यूपी में महागठबंधन की कवायद तेज

- पार्टी में मचे घमासान के बीच शिवपाल पहुंचे दिल्ली

- रजत जयंती समारोह के लिए कई नेताओं को किया आमंत्रित

LUCKNOW : बिहार की तर्ज पर यूपी में भी महागठबंधन के प्रयास तेज हो चुके हैं। इसी कड़ी में सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव बुधवार को दिल्ली पहुंचे। जहां वह विभिन्न दलों के नेताओं को रजत जयंती समारोह में आने का निमंत्रण देंगे और गठबंधन की संभावना भी तलाशेंगे। सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया अजीत सिंह से मुलाकात और गठबंधन पर बात दोनों नेताओं के बीच हुई। अजित और शिवपाल के बीच नजदीकी नयी नहीं है। पिछले राज्यसभा चुनाव में भी रालोद का वोट सपा उम्मीदवार के पक्ष में दिलाने में शिवपाल की भूमिका अहम थी।

पवार और अजीत से होगी मुलाकात

सूत्रों का कहना है कि शिवपाल दिल्ली में अजीत के अलावा कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं, नेशनल कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा को भी रजत जयंती के कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया है। जनता दल यूनाईटेड अध्यक्ष व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी बुलाया जा रहा है। माना जा रहा है कि बिहार में महागठबंधन से अलग होने के बावजूद यूपी में बीजेपी के रोकने के लिए नितीश मुलायम का साथ दे सकते हैं।

रजत जयंती का देंगे न्यौता

सूत्रों का कहना है कि पांच नवंबर को होने वाले रजत जयंती समारोह न्यौते का मकसद महागठबंधन को मूल रूप देना है, ताकि लखनऊ में एक मंच पर लाकर यह संदेश दिया जा सके कि बीजेपी को रोकने के लिए बिहार की तर्ज पर यूपी में भी सब एक जुट हैं। हालांकि यह पूरा कार्यक्रम समाजवादी पार्टी के 25 साल पूरे होने का है ऐसे में दूसरे दलों के नेता इसमें शामिल होंगे या नहीं यह देखना दिलचस्प होगा। इस समारोह में लालू यादव और अजीत सिंह के पहुंचने की बात कही जा रही है। शिवपाल और समाजवादी पार्टी के सामने सबसे बड़ी चिंता अंदरूनी कलह की है। अगर यह कलह खत्म नहीं हुई तो महागठबंधन की राह में सबसे बड़ा रोड़ा होगा।

कांग्रेस का रुख भी नरम

बुधवार को दिल्ली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रदेश में गठजोड़ को लेकर अपने विधायकों का मन भी टटोला। बैठक में तीन विधायकों को छोड़कर शेष उपस्थित रहे। अधिकतर ने सपा के साथ में आने पर सहमति जतायी लेकिन सम्मानजनक समझौता होने पर भी जोर दिया। सूत्रों का कहना है कि मुलायम सिंह और कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद के बीच वार्ता हो चुकी है।