लखनऊ (ब्यूरो)। एलडीए में इस समय अवैध कब्जों की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैैं। कोई अपनी दुकान के सामने अवैध कब्जा किए जाने की कंपलेन कर रहा है तो कोई फ्लैट में। एलडीए की ओर से जांच टीम तो गठित कर दी गई है, लेकिन अभी तक आवंटियों को पूरी तरह से राहत नहीं मिल सकी है। इतना ही नहीं, एलडीए की खुद की योजनाओं में भी अवैध कब्जों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिसकी वजह से प्राधिकरण के अधिकारी टेंशन में हैैं और नए सिरे से अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की रणनीति बना रहे हैैं।

दुकानों के सामने कब्जे ज्यादा

एलडीए मेें आयोजित होने वाले प्राधिकरण दिवस में अवैध कब्जों की कंपलेन ज्यादा आ रही है। दुकान के सामने से लेकर स्कूल परिसर के बगल में अवैध कब्जे हो रहे हैैं। पीड़ितों की ओर से कई बार कंपलेन की जा रही है, लेकिन अभी तक ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है। इसी तरह नेहरू एंक्लेव, कानपुर रोड योजना, गोमतीनगर योजना समेत कई अन्य योजनाओं में भी फ्लैट्स पर अवैध कब्जे के मामले सामने आ चुके हैैं, लेकिन इस समस्या का भी अभी तक कोई अंत नहीं हो सका है।

इस तरह समझें

केस एक

शारदानगर निवासी नीलम गुप्ता को एलडीए की ओर से दुकान आवंटित की गई थी। उनकी दुकान के ठीक सामने अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है। अब वह एलडीए के चक्कर काट रही हैैं।

केस दो

ऐशबाग निवासी रमेश ने भी कुछ दिन पहले अपने प्लॉट में कब्जा किए जाने की कंपलेन की थी। हालांकि, अभी इस मामले की जांच पड़ताल जारी है।

केस तीन

नेहरू एंक्लेव में भी आवंटियों की ओर से फ्लैट्स पर कब्जा किए जाने की कंपलेन प्राधिकरण में की जाती रहती हैैं।

खुद की योजनाओं में कब्जे

एलडीए की ओर से इस समय बसंतकुंज योजना में प्लॉट्स के लिए रजिस्ट्रेशन खोले गए हैैं। इस योजना के अंतर्गत प्रेरणा स्थल भी तैयार कराया जा रहा है। इस योजना में भी अवैध कब्जे सामने आ चुके हैैं। एलडीए की ओर से इन्हें खाली तो करा लिया गया है, लेकिन अभी पूरी तरह से यह योजना अवैध कब्जे के ग्रहण से मुक्त नहीं हुई है। इसी तरह ऐशबाग योजना में भी प्राधिकरण की जमीन पर अवैध कब्जे के मामले सामने आ चुके हैैं। टीपीनगर योजना में तो फर्जी तरीके से भूखंड तक बेचे जाने का मामला सामने आ चुका है।

ठोस योजना की जरूरत

एलडीए के पास अवैध कब्जों को रोकने के लिए कोई ठोस योजना नहीं है। जिसकी वजह से आवंटियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई अपार्टमेंट ऐसे हैैं, जिनकी सर्विस लेन पर अवैध तरीके से दुकानें लग रही हैैं और आवंटियों की शिकायत के बाद भी अभी तक कोई बड़ा एक्शन नहीं लिया गया है। गुजरते वक्त के साथ हालात और भी ज्यादा खराब होते जा रहे हैैं।

जिन आवंटियों की ओर से अवैध कब्जे की कंपेलन की गई है, उन्हें संज्ञान में लेते हुए जांच कमेटी बनाई गई है और निर्देश दिए गए हैैं कि अवैध कब्जों को तत्काल हटाया जाए।

डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, वीसी, एलडीए