लखनऊ (ब्यूरो)। तारीख 18 फरवरी 2022, शाम ढल चुकी थी। इसी बीच पुलिस को पता चला कि अलीगंज के सेक्टर-बी स्थित एसबीआई कॉलोनी में मुख्य बैंक प्रबंधक के पद से रिटायर्ड 90 साल के ललित मोहन पांडेय की किसी ने नृशंस हत्या कर दी है। तत्कालीन एसीपी अलीगंज सैय्यद अली अब्बास फौरन फॉरेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंचे। ललित मोहन की गर्दन, हाथ और चेहरे पर वार के कई निशान थे। किसी नुकीले हथियार से उनके शरीर पर हमला हुआ था। छानबीन आगे बढ़ी तो घर के अंदर का सामान बिखरा पड़ा मिला। पहली नजर में यह लूटपाट के बाद हत्या का मामला लगा।

किचन से लेकर बरामदे तक बिखरा खून

राम-राम बैंक पुलिस चौकी के पास हत्या से पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए थे। अब पुलिस के सामने इस केस को सॉल्व करना एक बड़ी चुनौती बन गई थी। केस को सॉल्व करने के लिए पुलिस ने ललित के परिवार का बयान दर्ज किया। घर में ललित पत्नी प्रीति के साथ रहते थे। उनका एक बेटा पुणे में था जबकि बेटी लंदन में रहती थी। पुलिस की तफ्तीश में पता चला कि घटना के वक्त प्रीति रोजाना की तरह टहलने गई थीं। उन्होंने घर के बाहर ताला लगा दिया था। वापस आकर उन्होंने देखा कि किचन में दीवार के सहारे ललित मोहन लहूलुहान पड़े हुए हैं। किचन से लेकर बरामदे तक खून बिखरा था, जो ललित के संघर्ष की कहानी बयां कर रहा था।

चोरी के इरादे से हत्या का शक

पुलिस की तफ्तीश आगे बढ़ी तो पता चला कि हत्यारे अलमारी और बेड का सामान फेंक नकदी व जेवर लूट दीवार फांदकर फरार हो गए थे। पुलिस ने अंदेशा जताया कि घर के बाहर ताला जड़ा होने की वजह से चोर चोरी के इरादे से दीवार फांदकर अंदर घुसे, लेकिन कमरे में उनका सामना ललित से हो गया, जिसपर चोरों ने ललित को मौत के घाट उतार दिया। हालांकि, यह सिर्फ पुलिस की थ्योरी थी। अब पुलिस की जांच इसी एंगल पर आगे बढ़ी और शहर में चोरी की वारदातों को अंजाम देने वाले चोरों की एक लंबी चौड़ी लिस्ट बनाई गई, लेकिन इस केस में पुलिस को आज तक ऐसा कोई क्लू नहीं मिल सका है।

इस तरह पुलिस ने खंगाले सबूत

-केस सुलझाने के लिए पुलिस ने छह टीमें गठित की थीं।

-अलीगंज समेत एंट्री और एग्जिट प्वाइंट्स पर लगे फुटेज कैमरों को खंगाला गया।

-हत्या घर में चोरी के इरादे से की गई थी, पुलिस रिकार्ड में दर्ज सभी चोरों की लिस्ट बनाई गई।

-घटनास्थल के पास से पुलिस ने मोबाइड डंप डाटा उठाया।

-जेल में चोरी के केस में बंद अपराधियों से भी की गई लंबी पूछताछ।

-ललित के पड़ोसियों और रिश्तेदारों समेत परिवारों से भी सभी पहलुओं पर पूछताछ की गई।

-घर में पूर्व में काम कर चुके नौकरों का भी रिकार्ड खंगाला गया।

-इस केस को सॉल्व करने के लिए पुलिस छह महीने तक करती रही जांच।

महिला को मारकर जलाने वाले पकड़ से दूर

अलीगंज में ललित की हत्या का मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि ठीक एक महीने बाद एक और हत्या का मामला सामने आया, लेकिन इस बार कहानी थोड़ी अलग थी। दरअसल, 21 मार्च 2022 को ठाकुरगंज के घैला पुल के पास डंपिंग ग्राउंड में एक युवती का अधजला शव मिला। शव के हाथों में चूड़ी व पैर में पायल देख ये अंदाजा लगाया गया कि महिला शादीशुदा है। फॉरेंसिक जांच में महिला की उम्र 25 साल से 30 साल के बीच बताई गई। साथ ही रिपोर्ट में पता चला कि उसे मारने से पहले नशीली दवा पिलाकर बाद में गला दबा उसकी हत्या कर दी गई। इसके बाद उसे जला दिया गया था।

महिला की नहीं हो सकी पहचान

पुलिस के पास महिला की कोई पहचान नहीं थी, ऐसे में केस को जल्द से जल्द सॉल्व करना भी पुलिस के लिए सिरदर्द था। ठाकुरगंज, चौक, दुबग्गा समेत क्राइम ब्रांच की टीम केस को सुलझाने में जुटी। सबसे पहले टीम ने घटनास्थल और आसपास के एरिया में लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला, लेकिन पुलिस को कोई ऐसा क्लू नहीं मिला, जिससे अपराधियों तक पहुंचा जा सके। इसके बाद पुलिस सर्विलांस टीम की मदद से घटनास्थल का मोबाइल डंप डाटा उठाया, लेकिन इसमें भी पुलिस को खास कामयाबी नहीं मिली। फिर पुलिस ने गुमशुदा महिलाओं के आधार पर थानों का रिकार्ड खंगाला, लेकिन इसमें भी पुलिस को कोई कामयाबी नहीं मिली। इस केस में पुलिस को अबतक ये नहीं पता चल सका कि महिला को कहां मारा गया और जलाया कहां गया। बहरहाल केस को 24 महीने से ज्यादा बीत चुके हैं, लेकिन अबतक पुलिस इस महिला के हत्यारों तक पहुंचने में कोसों दूर है।

इन पहलुओं पर जांच

- केस को सॉल्व करने के लिए सौ से अधिक संदिग्धों से हुई पूछताछ।

- थानों में दर्ज महिलाओं के गुमशुदगी के खंगाले गए रिकार्ड।

- घटनास्थल और आसपास के लोगों का दर्ज किया गया बयान।

- आसपास के घरों से कचरा फेंकने वालों पर भी रखी गई नजर।

- केस में क्लू मिलने पर खुल जाएगी फाइल।