लखनऊ (ब्यूरो)। प्रदेश की गवर्नर एवं कुलाध्यक्ष आनंदीबेन पटेल द्वारा शुक्रवार को लोहिया संस्थान में सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के प्रति जागरूकता तथा एचपीवी टीकाकरण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया गया। गवर्नर ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की शिक्षिकाओं को सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम तथा एचपीवी टीकाकरण संबंधी जागरूकता पोस्टर व छात्राओं को इस संदर्भ में जागरूकता पुस्तिका व पोषण आहार का वितरण किया। इस अवसर पर जॉन्स हॉपंकिस प्रोग्राम फॉर इंटरनेशनल एजुकेशन इन गायनेकोलॉजी एंड आब्सटेट्रिक्स, कार्पोरेशन इंडिया तथा लोहिया संस्थान के बीच समझौते पत्र पर हस्ताक्षर किया गया।

दूसरा सर्वाधिक होने वाला कैंसर

भारतीय महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर दूसरा सबसे आम कैंसर माना जाता है। इसमें 80 प्रतिशत मामले एचपीवी वायरस के संक्रमण से संबंधित होते हैं। एचपीवी टीका इस प्रकार के कैंसर के विरुद्ध 95 प्रतिशत कारगर व न्यूनतम दुष्प्रभाव वाला है। डॉ। नीतू सिंह, नोडल ऑफिसर एचपीवी टीकाकरण ने बताया कि आंकड़ों पर नजर डाले तो हर साल करीब 1.23 लाख केस हर साल आते है। जिसमें करीब 50 फीसदी से अधिक यानि 65-70 हजार महिलाओं की मौत हो जाती है। यह चिंता का विषय है कि विश्व में मिलने वाले केसों में वन फिफ्थ केस भारत में पाये जाते है। चूंकि, पेशेंट आखिरी स्टेज में आता है क्योंकि उसे इसके प्रारंभिक लक्षण के बारे में पता ही नहीं। जिसकी वजह से काफी देर हो जाती है। ऐसे में असामान्य मेंस्ट्रुअल, बदबूदार डिस्चार्ज होना, मिनोपॉज के बाद ब्लीडिंग होना आदि लक्षणों को ध्यान में रखना चाहिए।

स्क्रीनिंग करवाना बेहद जरूरी

डॉ। नीतू ने आगे बताया कि महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग जरूर करवाना चाहिए। खासतौर पर 21-65 साल की बीच की उम्र की महिलाओं को हर 3-5 साल के अंतराल में करवाना चाहिए। हालांकि, एचपीवी वायरस से होने वाले कैंसर की वैक्सीन आ चुकी है। इसलिए इसे किशोरियों को जरूर लगवाना चाहिए। वैसे तो वैक्सीन लड़कियों को 9-18 वर्ष के बीच में लगवा लेना चाहिए। क्योंकि इस उम्र में एंटीबॉडी बनने की क्षमता ज्यादा होती है। हालांकि, वैक्सीन अगर 9-14 साले के बीच लगवाई जाये तो ज्यादा बेहतर माना जाता है।

कम वजन चिंता का विषय

कार्यक्रम के दौरान गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने बताया कि वर्तमान समय मे नवजात शिशुओं का कम वजन चिंता का विषय है, उस पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है। बेटियों के खान पान का ध्यान रखा जाना आवश्यक है, क्योंकि वे आने वाले समय में मां बनेगी। उन्हें पौष्टिक भोजन दिया जाना चाहिए। जीवन की छोटी उम्र से ही सीखना-सिखाना, पढ़ना-पढ़ाना एक दूसरे का सहयोग करना, परिवार में सामंजस्य जैसे गुणों का अर्जन आवश्यक है। इससे अच्छा संस्कार प्राप्त होता है।

प्रयास किए जायें

गवर्नर ने आगे कहा कि सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन सिर्फ टीकाकरण से ही नहीं, बल्कि उत्तम व्यवहार, पौष्टिक खानपान व नियमित व्यायाम से संभव है। विद्यालय में विभिन्न स्पर्धात्मक कार्यक्रम यथा पेंटिंग, भाषण व अन्य रचनात्मक कार्यों के आयोजन द्वारा सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन की दिशा में प्रयास किए जाएं। उन्होंने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की छात्राओं को स्पर्धात्मक वातावरण के तहत कैंसर उमूलन पर भाषण प्रतियोगिता को राजभवन में भी आमंत्रित किया। इस अवसर पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सर्वाइकल कैंसर व एचपीवी टीकाकरण के लिए सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया। वहीं, राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, निदेशक डॉ। सोनिया नित्यानंद, सीएमएस डॉ। एके सिंह समेत अन्य मौजूद रहे।