लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी के डॉ। श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में लोग न सिर्फ शहर से बल्कि आसपास के जिलों से भी अपना इलाज करवाने आते हैं। लखनऊ के वीआईपी अस्पतालों में गिने जाने वाले सिविल अस्पताल में इन दिनों अंदर से लेकर बाहर तक बदइंतजामी फैली नजर आ रही है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने जब यहां का 'रियलिटी चेक' किया तो कई और चौंकाने वाली जानकारियां सामने आईं

ऑटो चालकों के अतिक्रमण से लग रहा जाम

समय 11.30, सिविल अस्पताल गेट 1 के सामने

सिविल अस्पताल के गेट नंबर 1 के बाहर सड़क घेरे हुए कई ऑटो और ई-रिक्शा चालक खड़े हुए थे, जिसके चलते वहां ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी हुई थी। जाम से लोगों को जूझता देखने के बावजूद वे वहां से अपना वाहन हटाने को तैयार नहीं थे। इस जाम की वजह से सड़क से आने-जाने वालों को ही नहीं बल्कि अस्पताल परिसर में जाने वालों को भी काफी मुश्किलें हो रही थीं। कई बार तो यहां एंबुलेंस तक जाम में फंस जाती हैं, जिससे गंभीर मरीजों की जान तक पर बन आती है। हालांकि, अस्पताल के बाहर जाम न लगने देने के सख्त आदेश हैं।

गर्मी ने बढ़ाई लोगों की परेशानी

समय: 11.45, अस्पताल परिसर के अंदर

अस्पताल परिसर के अंदर बहुत से तीमारदार खड़े हुए थे। परिसर के वेटिंग एरिया में पंखे तो लगे थे, लेकिन तेज गर्मी और लू की वजह से पंखों का ज्यादा असर नहीं हो रहा था। इसके अलावा, वहां पर पानी पीने के लिए जो वॉटर कूलर लगा हुआ था उससे भी ठंडा पानी नहीं आ रहा था, जिससे लोगों को बहुत परेशानी हो रही थी। हल्का ठंडा पानी सिर्फ गेट 1 के पास लगे वॉटर कूलर में ही आ रहा था, जिससे लोगों को कुछ राहत जरूर मिली।

तीमारदारों के लिए रैन बसेरे की व्यवस्था

अस्पताल परिसर के अंदर रैन बसेरा की भी व्यवस्था थी जहां तीमारदार रात में रुक सकते हैैं। रैन बसेरा के अंदर एक कूलर लगा हुआ था और कुछ पंखे लगे हुए थे। साथ ही वहां पर तीमारदारों के आराम करने के लिए बिस्तर भी लगे थे। वहां कुछ पंखे काम नहीं कर रहे थे, लेकिन वहां गर्मी से थोड़ी राहत जरूर थी।

बार-बार जा रही थी बिजली

अस्पताल के अंदर कई बार बिजली गुल हुई, जिसकी वजह से लोगों को परेशानी हो रही थी। हालांकि, जनरेटर का बैकअप होने की वजह से लाइट की वजह से ज्यादा समस्या नहीं हुई।

जाम की वजह से काफी परेशानी होती है। इसको लेकर कई बार लिखा जा चुका है। गर्मी से बचाव को लेकर सभी जरूरी इंतजाम किए गये हैं।

-डॉ। राजेश श्रीवास्तव, सीएमएस, सिविल अस्पताल