- कृष्णानगर स्थित गौशाला संचालक को जालसाजों ने बनाया शिकार

- पुलिस ने 19 जालसाजों के खिलाफ दर्ज की एफआईआर

LUCKNOW: 'हेलो, मैं फाइनेंस मिनिस्टर बोल रही हूं, आपका बोनस कंफर्म हो गया है.' यह सुनने के बाद गौशाला संचालक को इस कदर विश्वास जम गया कि उसने जालसाजों को किश्तों में 2.30 करोड़ रुपये सौंप दिये। लंबा वक्त बीतने के बाद भी जब बोनस नहीं मिला तो पीडि़त ने छानबीन की। जिसमें उसे पता चला कि वह जालसाजी का शिकार हो गया है। आखिरकार ठगे जाने का अहसास होने पर पीडि़त ने कृष्णानगर कोतवाली में 19 जालसाजों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

बोनस दिलवाने का दिया आश्वासन

कृष्णानगर के शिवमनगर एरिया निवासी बाबा विनोद सिंह ने वर्ष 1997 में बाबा गौशाला नाम से गोपालन का काम शुरू किया था। इसमें वह गाय के दूध का कारोबार भी करते हैं। विनोद के मुताबिक, वर्ष 2016 में उन्हें अनजान नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को इंश्योरेंस रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (आईआरडीए) का कर्मी बताते हुए उन्हें जानकारी दी कि वह उनकी बीमा पॉलिसी और मर चुकी गायों के बीमे की रकम और बोनस दिलवा देगा।

असल मानकर कर बैठे विश्वास

विनोद के मुताबिक, जालसाजों ने उन्हें विश्वास में लेने के लिये कभी भारत सरकार के फाइनेंस सेक्रेटरी तो कभी उनके निजी सचिव व अन्य अधिकारी बनकर कॉल किया और उनकी चार अलग-अलग पॉलिसियों पर करोड़ों रुपये बोनस दिलाने की बात कही। विनोद उन लोगों को असल अधिकारी समझ उनके झांसे में आ गए। इतना ही नहीं, कुछ महीने पहले विनोद को एक महिला की कॉल आई। उस महिला ने खुद को फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण बताते हुए उनसे बात की और उनका करोड़ों रुपये का बोनस कंफर्म होने का आश्वासन दिया।

बैंक खातों में जमा कराई रकम

जालसाजों पर पूरी तरह विश्वास कर बैठे विनोद से आरोपियों ने धीरे-धीरे रकम की मांग शुरू की। विनोद ने जालसाजों के बताए गए खातों में रकम जमा करानी शुरू कर दी। कभी इनकम टैक्स तो कभी जीएसटी तो कभी आरबीआई क्लियरेंस के नाम पर आरोपियों ने अलग-अलग बैंक खातों में रुपये जमा करवा दिये। विनोद ने बताया कि जालसाजों के जाल में फंसकर उन्होंने अब तक 2.30 करोड़ रुपये जमा करा दिये। उन्होंने बताया कि इस रकम का इंतजाम उन्होंने अपनी पुश्तैनी जमीन बेचकर और 30 मित्रों से उधार लेकर जमा किये थे।

चेक बाउंस होने पर उड़े होश

विनोद सिंह ने बताया कि बीते दिसंबर माह में जालसाजों ने बोनस और क्लेम के नाम पर उनके पास दो अलग-अलग चेक और कुछ दस्तावेज भेजे। उन्होंने जब दोनों चेक को बैंक में लगाया तो वह बाउंस हो गए। बैंक से चेक बाउंस होने की जानकारी मिलने पर विनोद के होश उड़ गए। उन्होंने जालसाजों द्वारा भेजे गए दस्तावेज को अपने सहयोगियों को दिखाया तो उन्होंने बताया कि वह दस्तावेज फर्जी हैं। आखिरकार पीडि़त विनोद ने कृष्णानगर पुलिस से पूरे मामले की शिकायत की। इंस्पेक्टर कृष्णानगर राम कुमार यादव ने बताया कि पीडि़त की रिपोर्ट दर्ज कर मामले की छानबीन की जा रही है।