवर आदि बीमारियों ने भी बहुत से लोगों को घेर लिया है। जिससे दवाओं की डिमांड और खपत काफी बढ़ गई है। दवा व्यापारियों का कहना है कि दवा बनाने का अधिकतर माल चीन से आता है। वहां से निर्यात कम होने के चलते सीधा असर यहां दवाओं पर देखने को मिल रहा है। कई जरूरी दवाओं के दाम में इजाफा हो गया है। वहीं बीपी मशीन, शुगर मशीन आदि के दाम भी बढ़ गए हैं।
निजी अस्पतालों में फीस बढ़ी
आईएमए के सेक्रेट्री डॉ। संजय सक्सेना के अनुसार प्राइवेट अस्पतालों में उनके सेटअप के आधार पर फीस तय होती है। जिसमें उपलब्ध सुविधाओं और स्टाफ का महत्वपूर्ण रोल होता है। यही कारण है कि सभी निजी अस्पतालों की फीस अलग-अलग होती है। अब दवाओं की कीमत बढ़ गई है, जिससे मरीजों को अधिक पैसा इलाज के लिए खर्च करना पड़ रहा है।
दवा के दाम बढ़े
रिटेल केमिस्ट एसोसिएशन लखनऊ के प्रेसिडेंट आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि दवाओं के रेट 10-20 फीसद अधिक हो गए हैं और इसमें इजाफा होता जा रहा है। दवा बनाने के लिए अधिकतर सामान चीन से आता था, जो कोरोना के बाद काफी कम हो गया है। सामान की कमी और आयात दर बढऩे से दवाएं महंगी हो गई हैं। दवाओं के दाम में इजाफा आगे भी जारी रह सकता है।
सर्जरी भी हो गई महंगी
ऑपरेशन पहले अब
नार्मल डिलीवरी 15-20 15-30
सिजेरियन 25-50 30-60
पित्त की पथरी 30-35 35-45
किडनी की पथरी 40-50 50-60
हार्निया 30-35 40-60
नोट - ऑपरेशन फीस हजार रुपये में है
इस तरह बढ़े दवा के दाम
दवा पहले अब
कॉम्बीफ्लेम 32 41.90
पैनटाप 129 140
रेनटेक 150 24.52 36.79
एसीलॉक 23.45 36
ग्लेमीस्टार एम 1 59.84 65.82
क्रोसिन 20 30
सेटअप के अनुसार हर अस्पताल की फीस अलग होती है। दवाओं और अन्य सामान के दाम बढऩे से इलाज थोड़ा महंगा हुआ है।
-डॉ। संजय सक्सेना, सेकेट्री आईएमए
दवा के दामों में 10-20 फीसद तक का इजाफा हुआ है। शुगर और बीपी की दवाएं तक महंगी हो गई हैं।
-आदित्य प्रताप सिंह, प्रेसिडेंट रिटेल केमिस्ट एसोसिएशन लखनऊ