लखनऊ (ब्यूरो)। स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों में सेहत को लेकर बहुत अवेयरनेस देखने को नहीं मिलती है। ऐसे में कई बार जाने-अनजाने वे बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। इस समस्या को देखते हुए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट बच्चों के लिए हेल्थ मीटर एक्टिविटी चला रहा है। इस एक्टिविटी के जरिए उन्हें हेल्थ और हाइजीन की अहमियत से रूबरू कराने के साथ-साथ हेल्दी आदतें अपनाने पर जोर दिया जा रहा है। सोमवार को केजीएमयू के विशेषज्ञों की टीम ने मोहिबुल्लापुर स्थित बाल निकुंज इंटर कॉलेज और इरम स्कूल में बच्चों की हेल्थ की जांच की।

बेसिक जांच के बाद दिया हेल्थ रिपोर्ट कार्ड

केजीएमयू के विशेषज्ञों की टीम दोनों स्कूलों में गई। स्कूलों में क्लास 1 से लेकर 5 तक के बच्चों की बेसिक जांच की गई। जैसे उनका वजन, लंबाई, दांत, आंखों की जांच वगैरह। इसके अलावा बच्चों को रिपोर्ट कार्ड भी दिया गया, जिसमें उनकी हेल्थ से जुड़ी जानकारियां थीं।

नाखून काटने की दी सलाह

कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों की टीम ने बच्चों के नाखून चेक किए। जिन बच्चों ने नाखून नहीं काटे थे, उन्हें नाखून साफ रखने से लेकर हाथों की साफ-सफाई की अहमियत बात की। डॉक्टर्स की टीम ने बच्चों से हर संडे नेल्स काटने का प्रॉमिस भी लिया।

स्कूल बोले 'थैंक्यू आईनेक्स्ट'

दोनों स्कूलों में केजीएमयू की ओर से डॉ। राजीव मिश्रा के नेतृत्व में डॉ। स्मृति वर्मा, डॉ। अक्षता एमए, डॉ। क्रिस्टोफर जेम्स, डॉ। अभिनव कुमार मौजूद रहे। विशेषज्ञों की टीम की ओर से बच्चों की हेल्थ जांच को लेकर स्कूलों ने इस मुहिम को सराहा। स्कूल मैनेजमेंट ने कहा कि डीजे आईनेक्स्ट की इस अपील से स्कूल और पेरेंट्स, दोनों ही अच्छी सेहत को लेकर अवेयर रहेंगे। इस मुहिम के लिए शुक्रिया।

डीजे आईनेक्स्ट की यह पहल बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद है। हमारी सोसायटी में कई ऐसे पेरेंट्स हैं जो बच्चों का रूटीन चेकअप नहीं करा पाते हैं। उनको पता ही नहीं चल पाता है कि ग्रोथ ईयर में बच्चों की सही ग्रोथ हो रही है या नहीं। इसमें जो हेल्थ रिपोर्ट कार्ड मिल रहा है, उससे उन्हें बच्चों की सही हेल्थ की जानकारी मिल सकेगी।

-भगवती भंडारी, प्रिंसिपल बाल निकुंज इंटर कॉलेज, गल्र्स विंग

यह एक्टिविटी बहुत अच्छी है। इसमेंं बच्चों को उनकी हेल्थ की कसौटी पर आंका जा रहा है। मुझे लगता है कि सबसे ज्यादा समस्याएं गलत खानपान की वजह से होती हैं। मेरा सुझाव है कि बेसिक जांचों के साथ-साथ इसमें पेट संबंधी जांचों को भी शामिल किया जाए।

-एचएन जायसवाल, प्रिंसिपल, इरम स्कूल