लखनऊ (ब्यूरो)। ट्रैफिक पुलिस रोजाना आम पब्लिक के वाहनों का तो चालान आसान से काट देती है, लेकिन उन सरकारी वाहनों का क्या, जो सड़कों पर ट्रैफिक नियमों की लगातार धज्जियां उड़ा रही हैं? पुलिस और परिवहन विभाग भी इन गाड़ियों के खिलाफ एक्शन लेने के बजाय चुप्पी साधे रहते हैं। वहीं दूसरी तरफ, अगर इन सरकारी गाड़ियों की जगह कोई आम इंसान उनके लपेटे में आ जाता है, तो पुलिस उसपर कोई रहम नहीं बरतती और उसे चालान या फिर सीज की कार्यवाही का सामना करना पड़ता है। पढ़ें दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के 'मसला-ए- जिंदगी' अभियान के तहत खास रिपोर्ट

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

ट्रैफिक पुलिस आए दिन ट्रैफिक नियमों का पालना करवाने के लिए चेकिंग अभियान चलाती है। वाहनों के कागजात पूूरे न होने या फिर अन्य कोई भी कमी पाए जाने पर चालान की कार्यवाही की जाती है, लेकिन सरेआम धज्जियां उड़ा रहे ऐसे सरकारी वाहनों के चालान नहीं किए जाते, ताकि ऐसे वाहनों के चालकों को भी कुछ नसीहत मिल सके और विभागों व अधिकारियों को फजीहत का सामना न करना पड़े। पिछले दिनों सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो भी वायरल हुए, जिसमें सरकारी गाड़ियां ट्रैफिक नियमों को तोड़ती नजर आईं।

मैनुअल नहीं, सिर्फ आईटीएमएस से चालान

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि चेकिंग के दौरान ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वाली हर गाड़ी का चालान किया जाता है। इसमें ये नहीं देखा जाता है कि जिस गाड़ी का चालान कट रहा है, वह सरकारी है या प्राइवेट। पर हीककत यह है कि सिर्फ आईटीएमएस के माध्यम से ही सभी गाड़ियों का चालान हो पाता है। दरअसल, ऑनलाइन कैमरे में ये नहीं पता चलता कि नियम तोड़ने वाली गाड़ी सरकारी है या गैर-सरकारी।

मनमाने तरीके से पार्किंग

बता दें कि ट्रैफिक पुलिस ने पिछले दिनों एक ब्लूप्रिंट तैयार किया था, जिसमें शहर के अलग-अलग हिस्सों में कुल 18 जगहों पर नो पार्किंग जोन बनाया था। इसमें हजरतगंज, आलमबाग, बर्लिंग्टन चौराहा, सेंट फ्रांसिस स्कूल, विधानसभा के चारों ओर की रोड आदि विभिन्न जगहें शामिल थीं। पुलिस ने शुरुआती दिनों में यहां पर अभियान चलाकर पार्क हुई गाड़ियों को हटवाया था। इसमें सरकारी गाड़ियां भी शामिल थीं। पुलिस ने कई गाड़ियों को सीज भी किया, लेकिन हकीकत यह है कि यहां पर अभी भी गाड़ियां पार्क होती हैं।

सामने आई ये हकीकत

नाम न बताने की शर्त पर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि हर विभाग में दर्जनों गाड़ियां हैं, लेकिन इनमें फिटनेस, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट, हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट आदि न होने जैसे कई खामियां होती हैं। इसके अलावा, कई दफा रेड सिग्नल जंप, ओवरस्पीड, रॉन्ग साइड ड्राइविंग, गाड़ी के दस्तावेज न होने के भी मामले सामने आते हैं। पर उच्च अधिकारियों की दखलअंदाजी से ऐसी गाड़ियों की न तो चेकिंग होती है और न ही चालान कट पाता है। अगर अभियान चलाकर गाड़ियों की चेकिंग की जाए, तो हजारों की संख्या में ऐसी गाड़ियां पकड़ी जाएंगी।

दोगुना चालान का नियम

ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि मोटर व्हीकल एक्ट के तहत अगर कोई सरकारी गाड़ी यातायात नियमों को तोड़ती है, तो उससे जुर्माने की रकम दोगुना ली जाती है। जब पुलिस अधिकारियों से इस संबंध में पूछा गया तो उनके पास सरकारी गाड़ियों के चालान काटने का कोई आंकड़ा नहीं था।

ये हो रहे वायलेशन

- पॉल्यूशन सर्टिफिकेट न होना

- हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट न लगी होना

- गाड़ियों में सायरन का इस्तेमाल

- फिटनेस सर्टिफिकेट न होना

फैक्ट फाइल

- 15 हजार सरकारी रजिस्टर्ड वाहन

- 100 से अधिक गाड़ियों के चालान

- 18 जगहों पर नो पार्किंग जोन

- 02 गुना जुर्माना भरने का नियम

क्या बोले लोग

पुलिस आम पब्लिक का चालान तो आसानी से काट देती है, लेकिन जब बात खुद के विभागों पर आती है, तो कोई ध्यान नहीं देता। इस पर पुलिस को ठोस कदम उठाना होगा।

अंकित

सरकारी गाड़ियों को हमेशा ही चालान से छूट मिल जाती है। वे चाहे जितने ट्रैफिक रूल्स तोड़ें, कोई उनको बोलने वाला नहीं है। अगर आम पब्लिक करें, तो पुलिस छोड़ती नहीं है।

फैज

ट्रैफिक व्यवस्था को सुगम करने के लिए पुलिस को कोई ठोस एक्शन प्लान तैयार करना होगा। ट्रैफिक जाम की समस्या भी गंभीर होती जा रही है, इस ओर भी ध्यान देना होगा।

सुनील

शहर के ऐसे कई प्रमुख चौराहे हैं, जहां पर अक्सर जाम लगा रहता है। पुलिस को इसपर ज्यादा फोकस करना होगा, ताकि शहर में ट्रैफिक व्यवस्था का सुधार हो सके।

विजय