लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू द्वारा नर्सिंग ऑफिसर भर्ती परीक्षा रविवार को सकुशल कराई गई। इस दौरान करीब 80 फीसदी परीक्षार्थी उपस्थित रहे। केजीएमयू के साथ ही पुलिस और एसटीएफ की भी नजर इस परीक्षा पर रही। इस दौरान कहीं से भी गड़बड़ी की कोई शिकायत नहीं आई।

सकुशल हुई परीक्षा

केजीएमयू में करीब 1200 पदों के लिए भर्ती परीक्षा के लिए लखनऊ समेत पांच शहर में कुल 134 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। लखनऊ, गोरखपुर, आगरा, प्रयागराज और नोएडा में आयोजित हुई। परीक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए गए थे। इसमें एआई समेत कई आधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया। परीक्षा के दौरान परीक्षार्थियों को किसी भी प्रकार की वस्तु ले जाने की मनाही थी। यहां तक कि जूते, जैकेट, अंगूठी, मंगलसूत्र जैसी चीजें भी परीक्षा केंद्र पर लेकर जाने की अनुमति नहीं दी गई। इसकी सूचना पहले ही प्रसारित कर दी गई थी। परीक्षा सुबह 11 से दोपहर एक बजे के बीच हुई। केजीएमयू प्रवक्ता प्रो। सुधीर सिंह ने बताया कि परीक्षा के दौरान करीब 80 फीसदी परीक्षार्थी उपस्थित रहे। किसी भी परीक्षा केंद्र पर कोई गड़बड़ी की सूचना प्राप्त नहीं हुई।

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लोकबंधु अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत

लोकबंधु अस्पताल में शनिवार रात जच्चा-बच्चा की मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों ने हंगामा करते हुए डॉक्टरों पर कोताही का आरोप लगाया है। जिसके बाद मामले को लेकर जांच कमेटी गठित कर दी गई है। अधिकारियों के मुताबिक जांच रिपोर्ट में लापरवाही सामने आने पर कार्रवाई की संस्तुति होगी। वहीं परिजनों ने मामले को लेकर तहरीर दी है। सरोजनीनगर हाइडिल कॉलोनी निवासी 38 वर्षीय आरती को प्रसव पीड़ा होने पर ससुरालीजनों ने बीती 24 नवंबर को लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया था। भाई कुलदीप ने आरोप लगाया कि ससुरालीजनों ने डॉक्टर व स्टॉफ से मिलकर पहले डिलीवरी नहीं कराई। इससे जच्चा-बच्चा दोनों की हालत बिगड़ गई। जिसके बाद ऑपरेशन किया गया। शनिवार शाम करीब साढ़े पांच बजे जच्चा-बच्चा की मौत हो गई।

परिजनों का हंगामा

जिसके बाद डॉक्टर व ससुरालीजन अस्पताल में छोड़कर भाग गए। मामले में लीपापोती के लिए मौत के बाद मरीज को वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखा गया। रात करीब साढ़े आठ बजे उसे मृत घोषित किया गया। जिसके बाद परिजनों ने हंगामा शुरू किया। मामले की सूचना पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह परिजनों को शांत कराया। वहीं, मामले को लेकर भाई ने तहरीर दी है। एमएस डॉ। अजय शंकर के मुताबिक इलाज में लापरवाही का आरोप बेबुनियाद है। जांच के लिए कमेटी गठित की गई है। रिपोर्ट आने बाद आगे की कार्रवाई होगी।