लखनऊ (ब्यूरो)। राजस्थान के रामगढ़ में उल्का प्रभावित स्थल, मध्य प्रदेश में मिले डायनासोर के अंडे और अंडमान के सक्रिय ज्वालामुखी बैरेन द्वीप समेत भारत के कई भूवैज्ञानिक विरासतों के अवशेष अब शहर के बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान के सेंटर फार प्रमोशन आफ जियो हेरिटेज एंड जियोटूरिज्म (सीपीजीजी) में देख सकते हैं। यही नहीं, यहां पर आपको मेघालय की सबसे लंबी मामलुह गुफा में मिले चट्टान के अवशेषों को देखने के साथ ही उनकी जानकारी भी मिलेगी। संस्थान में जियो हेरिटेज को संरक्षित करने के लिए केंद्र का बनाया गया है। इस केंद्र का मकसद जियो हेरिटेज को संरक्षित कर लोगों को इसकी जानकारी देना है। 28 जून को बीएसआईपी में इस केंद्र का उद्घाटन हुआ है।

भारत का पहला केंद्र

बीएसआइपी की निदेशक डॉ। वंदना प्रसाद ने कहा कि यह भारत का पहला केंद्र होगा जिसके जरिए हम जियोलॉजिकल हेरिटेज को बढ़ावा दे सकते हैं और उनके संरक्षण में अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं। बीएसआईपी की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ। अंजू सक्सेना ने कहा कि भारत में 40 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल होने के बावजूद एक भी ग्लोबल जियोपार्क (यूजीजी) नहीं है। इस केंद्र की स्थापना से भूविरासत संरक्षण और जियोपार्क के बारे में लोगों को जानकारी दी जा सकती है। हमारी प्राकृतिक विरासत क्या है, उसकी जरूरत क्या है और उन्हें संरक्षित क्यों किया जाना चाहिए। जियोलॉजिकल विरासतों को संरक्षित करके हम लोगों के बीच उसकी महत्ता को बढ़ा सकते हैं। संस्थान की वैज्ञानिक डॉ। स्वाती त्रिपाठी ने बताया कि वैज्ञानिकों द्वारा खोजे और यूनेस्को द्वारा घोषित किए गए ऐसे स्थान, जहां पर भूविज्ञान के साथ सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत का सम्मेलन है उन्हें भूवैज्ञानिक विरासत यानी जियोहेरिटेज कहा जाता है। इन सभी भू-विरासत स्थलों की जानकारी और भू-पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बीएसआइपी में सीपीजीजी की स्थापना की गई है।

म्यूजियम में मामलुह गुफा के अवशेष

मेघालय की सबसे लंबी मामलुह गुफा में पुरातत्व वैज्ञानिकों को 4200 वर्ष पहले सिंधु घाटी सभ्यता को प्रभावित करने वाले कई तथ्यों का पता चला था। इसे संस्थान के वैज्ञानिक महत्वपूर्ण जियो हेरिटेज के रूप में देखते हैं। संस्थान के वैज्ञानिकों का कहना है कि इसके अलावा यूपी व देश में ऐसे 40 जियो हेरिटेज साइट्स हैं जो बहुत महत्वपूर्ण हैं। इनमें सोनभद्र व चित्रकूट में स्ट्रॉमेटोलाइट फॉसिल भी 2000 मिलियन ईयर पुराना ब्लू व ग्रीन एल्गी वातावरण से कार्बन डाई ऑक्साइड कंज्यूम करके ऑक्सीजन रिलीज करता है। इसी तरह अपर क्रेटेशियस अमोनाइट पेरम्बलूर, तमिलनाडु, डायनासोड के अंडे बाग मध्य प्रदेश, सक्रिय ज्वालामुखी बैरेन द्वीप अंडमान, रामगढ़ इम्पैक्ट क्रेटर राजस्थान व जुरासिक कच्छ भी भारत के महत्वपूर्ण जियो हेरिटेज साइट्स हैं।