लखनऊ (ब्यूरो)। एलडीए की ओर से गोमतीनगर और गोमती नगर विस्तार योजना पर मुख्य फोकस किया जा रहा है। इसकी वजह यह है कि इन दो योजनाओं में ही फर्जी भूखंड संबंधी खेल ज्यादा सामने आते हैैं। इसके साथ ही टीपी नगर योजना पर भी ध्यान दिया जा रहा है और खाली भूखंडों की लिस्टिंग कराई जा रही है। जिससे यह साफ हो जाएगा कि कितने आवासीय और कितने व्यावसायिक भूखंड खाली हैैं। इसके साथ ही समायोजन को लेकर भी अलग से रिपोर्ट बनवाई जाएगी। भूखंडों के समायोजन में भी जमकर खेल किया जाता है। वहीं दूसरी तरफ भूखंडों से जुड़ी रजिस्ट्रियों की भी जांच कराने की तैयारी की गई है। इसके लिए अलग से डेटा बेस तैयार किया जा रहा है। रजिस्ट्रियों के सत्यापन से भी कई गड़बड़ियां सामने आ सकती हैैं।
मजदूर की मौत के बाद जागा एलडीए
एलडीए के कुछ कर्मचारियों के संरक्षण के चलते थाना बाजार खाला में अमर प्रजापति ने मात्र 1100 वर्ग फीट जमीन पर बेसमेंट छोड़कर पांच मंजिला इमारत खड़ी कर दी। ये इमारत तब सील की गई जब एक मजदूर की जान चली गई। मामले में एलडीए ने दोषी सुपरवाइजर और अभियंताओं से न तो स्पष्टीकरण मांगा और न कार्रवाई की। आखिर ये इमारत कैसे खड़ी हो गई, इसका जवाब अभियंता एक दूसरे पर डालते रहे।एलडीए वीसी ने सारे जतन कर लिए गए, लेकिन प्रवर्तन के अभियंताओं की कार्यशैली से अवैध निर्माण बंद रहीं हुए। दशकों से प्रवर्तन का काम देख रहे अवर अभियंता अभियंत्रण, उद्यान, मानचित्र सेल में जाने के इच्छुक नहीं हैं। कुर्सी हिलने का पता चलते ही शासन स्तर से दबाव डलवाना शुरू कर देते हैं। इसमें अवर अभियंता, सहायक अभियंता व अधिशासी अभियंता तक शामिल हैं।