लखनऊ (ब्यूरो)। हापुड़ में हुए वकीलों पर लाठीचार्ज का असर बुधवार को राजधानी में भी देखने को मिला। हड़ताल के दौरान बुधवार को राजधानी के वकीलों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। इस दौरान गुस्साए वकीलों ने सिविल वर्दी में घूम रहे पुलिस कर्मियों को पीटा, वहीं एक रोडवेज चालक की भी धुनाई कर दी। वकीलों के गुस्से से मदेयगंज थाना प्रभारी भी नहीं बच सके। इस दौरान वकीलों ने बार एसोसिएशन की अध्यक्षता में सीएम व डीजीपी के नाम एडीसीपी मध्य मनीषा सिंह को ज्ञापन सौंपते हुए हापुड़ घटना के दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ आगामी 48 घंटे में कठोर कार्रवाई करने की मांग की है।

परिवर्तन चौक पर रुकवाया टै्रफिक

बुधवार को प्रदेशव्यापी हड़ताल के तहत लखनऊ बार, सेंट्रल बार और हाई कोर्ट बेंच के हजारों वकील राजधानी की सड़क पर उतर आए। परिवर्तन चौक पर दोपहर 12.30 बजे के करीब ट्रैफिक रोक दिया गया। पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की गई। इस दौरान वकीलों ने कैसरबाग बस स्टैंड के पास हड़ताल में व्यवधान डाल रहे एक रोडवेज बस चालक को घसीटकर पीट दिया। आनन-फानन में हजरतगंज डीसीपी अपर्णा रजत कौशिक, एडीसीपी मनीषा सिंह, एसीपी अरविंद समेत कई थाना की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची और स्थिति को कंट्रोल किया।

जांचे गए पुलिस के आईकार्ड

इस दौरान विधि व्यवस्था कायम करने व शांति व्यवस्था बनाने के लिए मदेयगंज थाना प्रभारी समेत कुछ पुलिस कर्मी सिविल वर्दी में हाईकोर्ट पहुंचे। हाईकोर्ट में एंट्री के दौरान वकीलों ने पुलिस कर्मियों के आईकार्ड जांचे। सिविल वर्दी में होने पर पुलिस कर्मियों से हाथापाई की गई। मदेयगंज थाना प्रभारी से गाली-गलौज करते हुए धक्का-मुक्की की गई। हाईकोर्ट के गेट से लेकर वकीलों ने हजरतगंज चौराहे तक रैली निकालते हुए पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की।

48 घंटे में कार्रवाई की मांग

इस दौरान सरकार को अगले 48 घंटों में हापुड़ घटना के दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी। पुलिस कर्मियों से कहा कि अगर सरकार की ओर से कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन और उग्र होगा। इस दौरान वकीलों ने परिवर्तन चौक पर सड़क जाम करने का प्रयास किया। वहीं, हजरतगंज मुख्य बाजार में दुकानों को बंद करा दिया। हालांकि, बाद में पुलिस ने दुकानों को फिर से खुलवा दिया। करीब तीन घंटे के बाद मामला शंात हुआ।

वकीलों की ओर से हापुड़ घटना के विरोध में प्रदर्शन किया गया। फिलहाल वकीलों के खिलाफ मारपीट के आरोप में कोई शिकायत नहीं मिली है। वकीलों की ओर से ज्ञापन सौंपा गया है।

मनीषा सिंह, एडीसीपी सेंट्रल