लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में निजी अस्पतालों की मनमानी के खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही हैं, जिसको लेकर सीएमओ की टीम लगातार छापेमारी के साथ कार्रवाई कर रही है। इसी के तहत गर्भवती के इलाज में लापरवाही से मौत के मामले में मिली शिकायत पर टीम रेखा हास्पिटल जांच के लिए पहुंची। जहां तमाम खामियां मिलीं और अस्पताल को सील करने के आदेश दे दिए गये।

अस्पताल कराया सील

ठाकुरगंज स्थित रेखा अस्पताल में प्रसूता की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। जिसपर परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए सीएमओ से शिकायत की थी। सीएमओ द्वारा अस्पताल की जांच के लिए डिप्टी सीएमओ डॉ। विनय मिश्रा, डॉ। प्रियंका यादव, एमएस नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिल्वर जुबली लखनऊ एवं डॉ। अंकित वर्मा, प्रभारी चिकित्साधिकारी नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हुसैनाबाद की तीन सदस्सीय जांच दल का गठन किया गया। जिनके द्वारा शुक्रवार को रेखा हास्पिटल का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के समय पाया गया कि रेखा हास्पिटल का रजिस्ट्रेशन वर्ष 2020 तक था। साथ ही अस्पताल में कोई भी पैरामेडिकल स्टाफ तैनात नहीं था। ऑनलाइन चिकित्सकों की व्यवस्था नहीं थी। निरीक्षण के समय अस्पताल में एक प्रसूता भर्ती थी, जिसे अर्बन सीएचसी सिल्वर जुबली में भर्ती करा दिया गया है। थाना ठाकुरगंज के थाना प्रभारी एवं उनकी टीम तथा जांच दल की उपस्थिति में अस्पताल को सीज कर दिया गया।

जवाब-तलब किया गया

अस्पताल प्रबंधक से समस्त संबंधित अभिलेख उपलब्ध कराने एवं प्रकरण की जांच मेंं बयान दर्ज कराने को निर्देशित कर दिया गया है। सीएमओ डॉ। मनोज अग्रवाल के मुताबिक, जांच पूर्ण होने के बाद अस्पताल के विरुद्ध नियमानुसार अग्रिम कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।

स्थानांतरण नीति का विरोध जताया

चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ यूपी द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन के तहत शुक्रवार को सिविल अस्पताल के अधिकारियों व कर्मचारियों ने काला फीता बांध सरकार की स्थानांतरण नीति का शांति पूर्वक तरीके से विरोध किया। लोकबंधु अस्पताल, ठाकुरगंज अस्पताल, महानगर सिविल अस्पताल, वीरांगना बाई महिला अस्पताल सहित प्रदेश के सभी जिलों के अस्पतालों के सभी संवर्गों के अधिकारियों व कर्मचारियों ने विरोध दर्ज कराया। संघ के प्रधान महासचिव अशोक कुमार, ने शनिवार से सुबह 8-10 बजे तक तक दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया जाएगा। साथ ही सभी कर्मचारी दो घंटे अधिक कार्य करेंगे, जिससे मरीजो को कोई दिक्कत न हो।