75 फीसद स्कूल जाने वाले बच्चों में सिर दर्द की शिकायत
58.4 फीसद बच्चों में तनाव के कारण सिर दर्द की समस्या
12 से 14 साल के बच्चों में इस तरह की समस्या अधिक
हेडिंग - हरी सब्जियों से दूर, गैजेट्स से प्यार, बच्चे सिर दर्द का शिकार
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रुष्टयहृह्रङ्ख: बच्चे अक्सर सिर दर्द की शिकायत करते हैं और कई बार पेरेंट्स उसे इग्नोर भी कर देते हैं, लेकिन अगर बच्चा बार-बार इसकी शिकायत कर रहा है तो उसे तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। बच्चे के सिर में दर्द टेंशन के कारण भी हो सकता है। एक रिसर्च के अनुसार स्कूल जाने वाले 75 फीसद बच्चों में सिर दर्द की शिकायत होती है, जिसमें 58.4 फीसद में यह तनाव के कारण होता है। कोरोना काल में कई तरह की एक्टिविटीज और स्कूल बंद होने से बच्चों में यह समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है।
सिर दर्द की वजह टेंशन भी
केजीएमयू के बाल मनोरोग चिकित्सक प्रो। विवेक अग्रवाल ने बताया कि उनके पास सिर दर्द की शिकायत लेकर आने वाले अधिकतर बच्चों में इसका कारण मानसिक तनाव देखा गया है। यह तनाव पढ़ाई, स्कूल में कोई परेशानी, घर के वातावरण आदि के कारण होता है। इस कोरोना काल में बच्चों को ज्यादा घर से निकलने को नहीं मिल रहा है, यह भी तनाव का एक कारण हो सकता है। बच्चे दोस्तों से नहीं मिल पा रहे हैं और उनसे अपनी बात नहीं कह पा रहे हैं, यह भी तनाव का कारण हो सकता है, जिससे उनमें सिर दर्द की शिकायत हो सकती है।
बच्चों की समस्या सुनें
प्रो। विवेक के अनुसार कई बार पढ़ाई को लेकर बच्चे तनाव में आ जाते हैं और इसी वजह से उनका सिर दर्द होने लगता है। इस समस्या को आसानी से सुलझाया जा सकता है। बस आपको बच्चों की समस्या को सुनना होगा और उसका समाधान करना होगा। अगर आप बच्चों की समस्याओं को नहीं सुनेंगे तो बच्चा आगे आपको अपनी प्रॉब्लम बताने से भी बचेगा।
दिनचर्या को करें ठीक
लोहिया संस्थान के मानसिक रोग विभाग के एचओडी डॉ। देवाशीष शुक्ला ने बताया कि बच्चों में इन दिनों सिर दर्द की शिकायत बढ़ रही है। इसका एक प्रमुख कारण उनकी दिनचर्या का सही न होना है। वे हरी सब्जियां कम खाते हैं और ऑनलाइन क्लास के कारण कई-कई घंटे गैजेट्स पर बिता रहे हैं। परेंट्स को बच्चों की दिनचर्या सही रखनी होगी। अगर बच्चे में आए दिन यह समस्या हो रही है तो तुरंत उसे किसी मानसिक रोग विशेषज्ञ या आई स्पेशलिस्ट को दिखाएं
सिर दर्द के कई कारण हो सकते हैं
लोहिया संस्थान के पीडियाट्रिक सर्जन डॉ। श्रीकेश सिंह ने बताया कि सिर दर्द की समस्या लड़कियों में ज्यादा होती है। वहीं 12 से 14 साल के बच्चों में यह प्रॉब्लम अधिक देखने को मिलती है। इसका कारण यह है कि इस एज में बच्चे खुद को साइकोलॉजिकली असहज महसूस करते हैं। कई बार मौसम की वजह से भी सिर दर्द होता है। अगर सिर दर्द के साथ उल्ली जैसा लगे या सिर भारी हो जाए तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। सिर के किस हिस्से में दर्द हो रहा है और इसके लक्षण क्या हैं, इस पर नजर रखनी चाहिए।
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ऐसे करें टेंशन दूर
- बच्चों से बात कर उनकी समस्या को समझें
- बच्चों में प्राणायाम और मेडिटेशन की आदत डालें
- उन्हें संतुलित और पौष्टिक आहार दें
- गैजेट्स का कम से कम यूज करने दें
- बच्चों की आउटडोर एक्टिविटी पर जोर दें
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ये हैं सिर दर्द के लक्षण
- माथे के आसपास दबाव रहना
- हल्का सिर दर्द बना रहना
- माथे या सिर के पीछे जकड़न
- नींद देर से आना
- किसी काम में मन न लगना
डॉक्टर्स कोट
कई बार बच्चों में सिर दर्द की समस्या मानसिक तनाव की वजह से भी होती है। अगर बच्चे को यह प्रॉब्लम है तो पेरेंट्स को उसकी समस्या को सुनकर उसे दूर करना चाहिए।
प्रो। विवेक अग्रवाल, बाल मनोरोग चिकित्सक, केजीएमयू
इन दिनों गैजेट्स पर ज्यादा समय देने से भी बच्चों के सिर में दर्द की समस्या हो रही है। अगर बच्चे को यह समस्या है तो उसे तुरंत किसी मनोचिकित्सक या आई स्पेशलिस्ट को दिखाएं।
डॉ। देवाशीष शुक्ला, एसओडी, मनोरोग विभाग लोहिया संस्थान
बच्चों में सिर दर्द के कई कारण हो सकते हैं। पहले यह देखना होगा कि सिर के किस हिस्से में उन्हें दर्द की शिकायत है और क्या लक्षण दिख रहे हैं। ऐसी समस्या पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
डॉ। श्रीकेश सिंह, पीडियाट्रिक सर्जन, लोहिया संस्थान