7 मार्च को ट्रेन में हुआ था जोरदार धमाका

11 घंटे तक चला था एनकाउंटर

8 पिस्टल घटनास्थल से मिली थीं

650 जिंदा कारतूस भी हुए थे बरामद

तारीख- 8 मार्च 2017

स्थान- हाजी कॉलोनी

- राजधानी के काकोरी स्थित हाजी कॉलोनी में किया गया था आईएस आतंकी सैफुल्लाह एनकांउटर

- साथी आतंकियों को कानपुर से किया गया था अरेस्ट, आईएस के खुरासान मॉड्यूल से जुड़े थे आतंकी

LUCKNOW : 7 मार्च 2017भोपाल से उज्जैन जा रही पैसेंजर ट्रेन के एक डिब्बे में जबड़ी स्टेशन से निकलते ही जोरदार बम धमाका हुआ। घटना की शुरुआती जांच में पुलिस को सुराग लगा कि यह आतंकी घटना आईएसआईएस आतंकियों की करतूत है। पता चला कि यह ट्रेन में जिस पाइप बम के जरिए विस्फोट किया गया उसे लखनऊ के ठाकुरगंज स्थित हाजी कॉलोनी में रह रहे आईएसआईएस आतंकी सैफुल्लाह ने तैयार किया और अपने साथियों के जरिए इसे अंजाम दिया। मध्य प्रदेश पुलिस ने इसकी सूचना यूपी एटीएस को दी। अगले ही दिन यानी 8 मार्च की दोपहर अचानक एटीएस के कमांडो ने हाजी कॉलोनी के उस मकान को घेर लिया, जिसे आतंकी सैफुल्लाह ने अपना ठिकाना बना रखा था। एटीएस कमांडो ने उसक मकान में रहने वाले लोगों को गुपचुप ढंग से बाहर निकालना शुरू किया। इसी बीच आतंकी सैफुल्लाह को खुद के घिरे होने की भनक लग गयी। उसने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी।

पिता से कराई बात

ऑपरेशन की कमान संभाल रहे तत्कालीन आईजी एटीएस असीम अरुण ने फोन के जरिए आतंकी सैफुल्लाह के कानपुर में रहने वाले उसके पिता से बात कराकर उसे सरेंडर कराने की कोशिश की। पर, आतंकी सैफुल्लाह ने सरेंडर से इंकार कर दिया। करीब 11 घंटे तक एनकाउंटर चलता रहा। एटीएस कमांडो ने उस कमरे की छत को ड्रिल कर मिर्ची बम व आंसू गैस के गोले दागे पर, सैफुल्लाह बाहर नहीं निकला। आखिरकार छत के इसी छेद से एटीएस कमांडो ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर आतंकी सैफुल्लाह को ढेर कर दिया। जिसके बाद एटीएस ने उसके कमरे से मात्रा में विस्फोटक, 650 जिंदा कारतूस, पाइप बम बनाने का सामान, रेलवे मैप, 8 पिस्टल, बैट्री चार्जर, पासपोर्ट, चाकू और आईएसआईएस का झंडा बरामद किया।

टर्निग प्वाइंट

सैफुल्लाह को ढेर करने के बाद जांच में जुटी एटीएस टीम को पता चला कि उसे यह मकान प्रॉपर्टी डीलर फजलू ने दिलवाया था। आनन-फानन फजलू को दबोचा गया। उसने बताया कि वह सैफुल्लाह को नहीं जानता। उसने यह मकान कानपुर के रहने वाले रिटायर्ड एयरफोर्स अधिकारी गौस मोहम्मद के कहने पर दिलवाया था। जांच में यही जानकारी टर्निग प्वाइंट साबित हुई और एटीएस सैफुल्लाह के मॉड्यूल तक जा पहुंची। अगले ही दिन एटीएस टीम ने कानपुर के रहमानी मार्केट इलाके में छापा मारकर गौस मोहम्मद को दबोचा। उससे पूछताछ के आधार पर उसका एक अन्य साथी अजहर खलीफा भी दबोचा गया। पूछताछ में पता चला कि गौस मोहम्मद आईएसआईएस के खुरासान मॉड्यूल का मास्टरमाइंड है। जांच में यह भी पता चला कि गौस मोहम्मद मजहब के नाम पर युवाओं को बरगला कर अपने मॉड्यूल में भर्ती करने में जुटा हुआ था।

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शुक्लागंज में बना रखा था ट्रेनिंग सेंटर

गौस मोहम्मद ने एटीएस को पूछताछ में बताया कि उसने सैफुल्लाह व अन्य युवाओं को शुक्लागंज में बम बनाने, फायरिंग करने, पुलिस ट्रैप में फंसने पर किस तरह खुद पर काबू रखा जाए, इसकी ट्रेनिंग दी थी। इसके लिये उसने शुक्लागंज में एक मकान में ट्रेनिंग सेंटर बना रखा था। उसने बताया कि वह इंटरनेट के जरिए आईएसआईएस के हैंडलर से जुड़ा हुआ था और वह हैंडलर ही उसे बम बनाने की ट्रेनिंग देता था। इसी ट्रेनिंग के जरिए वह बम बनाना सीख सका और इसके जरिये ही वह युवाओं को बम बनाना सिखाता था।

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रेलवे व दरगाहें थी निशाने पर

गौस मोहम्मद और अजहर खलीफा ने पूछताछ के दौरान बताया कि उसके निशाने पर ट्रेन व पटरियां थीं। जहां वह पाइप बम के सहारे धमाके कर भारी तबाही करना चाहते थे। इसके अलावा लखनऊ में स्थित तमाम दरगाह व इमामबाड़ा उन लोगों के निशाने पर था। उन्होंने बताया कि धार्मिक महत्व के इन स्थानों पर हमला करने के बाद सांप्रदायिक दंगे फैल जाते उससे भारी जनहानि होती। हालांकि, समय रहते एटीएस की इस कार्रवाई में खुरासान मॉड्यूल ध्वस्त हो गया और तमाम जगहों पर तबाही को रोक लिया गया।