- वेलफेयर सोसाइटी व मोहल्ला सीमितियों को बीट सिस्टम से जोड़ेगी कमिश्नरेट पुलिस

- किसी भी प्रकार की समस्या होने पर फौरन दी सकेगी पुलिस को सूचना

LUCKNOW : इधर अपराध हुआ, उधर पुलिस को सूचना। जी हां अगर सब कुछ सही रहा तो ऐसा जल्द ही राजधानी लखनऊ में देखने को मिलेगा। कमिश्नरेट पुलिस जल्द ही बेहतर पुलिसिंग के लिए बीट सिस्टम को और मजबूत करने जा रही है। बीट सिस्टम के जरिए पल झपकते ही घर-घर पुलिस की मदद पहुंचेगी।

पुलिस बनाएगी वाट्सएप ग्रुप

बीट सिस्टम के तहत शहर के सभी वेलफेयर सोसाइटी व मोहल्ला सीमित का एक ग्रुप बनाया जाएगा और उस वाट्सएप ग्रुप में बीट सिपाही को भी जोड़ा जाएगा। ताकि एरिया व मोहल्ले में होने वाले छोटे-छोटे आपसी विवादों को सुलझाने के साथ शिकायत व कई और मामले का तत्काल निस्तारण किया जा सकेगा।

हर थाने में बीट सिस्टम को बढ़ाया जाएगा

पुलिस व पब्लिक के बीच के संबंधों को बढ़ाने के लिए बीट सिस्टम को प्रभावी बनाने की योजना है। पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया कि डिपार्टमेंट में बीट सिस्टम पहले भी लागू था, लेकिन अब इसको और मजबूत किया जाएगा। हर थाने व चौकी स्तर पर पहले एक बीट सिपाही होता था लेकिन इसकी संख्या बढ़ाई जाएगी। बड़े चौकी क्षेत्र में संख्या बढ़ाकर तीन से चार की जाएगी। हर बीट सिपाही को एरिया वाइज जिम्मेदारी सौंपी जाएगी ताकि वह ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ सके।

गोमती नगर विस्तार में किया था प्रयोग

पुलिस कमिश्नर के अनुसार गोमती नगर विस्तार थाना में इस सिस्टम को प्रयोग किया गया था। विस्तार एरिया में बीट सिस्टम के तहत कई वेलफेयर सोसाइटी व मोहल्ला सीमित को जोड़ा गया था। जिसमें कई तरह के शिकायत, सुझाव भी लगातार मिले थे। इसी तर्ज पर अब पुलिस कमिश्नरेट के सभी 40 थानों में (महिला थाना छोड़) इस सिस्टम को मजबूती से लागू किया जाएगा।

हर थाने से मांगी गई रिपोर्ट

ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर पीयूष मोडिया ने बताया कि सभी थानों से बीट प्रणाली की रिपोर्ट मांगी गई है। कई बीट प्रभारी कांस्टेबल व हेड कांस्टेबल के ट्रांसफर हो गए। जिसके जगह पर दूसरे पुलिस कर्मियों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। बीट प्रभारी एरिया में वेलफेयर सोसाइटी और मोहल्ला सीमित के साथ जुड़ेंगे और सीमित के मेंबर्स के नाम, पता व मोबाइल नंबर भी रखेंगे। इसके अलावा एक वाट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा जिसमें बीट प्रभारी व सीमित के लोग जुड़ेंगे।

बीट प्रणाली क्या होती है

- बीट प्रणाली सिस्टम में हर थाना की चौकी में चौकी प्रभारी उसका इंचार्ज होता है और चौकी में तैनात हेड कांस्टेबल व कांस्टेबल अपने-अपने एरिया की बीट के जिम्मेदार होते हैं।

- उनके एरिया में कौन संभ्रात व्यक्ति है उसका नाम नंबर के अलावा एरिया में कौन अपराधी प्रवृत्ति का व्यक्ति है, कौन कब जेल गया और कब जमानत पर आया, उसकी निगरानी की जिम्मेदारी रहती है।

- सुरागरसी के लिए बीट प्रभारी एरिया के लोगों से संपर्क रखते है और उनके साथ समय समय पर मीटिंग करने की जिम्मेदारी होती है।

क्या होगा फायदा

- एक बार में ही पुलिस कमिश्नरेट से लाखों लोग जुड़ जाएंगे और कोई भी संवेदनशील सूचना पुलिस को आसानी से मिल जाएगी।

- इसके अलावा अपार्टमेंट व मोहल्ले में होने वाले छोटे-छोटे विवादों का भी मौके पर निस्तारण हो सकेगा।

- लोग गोपनीय रूप से अपने बीट प्रभारी को दे सकते हैं। जिससे अपराध पर नियत्रंण करने में पुलिस को आसानी होगी।

कोट-

बीट सिस्टम को मजबूत करने के लिए सभी थानों से बीट प्रणाली की डिटेल मांगी गई है। जेसीपी लॉ एंड ऑर्डर इसकी मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस सिस्टम से बेहतर पुलिसिंग की जा सकेगी।

- डीके ठाकुर, पुलिस कमिश्नर