लखनऊ (ब्यूरो)। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) लगाने की मियाद खत्म होने के बाद चालान की कार्रवाई शुरू हो गई है। जिन्हें चालान की जिम्मेदारी निभानी है, उन्हीं विभागों की सरकारी गाडिय़ों में 'स्मार्ट' नंबर प्लेट नहीं है। राजधानी में करीब 65 हजार सरकारी वाहन में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट अभी तक नहीं लगी हैै। हालांकि, कार्रवाई के आदेश के बाद अब उन सरकारी गाडिय़ों का भी चालान किया जाएगा। राहत की बात यह है कि जिन्होंने एचएसआरपी के लिए आवेदन किया है, वे पर्ची दिखाकर चालान की कार्रवाई से बच सकते हैैं। पहले दिन 51 और दूसरे दिन 23 लोगों के हुए चालान।

विभाग के मुखिया के नाम होगा चालान

जिस विभाग की सरकारी गाड़ी होगी उसके नाम चालान काटा जाएगा। यहीं नहीं, जिन विभागीय मुखिया के नाम गाड़ी का आवंटन होगा उसके नाम चालान कटेगा और उसे पांच हजार रुपये का जुर्माना जमा करना होगा। राज्य संपत्ति विभाग की गाड़ी जिस विभाग के पास होगी उस विभाग के एचओडी को चालान का जुर्माना देना होगा। आरटीओ प्रवर्तन संदीप कुमार पंकज ने बताया कि यूपी में करीब 68 हजार से ज्यादा सरकारी वाहन रजिस्टर्ड हैं। इनमें 95 फीसदी सरकारी वाहनों में एचएसआरपी नहीं लगी है। समय सीमा खत्म होने के बाद चालान की कार्रवाई में दो व चार पहिया निजी वाहनों के साथ ही सरकारी वाहन भी दायरे में रहेंगे।

आवेदन की पर्ची दिखाकर बच सकते हैं

जिन वाहन स्वामियों ने एचएसआरपी के लिए आवेेदन किया है, लेकिन उन्हें अभी नंबर प्लेट उपलब्ध नहीं कराई जा सकी, ऐसे वाहन चालान की श्रेणी में नहीं आएंगे। चेकिंग के समय उन्हें पूर्व में किए गए आवेदन की पर्ची दिखानी होगी। ऑनलाइन चालान हो भी जाता है तो वह ट्रैफिक पुलिस लाइन मेें आवेदन की पर्ची दिखाकर उसके कैंसिल करा सकते हैं।

वेबसाइट पर मिलेगा नया विकल्प

एक अप्रैल 2019 के पहले खरीदे गए कई वाहनों के ब्रांड बंद हो चुके हैं। इन कंपनियों से खरीदे गए वाहन स्वामियों को एचएसआरपी के लिए अधिक परेशान होने की जरूरत नहीं है। वाहन स्वामी को एसआईएएम की वेबसाइट पर जाकर किसी भी अधिकृत दो व चार पहिया कंपनियों के पोर्टल पर जाना होगा और नंबर प्लेट की बुकिंग करानी होगी। घर बैठे नंबर प्लेट डिलीवरी की भी सुविधा है। इसके लिए 100 रुपये अतिरिक्त चार्ज देय होगा। नंबर प्लेट तैयार होने के बाद उसे किसी भी शोरूम पर जाकर लगवाया जा सकता है। राजधानी लखनऊ में ऐसे वाहनों की संख्या करीब पौने दो लाख के करीब है।