लखनऊ (ब्यूरो)। एलडीए वीसी डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी के निर्देश पर अवैध रो-हाउसेस और अवैध प्लॉटिंग के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इसी कड़ी में एलडीए टीमों की ओर से अलग-अलग एरिया में अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई की गई।

दुबग्गा में अवैध प्लाटिंग ध्वस्त

प्रवर्तन जोन-7 के जोनल अधिकारी डीके सिंह ने बताया कि मो। जुबेर व फकीरे लाल द्वारा जेहटा, माल रोड के पास 6000 वर्गमीटर क्षेत्रफल में बिना तलपट मानचित्र स्वीकृत कराये अनाधिकृत रूप से भूखंडों का निर्माण कराया जा रहा था। जिसके विरुद्ध विहित न्यायालय में वाद संख्या 266/2022 योजित किया गया था। विहित न्यायालय द्वारा इस अवैध प्लाटिंग को ध्वस्त किये जाने के आदेश दिये गये थे। इसी आदेश के अनुपालन में बुधवार को अवैध प्लॉटिंग को ध्वस्त किया गया।

कृष्णानगर में होटल सील

प्रवर्तन जोन-3 के जोनल अधिकारी राजीव कुमार ने बताया कि कपिल हसवानी द्वारा कृष्णानगर में लगभग 4 वर्ष पूर्व बिना मानचित्र स्वीकृत कराये भूतल, प्रथम तल एवं द्वितीय तल का निर्माण करते हुए एसएस जनवासा नाम से होटल का संचालन किया जा रहा था। जिसके विरुद्ध विहित न्यायालय में वाद संख्या-736/2022 योजित किया गया था। उक्त प्रकरण में दिनांक 18 अक्टूबर को होटल को सील किये जाने के आदेश पारित किये गये थे। उक्त आदेशों के अनुपालन में बुधवार को सीलिंग की कार्रवाई की गई।

आधा दर्जन रो हाउसेस पर एक्शन

प्रवर्तन जोन-2 के जोनल अधिकारी अमित राठौर ने बताया कि आरके त्रिपाठी द्वारा बिजनौर रोड, माधव मोटर के पीछे, थाना-सरोजनी नगर पर बिना मानचित्र स्वीकृत कराये लगभग 6000 वर्गफीट क्षेत्रफल में आधा दर्जन रो-हाउसेस भवनों का निर्माण कार्य कराया जा रहा था। जिसके विरुद्ध विहित न्यायालय में वाद संख्या-418/2022 योजित किया गया था। इसी तरह अशोक कुमार शुक्ल व अन्य द्वारा बिजनौर रोड, माधव मोटर के पीछे लगभग 4000 वर्गफीट क्षेत्रफल में 4 रो-हाउसेस भवनों का निर्माण कार्य कराया जा रहा था। जिसके विरुद्ध विहित न्यायालय में वाद संख्या-424/2022 योजित किया गया था। इसके अलावा धीरेन्द्र शुक्ला द्वारा आर्यावर्त बैंक के ऊपर सुल्तानपुर रोड, गोसाईगंज में लगभग 2500 वर्गफीट क्षेत्रफल में प्रथम तल की छत डालकर द्वितीय तल पर छत डालने हेतु शटरिंग का कार्य किया जा रहा था। जिसके विरुद्ध विहित न्यायालय में वाद संख्या-121/2022 योजित किया गया था। उक्त वादों में विहित न्यायालय द्वारा सीलिंग के आदेश दिये गये थे। उक्त आदेशों के अनुपालन में कार्रवाई की गई।