लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के हेड प्रो। तुलिका चंद्रा बताती हैं कि डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइंस के अनुसार प्लेटलेट्स कांउट्स जब 10 हजार से कम हो तभी चढ़ाया जाए या फिर अगर किसी में 20 हजार है और बुुजुर्ग हो तो डॉक्टर की सलाह पर चढ़ा सकते हैं। अगर कोई बड़ी सर्जरी जिसमें प्लेटलेट्स 50 हजार के अधिक चाहिए, तब चढ़ाई जा सकती है। प्लेटलेट्स को लेकर जागरूकता बढऩे से इसकी डिमांड भी बढ़ी है। केजीएमयू में रोज प्लेटलेट्स को लेकर 200 तक की डिमांड आ रही है।

ब्लीडिंग हो तो प्लेटलेट्स चढ़वाएं
डॉ। तुलिका ने बताया कि बीमारी के दौरान ब्लीडिंग या चकत्ते हों, तभी प्लेटलेट्स चढ़ाई जा सकती है। काउंट देखकर प्लेटलेट्स चढ़ाना ठीक नहीं है। डेंगू होते ही लोग प्लेटलेट्स चढ़ाने की मांग करते हैं। वे सोचते हैं कि प्लेटलेट्स चढ़ जाएंगी तो मरीज को फायदा होगा, जबकि ऐसा हर बार नहीं होता है। प्लेटलेट्स की शेल्फ लाइफ केवल पांच दिन होती है। ऐसे में, इसे मिलते ही तुरंत चढ़ाना होता है। आपकी बॉडी में किसी और की प्लेटलेट्स जा रही हैं। जिसमें हजारों तरह के एंटीजन और एंटीबॉडी होती हैं। जिससे आपको रिएक्शन या इंफेक्शन भी हो सकता है। वहीं सेप्टीसीमिया की भी आशंका हो सकती है।

डेंगू से सतर्क रहने की जरूरत
एम्स दिल्ली के मेडिसिन विभाग की स्टडी से पता चला है कि कुछ लोगों में बिना बुखार आये भी डेंगू हो सकता है। जिसे एफेब्रिल डेंगू कहा जाता है। शुगर के मरीज, छोटे बच्चे, बुजुर्ग और जिनकी इम्युनिटी कमजोर है, उनको बिना बुखार के भी डेंगू हो सकता है। ऐसे लोगों में डेंगू के लक्षण काफी हल्के होते हैं। केजीएमयू में मेडिसिन विभाग के हेड प्रो। विरेंद्र आतम ने बताया कि अमूमन डेंगू होने पर बुखार और अन्य लक्षण दिखते हंै। कुछ ही मामलों में लक्षण नहीं दिखते हैं। ऐसे में लोगों को डेंगू के प्रति सतर्क रहना चाहिए।

कोई साइंटिफिक प्रूफ नहीं
प्रो। विरेंद्र आतम ने बताया कि डेंगू होने पर लोग सुने-सुनाये नुस्खे जैसे बकरी बा दूध पीना, पपीते के पत्ते का सेवन करना आदि करने लगते हैं। ऐसा कोई साइंटिफिक प्रूफ नहीं है कि इससे प्लेटलेट्स में कोई फायदा होता है। यह जरूर है कि इसके अधिक सेवन से नुकसान जरूर हो सकता है। डेंगू के मरीज को जिनता हो सके आराम करना चाहिए और लिक्विड डायट का ही सेवन करना चाहिए।

डेंगू होने पर बिना वजह प्लेटलेट्स चढ़वाने से बचना चाहिए क्योंकि इसमें हजारों एंटीजन और एंटीबॉडी होती हैं जो इसके साथ आपकी बॉडी में जाती हंै।
- डॉ। तुलिका चंद्रा, केजीएमयू

डेंगू होने पर केवल डॉक्टर द्वारा बताये गये ट्रीटमेंट को ही करना चाहिए। खुद से कोई इलाज करने से बचना चाहिए। खुद से की गई कोई भी दवा नुकसान पहुंचा सकती है।
- डॉ। विरेंद्र आतम, केजीएमयू