लखनऊ (ब्यूरो)। टूड़ियागंज स्थित राजकीय आयुर्वेद कॉलेज की नई बिल्डिंग बन कर तैयार हो चुकी है। पर इसके बावजूद कार्यदायी संस्था द्वारा बिल्डिंग को संस्थान प्रशासन को अबतक हैंडओवर नहीं किया गया है। हालांकि, संस्थान द्वारा ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर पर ओपीडी शुरू कर दी गई है, पर लिफ्ट समेत अन्य सुविधाएं न होने से मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारियों के मुताबिक, बिल्डिंग हैंडओवर करने की प्रक्रिया महीने के आखिर तक पूरी कर ली जाएगी।

63 करोड़ से बनी नई बिल्डिंग

राजकीय आयुर्वेद कॉलेज में रोजाना हजार से अधिक मरीज इलाज के लिए आते हैं। कॉलेज के विस्तार और बेहतर सुविधाओं के लिए नई बिल्डिंग का प्रावधान किया गया था। जिसके लिए शासन द्वारा 63 करोड़ का बजट दिया गया। वहीं, पांच मंजिला इस अस्पताल का निर्माण कार्य 2015 में यूपीआरएनएन द्वारा शुरू किया गया। इसमें ओपीडी, आईपीडी और पंचकर्म सेंटर शुरू होना था। साथ ही करीब 291 बेड का अस्पताल भी तैयार होना था ताकि मरीजों को भर्ती कर बेहतर इलाज मुहैया कराया जा सके।

नहीं पूरे हो सके कई काम

करीब 9 साल बाद भी बिल्डिंग में कई काम पूरे नहीं हो सके हैं, जिसकी वजह से यह हैंडओवर नहीं हो सकी है, जबकि इसे 6 साल पहले ही हैंडओवर हो जाना चाहिए था। हालांकि, संस्थान प्रशासन द्वारा इसके ग्राउंड फ्लोर व फर्स्ट फ्लोर पर ओपीडी चल रही है। नए ओपीडी भवन में बाल रोग, शल्य, काय चिकित्सा, ईएनटी, पेन क्लीनिक व गठिया की ओपीडी चल रही है। पर पूरी क्षमता से न तो मरीजों का इलाज शुरू हो पाया है और न भर्ती शुरू हो सकी है। देखरेख के अभाव में बंद पड़े फ्लोर पर गंदगी फैली हुई है।

लिफ्ट शुरू न होने से मरीजों को हो रही परेशानी

नई बिल्डिंग में दो लिफ्ट लगी हैं। लेकिन, दोनों लिफ्ट बंद पड़ी हैं। भवन के पहले तल पर गठिया विभाग की ओपीडी संचालित हो रही है। साथ ही गठिया के मरीजों का वार्ड भी है। जहां भर्ती कर मरीजों का इलाज किया जा रहा है। लेकिन, अभी लिफ्ट न शुरू होने से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, पंचकर्म व स्त्री रोग विभाग को भी अभी तक शिफ्ट नहीं किया जा सका है। जिससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

कुछ कमियां रह गई थी। उसे दूर कर लिया गया है। उम्मीद है कि माह के अंत तक बिल्डिंग हैंड ओवर हो जाएगी। जिससे मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।

- प्रो। माखनलाल, प्रधानाचार्य