40 करोड़ का होटल कारोबार डेली

25 हजार लोग डेली होटलों में आते हैं

16 करोड़ का नुकसान चिकन कारोबार को

3 दिन से एक भी ट्रक चिकन के कपड़ों का एक्सपोर्ट नहीं

- पीक सीजन में भी होटलों के कमरे हैं खाली, टूर एंड ट्रैवल्स कंपनियों के पास भी बुकिंग नहीं

- पर्यटकों के न आने से चिकन कारोबार को भी लगा करारा झटका

LUCKNOW:

होटलों के कमरे खाली हैं। आने वाले पर्यटकों की संख्या कम हो गई है। ट्रैवेल एजेंसीज में भी बुकिंग नहीं हो रही है। वहीं चिकन के कपड़ों का कारोबार भी प्रभावित हो गया है। यह सब राजधानी में बीते गुरुवार को हुए उपद्रव के कारण हुआ है। राजधानी के माहौल को देखते हुए यहां अपने वाले पर्यटकों की संख्या भी कम हो गई है। इमामबाड़े और जू में आने वाले पर्यटकों की संख्या काफी कम हो गई है।

फुल रहते थे राजधानी के होटल

होटल कारोबार से जुड़े लोगों ने बताया कि राजधानी विभिन्न एग्जाम, सरकारी काम के लिए आने वाले लोगों और बड़ी संख्या में आने वाले पर्यटकों के कारण यहां के होटल साल भर गुलजार रहते हैं। इस बार दिसंबर में सहालग का सीजन खत्म होने के बाद होटलों में लोगों के आने की संख्या कम हो गई थी। उम्मीद थी कि दिसंबर में कई एग्जाम होने और सर्दी की छुट्टियों में बड़ी संख्या में लोग यहां आएंगे और होटलों में काफी बुकिंग होगी। हालांकि हाल में ही हुए उपद्रव के चलते जहां एग्जाम कैंसिल कर दिए गए, वहीं बाहर से आने वाले पर्यटक भी नहीं आए। जिससे होटल कारोबार ठंडा हो गया।

बहुत बड़ा है कारोबार

होटल कारोबारियों के अनुसार राजधानी में रोजाना 35 से 40 करोड़ का कारोबार होता है। डेली करीब 25 हजार से अधिक लोग होटल आते-जाते हैं। दिसंबर से फरवरी तक बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक राजधानी आते हैं।

राजधानी में होटलों में सन्नाटा है। सहालग का सीजन खत्म होने के बाद पर्यटकों और परीक्षाओं में आने वाले कैंडीडेट्स से उम्मीद थी। तनावपूर्ण माहौल के चलते जहां परीक्षाएं रद हो गई, वहीं पर्यटक भी नहीं आए।

सुनील शर्मा, अध्यक्ष

चारबाग होटल एंड रेस्टोरेंट आनर्स एसोसिएशन

गाडि़यां तो खड़ी ही हो गई

होटलों के बाद सर्वाधिक नुकसान टूर एंड ट्रैवल्स कंपनियों को हुआ है। लोगों ने बाहर जाने की बुकिंग नहीं कराई है और कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने पहले कराई गई बुकिंग भी कैंसिल करा दी है। ट्रैवल्स कंपनियों से जुड़े लोगों ने बताया कि 25 दिसंबर के बाद आने वालों की हम बुकिंग नहीं ले पाते थे, लेकिन इस बार 25 दिसंबर आ गई है लेकिन हमारे पास बुकिंग तक नहीं हैं।

सहालग के बाद पर्यटकों की बुकिंग रहती है। स्थानीय लोग भी विंटर वेकेशन में बाहर जाते हैं। इस बार अभी ना तो बाहरी बुकिंग आई है और यहां के लोगों ने भी हाथ खींच रखे हैं।

नीरज मिश्रा, महामंत्री

लखनऊ टूर एंड ट्रवेल्स एसोसिएशन

चिकन के कपड़ों की सेल भी फेल

कुछ ऐसा ही हाल चिकन कपड़ा बाजार का भी है। लखनऊ के चिकन की देश ही नहीं विदेशों में भी काफी डिमांड है। यहां आने वाले पर्यटक चिकन के कपड़े खरीदना नहीं भूलते हैं। पर्यटकों के न आने से यहां के चिकन के कपड़ों का कारोबार भी प्रभावित हो गया है। चिकन कारोबारियों के अनुसार यहां के चिकन कपड़ा उद्योग को पिछले तीन दिन में 16 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। यहां से इन कपड़ों का एक्सपोर्ट होता है लेकिन पिछले तीन दिन से एक भी ट्रक नहीं भेजा जा सका है।

चौक क्षेत्र में ही उपद्रव होने से इस क्षेत्र के कारोबार पर काफी असर पड़ा है। चिकन कपड़ा कारोबार सर्वाधिक प्रभावित रहा। पर्यटकों के ना आने से व्यापारियों को खासा नुकसान हुआ है।

प्रवीण गर्ग

चिकन कपड़ा व्यवसाई

चौक क्षेत्र का कारोबार प्रभावित

चौक क्षेत्र में सर्वाधिक खाने-पीने की दुकानें हैं। यहां की चाट, मक्खन और नॉनवेज की दुकानों पर शाम से ही भीड़ जुट जाती है जो देर रात तक देखी जा सकती है। शहर के बाहर से भी लोग यहां आते हैं। लगातार दुकानें बंद होने से कारोबारियों के साथ ही स्वाद के शौकीनों को भी नुकसान उठाना पड़ा है।

चौकक्षेत्र में बाजार को पटरी पर आने में अभी कई दिन लगेंगे। जिनके पास यहां के लोगों के मोबाइल नंबर हैं वे यहां आने से पहले पूछ रहे हैं, क्या माहौल है। दुकानें बंद होने से कारोबार प्रभावित हुआ है।

आदीश जैन, चौक कारोबारी