लखनऊ (ब्यूरो)। अगर आपके पास कोई कॉमर्शियल या आवासीय संपत्ति है और पहली बार नगर निगम ने असेसमेंट की राशि का बिल आपके पास भेजा है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। उस बिल में जुड़ी ब्याज की राशि माफ हो जाएगी, जिसके बाद आपको सिर्फ टैक्स जमा करना होगा। बस ब्याज माफी के लिए आपको जोन कार्यालय में संपर्क करना होगा और आवेदन देना होगा, जिसके बाद ब्याज की राशि को माइनस कर दिया जाएगा।

शासनादेश में है साफ

पहली बार असेसमेंट कराने वाले संपत्ति मालिकों के लिए ब्याज माफी संबंधित शासनादेश पहले ही आ चुका है, लेकिन पब्लिक को इसकी जानकारी नहीं है। जिसकी वजह से नगर निगम की ओर से जब असेसमेंट संबंधी बिल भेजा जाता है तो उसमें ब्याज की राशि भी जुड़ी होती है। जिसे देखकर संपत्ति मालिक टेंशन में आ जाते हैैं और टैक्स भी जमा नहीं करते हैैं। जबकि साफ है कि ब्याज की राशि माफ की जानी है और जो टैक्स की राशि बचेगी, उसे जमा कराया जाना है। हालांकि, उसमें भी री-असेसमेंट की सुविधा दी गई है।

असेसमेंट के पहुंच रहे बिल

जीआईएस सर्वे होने के बाद आवासीय और कॉमर्शियल संपत्ति धारकों के पास नगर निगम की ओर से असेसमेंट संबंधी राशि के बिल भेजे जा रहे हैैं। इस बिल में ब्याज की राशि भी जुड़ी हुई है। जिसकी वजह से भारी भरकम बिल नजर आता है। बिल में नजर डालें तो साफ हो जाएगा कि अगर किसी ने पांच साल से टैक्स जमा नहीं किया है और इस बार टैक्स असेसमेंट कराया है तो उसके बिल में टैक्स की राशि से अधिक ब्याज की राशि जुड़ी होती है। इस राशि को माफ कराकर संबंधित व्यक्ति की ओर से अपना टैक्स जमा कराया जा सकता है और उसके बाद उसे हर साल निर्धारित टैक्स ही जमा करना होगा।

सदन ने किया था पास

खास बात यह है कि जिस शासनादेश की बात की जा रही है, उसे सदन द्वारा स्वीकृत किया जा चुका है। इसके बावजूद जनता तक इसकी जानकारी नहीं पहुंच सकी है। अगर इसका सही से प्रचार-प्रसार कर दिया जाए तो साफ है कि ज्यादातर भवन स्वामियों की ओर से अपना असेसमेंट कराने के साथ ही निर्धारित टैक्स को जमा भी कराया जा सकेगा। जिसका सीधा फायदा नगर निगम प्रशासन को मिलेगा। जब भवन स्वामियों की ओर से टैक्स जमा किया जाएगा तो साफ है कि निगम को राजस्व संबंधी लाभ होगा।

इस बार करोड़ों का टैक्स जमा हुआ

अन्य सालों के मुकाबले इस बार नगर निगम के खाते में 300 करोड़ से अधिक का टैक्स जमा हुआ है। ये टैक्स उन भवन स्वामियों की ओर से जमा कराया गया है, जो लंबे समय से टैक्स जमा नहीं कर रहे थे। जब से ऑनलाइन टैक्स जमा होने की सुविधा दी गई है, उसके बाद से टैक्स जमा होने के आंकड़े में खासा इजाफा देखने को मिल रहा है। जो टैक्स जमा हुआ है, उसके माध्यम से विकास कार्य कराए जा सकेंगे। वहीं, जिन लोगों ने अभी तक अपना हाउस टैक्स जमा नहीं किया है, उन पर 12 प्रतिशत ब्याज की राशि जोड़ दी गई है और यह राशि माफ नहीं होगी, क्योंकि ये भवन स्वामी पहले ही अपनी संपत्ति का असेसमेंट करा चुके हैैं। निगम प्रशासन की ओर से ऐसे भवन स्वामियों को नोटिस भी भेजी जा रही है।

यह बात सही है कि पहली बार असेसमेंट कराने वालों के बिल में जो टैक्स के साथ ब्याज की राशि जुड़कर आ रही है, उसे माफ किए जाने का प्राविधान है। संबंधित भवन स्वामी अपने जोन कार्यालय में इस बाबत आवेदन कर लाभ ले सकता है। इसकी जानकारी होने के बाद कई लोगों ने आवेदन भी किया है।

-अशोक सिंह, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी, नगर निगम