लखनऊ (ब्यूरो)। सुलतानपुर लंभुआ के अफरोज के दोस्त सारस को नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान के अस्पताल में रखा गया है। जू के अधिकारियों का कहना है कि धीरे-धीरे सारस की हालत में सुधार देखने को मिल रहा है। दरअसल, वन विभाग की टीम ने चार दिन पहले सारस को रेस्क्यू कर जू पहुंचाया है। जू के निदेशक वीके मिश्र ने बताया कि सारस का यह बच्चा छह महीने का है। जब यह चिडिय़ाघर लाया गया था तो उसकी तबियत ठीक नहीं लग रही थी। उसको दौडऩे में भी परेशानी आ रही थी। सारस की हालत देखकर उसको जू के चिडिय़ाघर में भर्ती किया था, जहां उसको क्वारंटाइन किया है और उसका इलाज व देखभाल चल रही है।

कम खा पी रहा

जू के अधिकारियों ने बताया कि रेस्क्यू कर लाया गया सारस शारीरिक रूप से कमजोर है। ऐसे में वह ठीक से खा-पी नहीं रहा था। निदेशक वीके मिश्र ने बताया कि सारस को उसके प्रोटोकाल के तहत भोजन दिया जा रहा है। तीन दिन से उसकी हालत स्टेबल है। उसकी देखभाल की जा रही है। जल्द ही उसके ठीक होने की उम्मीद है।

छह माह से था अफरोज के साथ

सुलतानपुर लंभुआ के भदईयां छतौना गांव निवासी अफरोज छह महीने पहले राज्य पक्षी सारस को चांदा इलाके के एक तालाब से लेकर आया था। सारस बीते छह महीने से अफरोज के साथ रह रहा था। लंभुआ के रेंजर मोहम्मद इब्राहिम को ग्रामीणों ने सारस की जानकारी दी थी। जिसके बाद वन विभाग की टीम ने सारस को अपने कब्जे में ले लिया था। कब्जे में लेने के बाद रेंजर मोहम्मद इब्राहिम ने सारस को लखनऊ चिडिय़ाघर पहुंचा दिया। यहां के डॉक्टर्स की निगरानी में उसकी देखभाल व इलाज किया जा रहा है।