- बीते एक वर्ष में एलयू में 488 मामलों पर आईटीआई से मांगे गए जवाब

LUCKNOW :

लखनऊ यूनिवर्सिटी में भ्रष्टाचार के न जाने कितने मामले अभी फाइलों में दबे हैं। जो शायद सूचना के अधिकार से ही सामने आ सकते हैं। मगर एलयू प्रशासन सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी को न देना पड़े, इसके लिए हर संभव प्रयास करता है। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी को एक निश्चित समय के भीतर आवेदन करने वाले को जानकारी मुहैया करानी होती है। मगर यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा लंबा समय लेने के बाद भी जानकारी नहीं जा रही है।

बीते वर्ष आए 448 मामले

एलयू को छात्रों, शिक्षकों, वित्तीय अनियमितताओं, नियुक्तियों आदि से संबंधित करीब 448 आरटीआई आवेदन मिले हैं। सूचना के अधिकार के तहत जानकारी देने के प्रावधान में एलयू के अपने नियम हैं। सूत्रों के मुताबिक इस कानून के तहत जानकारी मांगने वाले स्थानीय व क्षेत्रीय लोगों से उनकी नागरिकता प्रमाणपत्र मांगा जा रहा है। एलयू के अधिकांश विभाग ऐसे हैं जो आरटीआइ सेल द्वारा मांगी गई जानकारी को कई दिन बीतने के बाद भी नहीं उपलब्ध करा हैं।

आरटीआई के तहत नियमानुसार सूचना उपलब्ध करानी है। यदि समय पर या सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई तो इस संबंध में आवेदनकर्ता संबंधित प्राधिकारी के समक्ष अपील कर सकता है।

संजय मेधावी, प्रवक्ता, एलयू