- 5 करोड़ रुपये की करीब 50 लग्जरी गाडि़यां बरामद

- गैंग में कल्याण बोर्ड का एक ओएसडी भी शामिल

LUCKNOW : एक्सीडेंटल गाडि़यों के चेसिस और इंजन नंबर को चोरी की गाड़ी में बदलकर बेचने वाले एक गिरोह का रविवार को लखनऊ पुलिस ने खुलासा किया है। यह गिरोह अपने कारोबार को चलाने के लिए ऑन डिमांड गाडि़यों की चोरी करता था और करोड़ों का मुनाफा कमाता था। पुलिस ने गिरोह के सरगना में शामिल भोजपुरी फिल्मों में आईपीएस की भूमिका निभाने वाले एक्टर समेत पांच बदमाशों को दबोचा है। उनके पास से 5 करोड़ की 50 लग्जरी गाडि़यां बरामद की है। बरामद गाडि़यों में बीएमडब्ल्यू, पजेरो, फाच्र्यूनर व इनोवा सहित कई गाडि़यां शामिल हैं।

नेपाल में कर रहे थे ऑन डिमांड सप्लाई

पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय के अनुसार वाहन चोरों के इस गिरोह का नेटवर्क पूरे देश में फैला है। यह गिरोह नेपाल में भी लग्जरी गाडि़यों की आपूर्ति करता था। डीसीपी पूर्वी सोमेन वर्मा, एडीसीपी पूर्वी अमित कुमार और एसीपी विभूतिखंड की टीम और चिनहट पुलिस ने गिरोह का खुलासा किया है। गिरोह इस शातिर ढंग से काम करता था कि आसानी से चोरी की पुष्टि नहीं हो सकती थी।

भोजपुरी एक्टर व ओएसडी गैंग में शामिल

गिरोह में भोजपुरी फिल्म का कलाकार, एक न्यूज चैनल का पत्रकार, कल्याण बोर्ड का ओएसडी, दिल्ली का बड़ा व्यापारी, कार बाजार का मालिक, कबाड़ का बड़ा कारोबारी शामिल है। पुलिस ने गिरोह के पांच सदस्यों को दबोचा है। इसमें भोजपुरी फिल्म में पुलिस अधिकारी की भूमिका निभाने वाले अमीनाबाद के मॉडल हाउस निवासी नासिर खान उर्फ छोटी, पुराने कार बाजार का मालिक हुसैनाबाद ठाकुरगंज निवासी रिजवान, कानपुर के बर्रा का बड़ा कबाड़ कारोबारी श्यामजी जायसवाल, आलमबाग निवासी विनय तलवार और हसनगंज शिवनगर खदरा का मोईनुद्दीन खान उर्फ पप्पू खान शामिल है। पुलिस ने शातिरों के पास से 50 लग्जरी गाडि़यां बरामद की है, जिसमें बीएमडब्ल्यू, पजेरो, इनोवा, फाच्र्यूनर जैसी लग्जरी गाडि़यां शामिल हैं। इनकी कीमत करीब 5 करोड़ रुपये बताई जा रही है।

दिल्ली के बड़े व्यापारी समेत 10 की तलाश

पुलिस कमिश्नर के मुताबिक गिरोह के 10 सदस्यों की तलाश की जा रही है। इसमें दिल्ली का बड़ा व्यापारी और कल्याण बोर्ड का ओएसडी बताने वाला रोमी पाल सिंह, मेरठ का अबरार, अफजाल, आगरा का राजू शर्मा उर्फ राजू कोली उर्फ राहुल, मुरादाबाद का आरिफ, लखीमपुर पलिया के एसके कार सेल्स का शिबू, फजलगंज कानपुर का कबाड़ी सतपाल, दिल्ली का संदीप मारवा शामिल है। इन आरोपियों का गिरोह से सीधा संबंध है। वहीं मछली मोहाल मॉडल हाउस का मो। कामिल और हजरतगंज नरही निवासी मनीष टंडन, जिसका गैराज शक्ति भवन के पास है। इन सभी की तलाश की जा रही है।

एक्सीडेंटल गाड़ी में ऐसे करते थे खेल

पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय के मुताबिक यदि कोई गाड़ी हादसे का शिकार हो जाती है तो उसे इंश्योरेंस कंपनी के पास वैल्यू के लिए भेजा जाता है। वैल्यू दो तरह से लगाई जाती है। पहली निष्प्रयोच्य और दूसरी गाड़ी के हादसे में क्षतिग्रस्त होने के बाद उसकी कीमत। गाड़ी की वैल्यू लगाने के बाद मालिक को एक निश्चित रकम ग्राहक से दिलाई जाती है। इंश्योरेंस कंपनी भी गाड़ी मालिक को डैमेज की भरपाई के लिए रुपये देती है। इसके बाद गाड़ी के सेल लेटर पर मालिक के दस्तखत करा लिये जाते हैं। इसी के बाद शातिरों का खेल शुरू होता है। क्षतिग्रस्त गाडि़यों को गैराज में रखने के बाद उस तरह की गाड़ी की तलाश शुरू की जाती है। इसे पूरा करने के लिए चोरों के गिरोह को लगाया जाता है, जो देश के हर प्रदेश व जिले में सक्रिय हैं। उसी मॉडल व रंग की गाडि़यों को चोरी करने के बाद उसे गैराज लाया जाता है, जहां एक हफ्ते के अंदर क्षतिग्रस्त गाड़ी का चेचिस नंबर और इंजन नंबर चोरी की गई गाड़ी में लगाया जाता है। इसी बीच ग्राहक की भी तलाश शुरू की जाती है। ग्राहक मिलने के बाद गाड़ी बेच दी जाती है।

ऐसे हुआ गिरोह का खुलासा

डीसीपी पूर्वी सोमेन वर्मा के मुताबिक 15 जून को चिनहट पुलिस वाहन चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान एक आई 20 कार छोड़कर कुछ लोग भाग गये। पुलिस ने लावारिश में कार को दाखिल करने के बाद उसके नंबर के आधार पर मालिक की तलाश शुरू की। मोबाइल एप पर जब ऑनलाइन चेक किया गया तो गाड़ी का मालिक कैसरबाग के सुंदरबाग निवासी नासिर खान का निकला। पुलिस के मुताबिक एप पर कार का मॉडल 2013 दिखा रहा था जबकि कार देखने से 2019 की लग रही थी। संदेह होने पर पुलिस ने एफएसएल की टीम को जांच के लिए बुलाया। एफएसएल भी शुरुआती जांच में फेल हो गई। दोबारा तीन घंटे तक जांच के बाद एफएसएल के अधिकारियों ने चेचिस नंबर व इंजन नंबर के बदलने की पुष्टि की। इसकी रिपोर्ट के लिए पुलिस ने विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक से पत्राचार किया। इसके बाद रिपोर्ट मिली। जब कार के मालिक की तलाश शुरू हुई तो कागज में दर्ज पते पर कोई नहीं मिला। डीसीपी पूर्वी के मुताबिक जब सही चेचिस व इंजन नंबर की जांच की गई तो असली मालिक का पता चला। यह गाड़ी 5 जून को गोमतीनगर से चोरी हुई थी, जिसका मुकदमा दर्ज था।

खराद कर चेचिस व इंजन नंबर उकेर देते

एडीसीपी पूर्वी अमित कुमार के अनुसार गिरोह क्षतिग्रस्त वाहनों को कागज सहित खरीदता था। इसके बाद उसी मॉडल की गाड़ी ऑन डिमांड चोरी करते थे। गिरोह के सदस्य इतने शातिर हैं कि वह चेचिस व इंजन नंबर को आसानी से खरादकर बदल देते थे। वाहनों के ईसीएम व आईडेंटिटिफिकेशन चिप भी बदल दिया करते हैं। इस गिरोह के सभी सदस्यों का अपना-अपना दाम तय होता था। काम के मुताबिक गिरोह का सरगना कार बेचने के बाद रकम बांट देता था।

कश्मीर व नार्थ ईस्ट के राज्य इनके निशाने पर

एसीपी विभूतिखंड स्वतंत्र कुमार सिंह के मुताबिक इस गिरोह के लिए कश्मीर व नार्थ ईस्ट के राज्य काफी फायदेमंद होते हैंण् इन राज्यों से आसानी से गाड़ी चोरी भी करते थेण् वहां इंजन व चेचिस नंबर बदलकर गाडिय़ों को खपा भी आसानी से देते हैंण् एसीपी के मुताबिक यह काफी बड़ा गिरोह हैण् एक दो दिन के अंदर 50 से अधिक लग्जरी कारें और बरामद होंगीण्