लखनऊ (ब्यूरो)। संजय गांधी पीजीआई द्वारा शनिवार को अपना 28वां स्थापना दिवस समारोह कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में मनाया गया। समारोह में गवर्नर ने चिकित्सा संस्थान में कुल 265 उपाधियों का वितरण किया। जिसमें यूजी स्तर पर 77, पीजी स्तर पर 185 तथा शोध के लिए 3 शोधार्थी विद्यार्थियों ने उपाधि प्राप्त की। समारोह में 150 छात्र व 115 छात्राओं को डिग्री प्रदान की गयी। इसके साथ-साथ सबसे अधिक पेटेंट व सबसे अधिक रिसर्च ग्रांट हासिल करने को अवार्ड तथा सव्य साची अवार्ड से शिक्षकों को नवाजा गया। साथ ही बटन दबाकर सभी उपाधियों को डिजिलॉकर पर अपलोड भी किया गया।

बच्चों को स्कूली बैग दिए

इस अवसर पर एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो। आरके धीमन द्वारा यूनिवर्सिटी की प्रोग्रेस रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। समारोह में महाराष्ट्र विश्वविद्यालय ऑफ हेल्थ साइंसेज नासिक की वीसी ले.ज। माधुरी कानिटकर को मानद उपाधि प्रदान की गई। वहीं, कार्यक्रम में गवर्नर ने आंगनबाड़ी केंद्रों को सुविधा संपन्न बनाने को आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को 5 किट प्रदान किया। इस अवसर पर 10 स्कूली बच्चों को उपहार स्वरूप पठन-पाठन सामग्री व स्कूली बैग प्रदान किए गए।

चिकित्सकों से समाज को काफी अपेक्षाएं है

समारोह में गवर्नर ने बताया कि जब बच्चे बड़े होते हैं तो उन्हें मां की महत्वपूर्ण भूमिका का एहसास होता है कि मां ने उन्हें बड़ा करने में कितना काम किया है। यदि महिलाओं में गुणवत्ता, ज्ञान और कमिटमेंट है तो उन्हें उचित अवसर प्रदान किया जाना चाहिए। वहीं, समारोह में उपस्थित छोटे बच्चों को संदेश देते हुए कहा कि आप समारोह से एक सपना, संकल्प और प्रेरणा लेकर जाएं। साथ ही वर्तमान समय मे बीमारियों की रोकथाम को सर्वाधिक प्रयास प्रिवेंटिव एक्शन में करने का आह्वान किया। जिसके तहत उन्होंने स्वच्छ खानपान, स्वच्छ जीवन शैली, आसपास के नालों की सफाई की जरूरत बताई। उन्होंने विकसित भारत 2047 के निर्माण को बच्चों के शिक्षा में ड्रॉप आउट रेट को रोकना, नियमित स्वास्थ्य की जांच तथा स्वस्थ और समृद्ध समाज का निर्माण को आवश्यक बताया। डॉक्टर को देखकर मरीज को संतोष होता है। चिकित्सक की भूमिका में समाज की उनसे काफी अपेक्षाएं हैं। उन्होंने सभी को खुश रहने और समाज को खुश रखने की अपील की।

डॉक्टर अस्पताल रूपी मंदिर के पुजारी

समारोह में विशिष्ट अतिथि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख एल मांडविया ने कहा कि आज आपका एक जीवन पूर्ण हो रहा है और दूसरे जीवन का प्रारंभ हो रहा है। उन्होंने कहा कि एक डॉक्टर के रूप में माता-पिता व समाज के प्रति दायित्वों का निर्वहन करें। उन्होंने अस्पताल को मंदिर, मरीज को नारायण व डॉक्टर को मंदिर की सेवा करने वाली पुजारी की उपमा दी। उन्होंने कहा कि डॉक्टर के प्रति मरीज को भरोसा होता है। देश का हर नागरिक स्वस्थ है तभी स्वस्थ समाज, स्वस्थ राष्ट्र और समृद्ध राष्ट्र का निर्माण होता है। उन्होंने सभी उपस्थित से अपील करते हुए कहा कि देश प्रथम की भावना से कार्य करें।

रिसर्च को मरीजों के हित से जोड़ें

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि दीक्षांत समारोह का जीवन पर बड़ा प्रभाव होता है। जब हमें नई चुनौतियों के लिए तैयार होना पड़ता है। उन्होंने चुनौतियों को स्वीकार करने व मरीज को भगवान मानकर उनकी सेवा करने की अपील की। वहीं, राज्य मंत्री चिकित्सा शिक्षा मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि सरकार के प्रयास से नित नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना हो रही है। जिससे डॉक्टर्स की कमी दूर होगी तथा सभी डॉक्टर्स को उन्होंने सरकारी अस्पतालों से जुड़ने की अपील की। वहीं, महाराष्ट्र विश्वविद्यालय ऑॅॅफ हेल्थ साइंसेज नासिक की वीसी ले.ज। माधुरी कानिटकर ने कहा कि विकसित भारत के लिए युवा और महिला आगे बड़े। हमारा नजरिया इलनेस से वेलनेस की तरफ होना चाहिए। विकसित भारत को सक्षम भारत और निरामय भारत बनाने की जरूरत है। उन्होंने चिकित्सा व्यवसाय में शिक्षण, अनुसंधान व जन स्वास्थ्य तथा मरीजों के सेहत रूपी ट्राइंगल को आपस में जोड़ने की अपील की।

यूजी डिग्री - 77

पीजी डिग्री - 185

पीएचडी - 3

बीएससी-सीएमटी - 40

बीएससी-नर्सिंग - 37