LUCKNOW: घर के सामने पार्क में खेलना आशियाना के भदरुख में रहने वाली सात साल की मासूम बच्ची को ऐसा जख्म दे गया जिसे वह चाहकर भी जिंदगी भर नही भूल सकेगी। वाक्या है 23 दिसंबर 2016 का जब आशियाना के भदरुख में सात साल की मासूम बच्ची घर के सामने स्थित पार्क में खेलने पहुंची । पार्क में खेलते वक्त एक राहगीर की नजर उस पर पड़ी। वह बच्ची के पास पहुंचा और उसके संग दरिंदगी की। इसके बाद वह खून से लथपथ बच्ची को वहीं पार्क की झाडि़यों में फेंककर फरार हो गया। काफी देर तक घर न लौटने पर परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। झाडि़यों में मिली बच्ची को इलाज के लिये ट्रॉमा सेंटर में एडमिट कराया गया।

सबसे बड़ा सवाल आरोपी को पहचानने का था

परिजनों के लिए सबसे बड़ा सवाल आरोपी को पहचानने का था। वह न तो पीडि़ता से कभी मिला और न ही परिजन ही उसे पहचानते थे। बच्ची का इलाज जारी था, इधर पुलिस अपनी तफ्तीश में जुटी रही। सीसीटीवी फुटेज की पड़ताल के दौरान उसे एक संदिग्ध दिखाई दिया। वह लाल रंग की जैकेट पहने था। बच्ची ने भी अपने बयान में आरोपी द्वारा लाल रंग की जैकेट और लॉकेट पहने होने की बात बताई थी। करीब 15 दिनों तक पुलिस इलाके के दुकानदारों से पूछताछ करती रही। इसी दौरान पता चला कि जो हुलिया पुलिस बता रही है, उस नाम का शख्स आशियाना इलाके में ही रहता है।

कराया आमना-सामना

वह शादी-बारात में बैंड लाइट उठाने का काम करता था। पुलिस ने तुरंत उस शख्स को उठाया और बच्ची के सामने ले जाया गया। बच्ची ने उसे पहचान लिया। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को अरेस्ट कर लिया। इस घटना में बच्ची ने सदमे में होने के बावजूद हिम्मत नहीं हारी और पुलिस जांच में भरसक मदद की। जिसका नतीजा यह रहा कि ब्लाइंड केस होने के बावजूद आरोपी कानून के शिकंजे में फंस ही गया। हालांकि, बच्ची अब स्वस्थ है लेकिन, उसके दिलोदिमाग पर लगे गहरे जख्म अब तक नहीं मिट सके हैं।